मध्य प्रदेश : अतिथि विद्वानों के साथ धोखा, विरोध में डॉ. शाहीन खान ने कराया मुंडन

कांग्रेस शासित मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की संवेहनहीनता एक बार फिर सामने आई है। सरकार बनने के बाद 10 दिनों के अंदर किसानों का कर्ज माफ करने का वादा करने वाली कमलनाथ सरकार 14 महीने बीत जाने के बाद भी ऋण माफ नहीं की और अब नियमितीकरण की मांग को लेकर अतिथि विद्वान पिछले 73 दिनों से भोपाल के शाहजहांनी पार्क में धरने पर बैठे हैं, लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक रेंग नहीं रेंग रही है। 
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह का कहना है कि सरकार के पास आईफा अवार्ड्स कराने और फिल्मों को टैक्स फ्री करने के लिए पैसे हैं लेकिन वचनपत्र में किए गए वादे को पूरा करने के लिए सरकार बार-बार वित्तीय संकट का हवाला दे रही है। 
धरने पर बैठी एक महिला अतिथि विद्वान ने फरवरी 12 को सरकार के विरोध में मुंडन कराया। अतिथि विद्वानों का कहना है कि हमारे लिए अब जीवन और मौत का मामला है, हमें जब तक लिखित आर्डर नहीं मिल जाता, तब तक धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। मुंडन कराने वाली महिला का नाम डॉ. शाहीन खान है। वह कटनी के पालू उमरिया शासकीय महाविद्यालय में हिन्दी पढ़ाती हैं।
मीडिया की खबरों के अनुसार लोक सेवा आयोग से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदभार संभालने के बाद नौकरी जाने से तनाव में आकर उमरिया में पदस्थ अतिथि विद्वान संजय कुमार अपनी जान दे चुके हैं। स्व संजय की पत्नी लालसा देवी भी तीन दिन से अस्थि कलश लेकर धरने पर बैठी हैं। अतिथि विद्वानों का यह आंदोलन छिंदवाड़ा से शुरू होकर भोपाल पहुंच गया है। आंदोलन को दो महीने से ज्यादा समय दिन बीत चुका हैं।

No comments: