प्रधानमंत्री को गिफ्ट मिली पेंटिंग को प्रियंका गाँधी ने किस हैसियत से बेचा?

प्रियंका गाँधी, यस बैंक
ये ही है वो पेंटिंग, जिसे प्रियंका ने राणा कपूर को 2 करोड़ रुपए में बेचा
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
जब ‘यस बैंक’ के संस्थापक राणा कपूर द्वारा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी की पेंटिंग 2 करोड़ रुपए में ख़रीदने की बात आई, तब पार्टी चारों तरफ़ से आरोपों से घिर गई। इसके बाद कांग्रेस नेताओं ने बयान जारी कर उस पेंटिंग के बारे में डिटेल्स बताए। रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया कि जो पेंटिंग प्रियंका ने राणा को बेचीं, वो मशहूर पेंटर एमएफ हुसैन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी को गिफ्ट की थी। ये बात 1985 की है, जब कांग्रेस अपना 100वाँ स्थापना दिवस मना रही थी। अब इसके बाद कई सवाल उठते हैं। क्या एमएफ हुसैन ने राजीव को जो पेंटिंग गिफ्ट की, उसे बेचने का हक़ उनके परिवार को है?
अगर किसी प्रधानमंत्री को कोई व्यक्ति कुछ गिफ्ट देता है तो वो उस पद को देता है या फिर व्यक्ति को? अगर पद को देता है तो वो चीज सरकारी संपत्ति हुई और उसे बेचने का हक़ उसके परिवार को नहीं है। राजीव उस समय कांग्रेस अध्यक्ष भी थे। ऐसे में अगर वो गिफ्ट कांग्रेस पार्टी को दी गई थी तो प्रियंका गाँधी बिना पार्टी की अनुमति के उसे कैसे बेच सकती हैं? इस पेंटिंग के कारण ‘यस बैंक’ घोटाले से प्रियंका गाँधी के तार जुड़ रहे हैं और कांग्रेस पार्टी किसी तरह इस मुद्दे से किनारा करने में लगी हुई है।

भाजपा ने दावा किया है कि ‘यस बैंक’ घोटाले में प्रियंका गाँधी भी शामिल हैं। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने वित्तीय अपराधों की एक सूची शेयर कर के बताया कि भारत में हुए हर ऐसे घोटालों के तार गाँधी परिवार से जुड़ते रहे हैं। उन्होंने भगोड़ा कारोबारी विजय माल्या के सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी के संबधों का भी जिक्र किया। उन्होंने याद दिलाया कि एक अन्य भगोड़ा कारोबारी नीरव मोदी की ब्राइडल ज्वेलरी कलेक्शन का उद्घाटन राहुल गाँधी ने किया था और अब राणा कपूर से प्रियंका गाँधी के तार जुड़ते नज़र आ रहे हैं।
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टाइम्स नाउ की रिपोर्ट के अनुसार, मिलिंद देवड़ा ने राणा कपूर और प्रियंका गाँधी के बीच इस पेंटिंग को लेकर डील कराई थी। देवड़ा उन्हें ‘राणा अंकल’ कह कर सम्बोधित करते थे। ख़बर में दावा किया गया है कि पेंटिंग बेचने के बाद मिले रुपयों को प्रियंका गाँधी के ऑफिस को दे दिया गया। फिर प्रियंका गाँधी ने किस हैसियत से उस पेंटिंग को राणा कपूर को बेचा, ये अब तक साफ़ नहीं हो पाया है।

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