मदरसे की छत पर सेट किया गया गुलेल |
दिल्ली के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में हिन्दुओं के ख़िलाफ़ हुई हिंसा पूर्व नियोजित होने के कई सबूत सामने आ रहे हैं। हिंसाग्रस्त इलाकों से लगातार ऐसी तस्वीरें और विडियो सामने आ रही हैं, जो इस बात को प्रमाणित करती हैं कि ये हिंसा दो समुदायों के आमने-सामने आने से नहीं भड़की, बल्कि ये सब एक प्लान के तहत हुआ। मुस्लिम दंगाइयों ने हिन्दुओं के घरों पर, उनकी गाड़ियों पर और उनके शैक्षणिक संस्थानों पर हमला करने के लिए पहले से ही तैयारी कर रखी थी।
सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो वायरल हो रहा है। विडियो जिस मदरसे का है उसके आसपास ही शिव विहार, अमर विहार, मुस्तफाबाद है। विडियो में देखा जा सकता है कि मदरसे की छत पर एक बडा गुलेल सेट किया है। इससे पत्थर और पेट्रोल बम जमकर बरसाए जा सके। विडियो में आप देख सकते हैं कि ये गुलेल आम गुलेल की तरह नहीं है। लोहे की रॉड पर रबड़ लगाकर बड़े आकार में इसे बनाया गया है। इसमें यदि कोई चीज फँसाकर दागी जाए, तो वो दूर जाकर गिरेगी।
https://www.facebook.com/story.php?story_fbid=10158015798276597&id=824496596
Jinhe lagta hai ye CAA ke against protest tha to apne dimaag se nikaal do, Hinduon ke against pre-planned war hai. Aise chhat pe patthar aur petrol bomb maarne ke liye kaun itni badi gulel lagata hai. Tumhari soch se kahin aage hai Jihadi soch. Meri friend list mein 400+ log hai jo 90-95% Hindu majority area mein rehte hai aur shayad unhen aisa lagta hai ki arey sab kuchh to theek hai hamare yahan, unse request hai 6 mahine rent pe hi sahi ja ke raho jahan Jihadi 30-35% pe hain. Aukaat pata chal jaayegi. Yahan to log post like aur share karne se bhi bachte hain ki hamare dost aur rishtedaar kya kahenge, kuchh nahi kahenge jab tum sach ko bina dare likhoge aur share karoge. #ArrestTahirHussain
युवक को कहते सुना जा सकता है कि इस युद्ध में कबाड़े की चीज़ों का भी दंगाइयों ने इस्तेमाल किया। युवक कहता है कि ये लड़ाई नहीं है, ये युद्ध है। इसे ही सिविल वार कहा जाता है। हालात देखकर युवक कहता है कि इजराइल के साथ भी ऐसा ही युद्ध लड़ा जाता है और हमारे (हिंदुओं) साथ भी ऐसा ही युद्ध लड़ा जाता है।
विडियो में हम देख सकते हैं कि युवक मदरसे के टॉवर से दो जगहों को और दिखाता है। एक हिंदुओं का स्कूल और दूसरा मुस्लिमों का स्कूल। विडियो में साफ दिख रहा है कि दंगाइयों ने हिंदुओं के स्कूल को तहस-नहस कर दिया है। एक क्लासरूम भी नहीं छोड़े गए हैं, जबकि मुस्लिमों के स्कूल में हल्के नुकसान से अतिरिक्त कुछ नजर नहीं आ रहा।
राजधानी पब्लिक स्कूल से रस्सी के सहारे गुंडों ने उतर के बगल के डीआरपी स्कूल को जला डाला। जो शिव विहार में स्थित है। क्योंकि ये एक हिन्दू का स्कूल है। स्थानीय लोगों ने साफ बताया मुसलमानों ने इसे जलाया है।#AntiHinduDelhiRiots2020 @anupamnawada @OpIndia_in pic.twitter.com/hJfFdX93cP— Ravi Agrahari (@Ravibhu09) February 28, 2020
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर इस विडियो को जमकर शेयर किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि लोग अपने दिमाग से इन बातों को निकाल दें कि ये हिंसा सीएए के विरोध में हुई। ये हिंसा हिन्दुओं के ख़िलाफ़ पूर्व नियोजित थी। वरना कौन पत्थर और पेट्रोल बम फेंकने के लिए गुलेल लगाता है।
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साभार :ANI |
लोगों का पूछना था "क्या सरकार को दंगे की कोई सूचना नहीं थी? क्या गुप्तचर एजेंसियों को आप पार्षद ताहिर हुसैन, मस्जिदों और मदरसों में जमा हो रहे पत्थर, ईंट, एसिड और पेट्रोल बम बनाए की सुगबुहाट नहीं मिली?" पार्षद के पास इन सवालों का जवाब न होने के कारण वापस जाना पड़ा।
अवलोकन करें:-
जब जनता समझ रही थी कि CAA विरोध की आड़ में कोई षड़यंत्र रचा रहा है, केंद्र और राज्य सरकारें इस षड़यंत्र क्यों नहीं समझ पायीं? यह विरोध केवल मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में ही हो रहा है, क्यों? सरकारें क्यों आंखें मूंदे रही? कोई भी सुरक्षाकर्मी राज्य अथवा केंद्र सरकार की आज्ञा के बिना कुछ नहीं कर सकता।
जिस तरह इस दंगे में मस्जिद और मदरसे का इस्तेमाल किया गया है, क्या सरकार उनको सील करेगी? क्या इनके संरक्षणों को गिरफ्तार करेगी? जब धरनों में "fuck hindutv", "हिन्दू तेरी कब्र खुदेगी", "मोदी तेरी कब्र खुदेगी" और "योगी तेरी कब्र खुदेगी" आदि अलगाववादी हरकतें हो रहीं थी, राज्य और केंद्र सरकारें क्यों नहीं हरकत में आयीं? जो स्पष्ट रूप से दर्शा रहा था, कि यह कोई CAA की लड़ाई नहीं, हिन्दू के विरुद्ध है, गुब्बारा कभी भी फूट सकता था, और फूट गया।
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