आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और केंद्र सरकार इससे निपटने के लिए जनता को लगातार जागरूक करने में लगी हुई है। उधर दिल्ली सरकार पर इस मामले में असंवेदनशीलता दिखाने के आरोप लग रहे हैं।
अब अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगा है कि उसने पिछले 3 महीनों से डॉक्टरों को सैलरी नहीं दी है। ऐसा दिल्ली की एक अधिकारी के ट्वीट से पता चला है। नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की कमिश्नर वर्षा जोशी ने ट्वीट कर बताया है कि डॉक्टरों को जनवरी 2020 से लेकर अब तक सैलरी नहीं दी गई है।
इससे पूर्व सफाई कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण, दिल्ली की सफाई व्यवस्था चौपट होने पर केंद्र में मोदी सरकार पर समय से अनुदान न किए जाने का ठीकरा फोड़ते रहे। वही स्थिति अब डॉक्टरों के वेतन के हो रही है। दिल्ली सरकार के पास उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में पीड़ितों पर रूपए लुटाने के लिए धन था, लेकिन डॉक्टरों को वेतन देने के लिए नहीं। केजरीवाल बताएं कि "जब से दिल्ली की सत्ता में आए हैं, किसी मंत्री अथवा विधायक का वेतन रुका?
दरअसल, वर्षा जोशी ने एक फोटो शेयर किया था, जिसमें नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की डॉक्टरों की टीम इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मुस्तैद दिख रही है। कई लोगों ने इस तस्वीर के सामने आने के बाद डॉक्टरों की तारीफ करते हुए लिखा कि इन विषम परिस्थितियों में भी वो निःस्वार्थ भाव से जनसेवा में लगे हुए हैं। इस तस्वीर में IGI एयरपोर्ट पर डॉक्टरों को स्क्रीनिंग के लिए कार्यरत देखा जा सकता है। मास्क और ग्लव्स पहने ये डॉक्टर्स यात्रियों का मेडिकल टेस्ट करने के लिए वहाँ जमे हुए हैं।
इस तस्वीर को ट्वीट करने के बाद वर्षा जोशी ने बताया कि उन्होंने जनवरी से लेकर अब तक डॉक्टरों को सैलरी नहीं दी है, क्योंकि दिल्ली सरकार ने अभी तक फंड रिलीज नहीं किया है। अभी तक उनकी ट्वीट का दिल्ली सरकार के किसी मंत्री या नेता ने कोई जवाब नहीं दिया है। लोगों ने कहा कि केजरीवाल अपनी खुशामदी में किए गए ट्वीट्स का जवाब देते हैं, लेकिन ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बयान नहीं दे रहे। हालाँकि, एक व्यक्ति ने IAS अधिकारी वर्षा को सलाह दी कि वो दूसरे संसाधनों का प्रयोग करते हुए डॉक्टरों को सैलरी दें। वर्षा ने कहा कि अगर उनके पास दूसरे संसाधन होते तो फिर वो सैलरी के लिए दिल्ली सरकार के फंड्स का इन्तजार ही क्यों करती?
आज रविवार (मार्च 20, 2020) को पूरे देश में जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया है और आज 14 घंटों के लिए लोग सेल्फ-क्वारंटाइन का पालन करते हुए घरों में ही रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि शाम को सभी लोग अपने घर के दरवाजे, खिड़की या बालकनी में के पास जाकर ताली, घंटी या थाली बजा कर उन डॉक्टरों और कर्मचारियों का धन्यवाद करें, जो इन विषम परिस्थितियों में भी लगातार काम कर रहे हैं।
भारत में अब तक कोरोना वायरस के 327 मामले आ चुके हैं। इनमें से 26 मामले अकेले दिल्ली के हैं। ऐसे में डॉक्टरों को सैलरी न दिया जाना दिखाता है कि दिल्ली सरकार इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। जब सीएम केजरीवाल से शाहीन बाग़ प्रदर्शन के कारण कोरोना फैलने का सवाल किया गया था तो उन्होंने इसे हँसी-मजाक में टाल दिया था।
दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और केंद्र सरकार इससे निपटने के लिए जनता को लगातार जागरूक करने में लगी हुई है। उधर दिल्ली सरकार पर इस मामले में असंवेदनशीलता दिखाने के आरोप लग रहे हैं।
अब अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप लगा है कि उसने पिछले 3 महीनों से डॉक्टरों को सैलरी नहीं दी है। ऐसा दिल्ली की एक अधिकारी के ट्वीट से पता चला है। नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की कमिश्नर वर्षा जोशी ने ट्वीट कर बताया है कि डॉक्टरों को जनवरी 2020 से लेकर अब तक सैलरी नहीं दी गई है।
इससे पूर्व सफाई कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण, दिल्ली की सफाई व्यवस्था चौपट होने पर केंद्र में मोदी सरकार पर समय से अनुदान न किए जाने का ठीकरा फोड़ते रहे। वही स्थिति अब डॉक्टरों के वेतन के हो रही है। दिल्ली सरकार के पास उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए हिन्दू विरोधी दंगों में पीड़ितों पर रूपए लुटाने के लिए धन था, लेकिन डॉक्टरों को वेतन देने के लिए नहीं। केजरीवाल बताएं कि "जब से दिल्ली की सत्ता में आए हैं, किसी मंत्री अथवा विधायक का वेतन रुका?
दरअसल, वर्षा जोशी ने एक फोटो शेयर किया था, जिसमें नॉर्थ दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की डॉक्टरों की टीम इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मुस्तैद दिख रही है। कई लोगों ने इस तस्वीर के सामने आने के बाद डॉक्टरों की तारीफ करते हुए लिखा कि इन विषम परिस्थितियों में भी वो निःस्वार्थ भाव से जनसेवा में लगे हुए हैं। इस तस्वीर में IGI एयरपोर्ट पर डॉक्टरों को स्क्रीनिंग के लिए कार्यरत देखा जा सकता है। मास्क और ग्लव्स पहने ये डॉक्टर्स यात्रियों का मेडिकल टेस्ट करने के लिए वहाँ जमे हुए हैं।
What a sheer waste of time and resources of already stretched staff at airports.— Shilpa Anand (@shilpaanand) March 21, 2020
I havent paid my doctors their salaries since January since I havent got the fund release from Del Gov yet— Varsha Joshi (@suraiya95) March 21, 2020
इस तस्वीर को ट्वीट करने के बाद वर्षा जोशी ने बताया कि उन्होंने जनवरी से लेकर अब तक डॉक्टरों को सैलरी नहीं दी है, क्योंकि दिल्ली सरकार ने अभी तक फंड रिलीज नहीं किया है। अभी तक उनकी ट्वीट का दिल्ली सरकार के किसी मंत्री या नेता ने कोई जवाब नहीं दिया है। लोगों ने कहा कि केजरीवाल अपनी खुशामदी में किए गए ट्वीट्स का जवाब देते हैं, लेकिन ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बयान नहीं दे रहे। हालाँकि, एक व्यक्ति ने IAS अधिकारी वर्षा को सलाह दी कि वो दूसरे संसाधनों का प्रयोग करते हुए डॉक्टरों को सैलरी दें। वर्षा ने कहा कि अगर उनके पास दूसरे संसाधन होते तो फिर वो सैलरी के लिए दिल्ली सरकार के फंड्स का इन्तजार ही क्यों करती?
आज रविवार (मार्च 20, 2020) को पूरे देश में जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया है और आज 14 घंटों के लिए लोग सेल्फ-क्वारंटाइन का पालन करते हुए घरों में ही रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है कि शाम को सभी लोग अपने घर के दरवाजे, खिड़की या बालकनी में के पास जाकर ताली, घंटी या थाली बजा कर उन डॉक्टरों और कर्मचारियों का धन्यवाद करें, जो इन विषम परिस्थितियों में भी लगातार काम कर रहे हैं।
भारत में अब तक कोरोना वायरस के 327 मामले आ चुके हैं। इनमें से 26 मामले अकेले दिल्ली के हैं। ऐसे में डॉक्टरों को सैलरी न दिया जाना दिखाता है कि दिल्ली सरकार इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। जब सीएम केजरीवाल से शाहीन बाग़ प्रदर्शन के कारण कोरोना फैलने का सवाल किया गया था तो उन्होंने इसे हँसी-मजाक में टाल दिया था।
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