शाहीन बाग़ में भारत के ‘टुकड़े-टुकड़े’ वाले पोस्टर: नक्शों में उत्तर-पूर्व को देश से कटा हुआ दिखाया

शाहीन बाग़, उत्तर-पूर्व भारतदिल्ली पुलिस ने बिहार पुलिस के सहयोग से जहानाबाद के काको से देशद्रोह के आरोपित शरजील इमाम को गिरफ़्तार किया। शाहीन बाग़ प्रदर्शन के मुख्य साज़िशकर्ता शरजील ने पूरे नॉर्थ-ईस्ट को शेष भारत से अलग करने के लोए लोगों को भड़काया था। उसके फेसबुक पोस्ट से ही पता चल गया था कि वो एक इस्लामिक कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित व्यक्ति है। पुलिस की पूछताछ के दौरान भी ये बातें स्पष्ट हो गई है कि वो इस्लामी कट्टरपंथी जहरीले भाषण देने का उसका पुराना रिकॉर्ड रहा है।
शाहीन बाग़ प्रदर्शनस्थल पर यूँ तो हिंदुत्व विरोधी कई पोस्टर समय-समय पर लगाए जाते रहे हैं लेकिन अब वहाँ ऐसे पोस्टर भी लगाए गए हैं, जो भारत के ‘टुकड़े-टुकड़े’ वाली मानसिकता के परिचायक हैं। मसलन, वहाँ भारत का ऐसा नक्शा लगाया गया है, जहाँ उत्तर-पूर्व भारत को देश से अलग दिखाया गया है। ऐसा दिखाया गया है कि उत्तर पूर्वी भारत को शेष भारत से अलग काट दिया गया है। नीचे संलग्न किए गए ट्वीट में आप उस पोस्टर को देख सकते हैं:
सोमवार (फरवरी 3, 2020) को ऑपइंडिया के रिपोर्टरों ने शाहीन बाग़ के धरनास्थल पर जाकर पड़ताल की तो पाया कि देश के ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने की मानसिकता का परिचय देने वाला वो पोस्टर वहाँ पर लगा हुआ था, जिसमें नार्थ-ईस्ट इंडिया को देश के बाकि हिस्सों से काट कर दिखाया गया है। हमारे रिपोर्टरों ने विभिन्न एंगलों से तवीरें क्लिक की, जिसमें वो पोस्टर स्पष्ट दिख रहा है। इससे साफ़ मालूम होता है कि शाहीन बाग़ प्रदर्शन के पीछे देशविरोधी मानसिकता काम कर रही है।
यही वो ऐसे पोस्टर्स हैं, जिन्हें लहराते हुए ‘जिन्ना वाली आज़ादी’ का नारा लगाया गया था। अब जब प्रदर्शन को आयोजित करने वाला ही सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकेन्स नेक) को काट डालने की बात करता है और वहाँ आवागमन को ठप्प करने के लिए लोगों को भड़काता है तो फिर उस प्रदर्शन में मौजूद लोगों की मानसिकता उससे अलग तो होगी नहीं।

सिलीगुड़ी कॉरिडोर ही उत्तर-पूरी भारत के राज्यों को शेष भारत से जोड़ता है। संवेदनशील इलाक़ा होने के कारण यहाँ असम राइफल्स, सीआरपीएस, बीएसएफ और सेना के जवान लगातार गश्त करते रहते हैं।
ऐसा नहीं है कि देश के सभी राजनीतिक दलों ने इस पोस्टरों का विरोध किया हो। कॉन्ग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इन पोस्टरों का समर्थन किया है। सीएए के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के नाम पर जब हिंसा भड़की तो इसी तरह की एक उपद्रवी भीड़ का नेतृत्व करते हुए आप विधायक अमानतुल्लाह ख़ान को भी देखा गया था।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही कह चुके हैं कि वो शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हैं। दिल्ली में कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार मुकेश शर्मा भी कह चुके हैं कि वो शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन में मदद पहुँचाते रहते हैं और उन लोगों से उनकी बात होती रहती है।(साभार)
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार शाहीन बाग का मास्टरमाइंड शरजील इमाम भारत को इस्लामिक मुल्क बनाना चाहता था। दिल्ली पु...
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार देश के जाने माने रक्षा विश्लेषक, पूर्व रॉ अधिकारी और रिटायर्ड कर्नल आरएसएन सिंह ने रा....
दिल्ली में केजरीवाल का हारना देशहित में
जिस तरह शरजील के बयान आ रहे हैं, वह देशहित में नहीं। जब हम देश की गुप्तचर एजेंसीज और RAW के वर्तमान एवं सेवानिर्वित अधिकारियों की बातों का मन्थन करने पर कई बातें निकलकर आती हैं। कई बातें सुनकर होश ही उड़ जाते हैं। अगर केजरीवाल ने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देश-विरोधी नारे लगाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही करने की इजाजत दे दी होती, कोई शाहीन बाग़ एवं प्रदर्शन नहीं होता। यदि दिल्ली की जनता मुफ्तखोरी की चाहत से बाहर निकल CAA विरोधियों को 
चुनावों में चारों खाने चित करते हैं, उसके बहुत दूरगामी परिणाम होंगे। इसका प्रभाव केवल दिल्ली ही नहीं, समस्त भारत पर पड़ेगा। जब तक केजरीवाल सत्ता में रहेगा, देश इन अलगाववादियों को झेलने के लिए मजबूर होता रहेगा। प्रमाण देखिए: अलीगढ में भड़काऊ भाषण देकर भागा मुंबई से गिरफ्तार हुआ डॉ कफील का यह कहना,"मुझे यूपी मत भेजना", स्पष्ट कर रहा है कि भाजपा दंगाइयों और अलगाववादियों पर पहाड़ बन टूट रही। सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि पिछली सरकारों ने जितना इन एजेंसीज को कमजोर किया था, मोदी सरकार ने उससे कहीं अधिक इन्हे मजबूत किया है। जब तक दिल्ली में केजरीवाल सरकार रहेगी, पता नहीं कितने शरजील, खारिद और कन्हैया कुरकुरमुते की तरह अराजकता पैदा करते रहेंगे। अगर केजरीवाल ने जेएनयू में देश-विरोधी नारे लगाने वालों के विरुद्ध सख्ती दिखाई होती, दिल्ली ही देश में शांति रह रही होती।


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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के नाम पर भारत के ‘टुकड़े-टुकड़े’ करने .....

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