
शाहीन बाग़ प्रदर्शनस्थल पर यूँ तो हिंदुत्व विरोधी कई पोस्टर समय-समय पर लगाए जाते रहे हैं लेकिन अब वहाँ ऐसे पोस्टर भी लगाए गए हैं, जो भारत के ‘टुकड़े-टुकड़े’ वाली मानसिकता के परिचायक हैं। मसलन, वहाँ भारत का ऐसा नक्शा लगाया गया है, जहाँ उत्तर-पूर्व भारत को देश से अलग दिखाया गया है। ऐसा दिखाया गया है कि उत्तर पूर्वी भारत को शेष भारत से अलग काट दिया गया है। नीचे संलग्न किए गए ट्वीट में आप उस पोस्टर को देख सकते हैं:


On the stage of Shaheen Bagh ladies & Gentlemen. Hardly 50-60 ladies. So Shaheen Bagh which is being portrayed all over the world as ‘Thousands of Muslim ladies’ on road is another fake agenda. Is se jyaada aurate toh sangeet me aajati hain. 😂 pic.twitter.com/y4R5xLks5U— Dr Smokiee (@SmokingSkills_) January 30, 2020
सिलीगुड़ी कॉरिडोर ही उत्तर-पूरी भारत के राज्यों को शेष भारत से जोड़ता है। संवेदनशील इलाक़ा होने के कारण यहाँ असम राइफल्स, सीआरपीएस, बीएसएफ और सेना के जवान लगातार गश्त करते रहते हैं।
ऐसा नहीं है कि देश के सभी राजनीतिक दलों ने इस पोस्टरों का विरोध किया हो। कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इन पोस्टरों का समर्थन किया है। सीएए के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के नाम पर जब हिंसा भड़की तो इसी तरह की एक उपद्रवी भीड़ का नेतृत्व करते हुए आप विधायक अमानतुल्लाह ख़ान को भी देखा गया था।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही कह चुके हैं कि वो शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हैं। दिल्ली में कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार मुकेश शर्मा भी कह चुके हैं कि वो शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन में मदद पहुँचाते रहते हैं और उन लोगों से उनकी बात होती रहती है।(साभार)
अवलोकन करें:-
दिल्ली में केजरीवाल का हारना देशहित में
जिस तरह शरजील के बयान आ रहे हैं, वह देशहित में नहीं। जब हम देश की गुप्तचर एजेंसीज और RAW के वर्तमान एवं सेवानिर्वित अधिकारियों की बातों का मन्थन करने पर कई बातें निकलकर आती हैं। कई बातें सुनकर होश ही उड़ जाते हैं। अगर केजरीवाल ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश-विरोधी नारे लगाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की इजाजत दे दी होती, कोई शाहीन बाग़ एवं प्रदर्शन नहीं होता। यदि दिल्ली की जनता मुफ्तखोरी की चाहत से बाहर निकल CAA विरोधियों को
जिस तरह शरजील के बयान आ रहे हैं, वह देशहित में नहीं। जब हम देश की गुप्तचर एजेंसीज और RAW के वर्तमान एवं सेवानिर्वित अधिकारियों की बातों का मन्थन करने पर कई बातें निकलकर आती हैं। कई बातें सुनकर होश ही उड़ जाते हैं। अगर केजरीवाल ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश-विरोधी नारे लगाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की इजाजत दे दी होती, कोई शाहीन बाग़ एवं प्रदर्शन नहीं होता। यदि दिल्ली की जनता मुफ्तखोरी की चाहत से बाहर निकल CAA विरोधियों को
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