एक झटके में शाहीन बाग खाली

शाहीन बाग हुआ खाली
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
कोरोना वायरस के फैलते प्रभाव के बावजूद नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ अपना धरना प्रदर्शन जारी रखने वाले शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने आज सुबह हटवा दिया। धरना स्थल पर लगे टेंट और कुर्सियों को भी वहाँ से उठा लिया गया। मंगलवार (मार्च 24, 2020) को शाहीन बाग में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती के बीच ये कार्रवाई हुई। पुलिस ने धारा-144 की दलील देते हुए ये एक्शन लिया। बता दें कि शाहीन बाग में महिलाएँ पिछले 100 दिनों से धरने पर बैठी थीं।
जबसे भारत में कोरोना पर केंद्र और राज्य सरकारें सतर्क रहने की अपील कर रही हैं, तभी से भारत में बने शाहीन बाग़ों को खाली करवाने के प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। कहते थे "हमें कोरोना नहीं होगा, मोदी को होगा", "हम पांचों वक़्त की नमाज़ पढ़ने से पहले वजू करते हैं" आदि आदि। हंसी आती थी, जब एक चैनल पर प्रदर्शनकारियों को मास्क और सनेटिज़ेर प्रयोग करते देखा। यानि कोरोना का डर तो है, लेकिन जिद के आगे सुनने को तैयार नहीं। नागरिकता संशोधक कानून के विरुद्ध आयोजकों ने इनके दिलोदिमाग में इतना अधिक जहर भर दिया है, जिसे निकालना मुश्किल है।  
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जॉइट सीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा, “कोरोना वायरस के बढ़ने के कारण लोगों से अपील की जा रही थी। स्थानीय भी हमसे माँग कर रहे थे। आज सुबह हमने इस कार्रवाई की शुरुआत 7 बजे की। शुरुआत में कुछ शरारती तत्व माहौल को बिगाड़ना चाहते थे। वे नहीं माने, तो उन्हें हिरासत में लिया गया है।”
 
जॉइंट सीपी ने बताया कि करीब 10 से 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। विरोध करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। देवेश श्रीवास्तव ने आगे कहा कि हमारा मकसद इलाके में शांति बहाल करना है। कोरोना को लेकर सख्त आदेश थे कि भीड़ जमा न हो।
अब फिलहाल, पुलिस ने धरने वाली जगह से टेंट को पूरी तरह हटा दिया है। कोरोना वायरस के मद्देनजर दिल्ली में धारा 144 लागू है। इसके बावजूद वहाँ कुछ प्रदर्शनकारी जुटे हुए थे। एक पुलिसर्मी ने बताया कि सुबह भी वहाँ काफी महिलाएँ धरने पर बैठी हुईं थी। हमने उनसे कहा कि 144 लगाई गई है, इसलिए धरने को खत्म कर दें। लेकिन वह नहीं माने। इसके बाद पुलिस को बलपूर्वक उनको हटाना पड़ा।
एक ओर जहाँ पुलिस प्रदर्शनस्थल को बलपूर्वक खत्म करवाने के पीछे प्रदर्शनकारियों की जिद को कारण बता रही है। वहीं प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि वह खुद पीछे हट गए थे, लेकिन पुलिस ने धरना स्थल में बना भारत माता का नक्शा और इंडिया गेट को क्यों हटाया। बताया जा रहा है यहाँ लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की है और हालातों को देखते हुए पूरे शाहीन बाग इलाके में भारी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है।

इस बीच भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी शाहीन बाग प्रदर्शन खाली होने की सूचना दी है। उन्होंने धरना स्थल से हटाए गए टेंट, कुर्सियों को ट्रक में भरते हुए ये विडियो अपने ट्विटर पर डाली है और लिखा है, “सब तख्त उछाल कर फेंक दिए, सब टेंट उखाड़ कर फेंक दिए, हमने देख लिया, सबने देख लिया, दिल्ली को मिल गई आज़ादी शाहीन बाग का फ्रॉड ख़त्म।”
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बीते दिनों दिल्ली में कोरोना के बढ़ते केसों के बावजूद शनिवार को हमने शाहीन बाग पर बैठे प्रदर्शनकारियों की जिद देखी। इससे पहले भी कई बार विडियोज के जरिए ऐसी बातें सामने आई थीं, जिसमें वहाँ बैठी महिलाएँ किसी कीमत पर प्रदर्शन से उठने की बात नहीं सुन रहीं थी। बल्कि इसकी जगह वे ये कह रही थीं उन्हें कोरोना नहीं हो सकता। उनके साथ अल्लाह है। कोरोना तो मोदी को होगा।

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