
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के किसान भी आज खेतों में मेहनत कर रहे हैं और ध्यान रख रहे हैं कि कोई भी भूखा नहीं सोए। उन्होंने इस दौरान सरकारी डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘कोविड वॉरियर्स डॉट जीओवी डॉट इन’ की बात की, जिससे अब तक कई सामाजिक संगठन जुड़ चुके हैं। उन्होंने लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि कोई अपनी पेंशन राशि पीएम केयर्स में दान दे रहा है तो कोई पुरस्कार में मिली राशि दान कर रहा है। कोई खेतों की सब्जियाँ दान कर दे रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मुश्किल परिस्थिति में देशवासियों ने जो ‘संकल्प शक्ति’ दिखाई है, उससे देश को नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने व्यापार से लेकर दफ्तरों और अस्पतालों द्वारा अपनाई जा रही नई तकनीकों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश का हर इनोवेटर इस परिस्थिति से निपटने के लिए कुछ न कुछ नया निर्माण कर रहा है। ‘प्रधानमंत्री ग़रीब कल्याण पैकेज’ के तहत ग़रीबों के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर हो रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहा:
“गरीबों को 3 महीने मुफ्त सिलिंडर और राशन जैसी सुविधाएँ दी जा रही हैं। इसके लिए सरकार के अलग-अलग विभागों के लोग, बैंकिंग सेक्टर के लोग दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। मैं देश के राज्य सरकारों की भी तारीफ़ करना चाहूँगा। स्थानीय प्रशासन इस महामारी से निपटने में जो भूमिका निभा रहा है, वो सराहनीय है। एक अध्यादेश लाया गया है, जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं में लगे लोगों का उत्पीड़न और हिंसा के मामलों में कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। जो लोग देश को कोरोना-मुक्त बनाने में जुटे हैं, उनकी रक्षा के लिए ये ज़रूरी था।”
India's fight against Coronavirus has become people-driven. #MannKiBaat pic.twitter.com/gAIEZAGXwJ— narendramodi_in (@narendramodi_in) April 26, 2020
While celebrating Ramzan the previous time, no one would have thought that there would be so many difficulties during Ramzan this time.— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2020
This time, let us pray that the world may be freed from the Coronavirus by the time of Id. pic.twitter.com/N0mMdxcCMy
विश्व की सहायता को भारत आया आगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया भर में कई देशों को दवाओं की ज़रूरत है और भारत अगर उनकी मदद नहीं करता तो भी कोई हमें दोषी नहीं ठहरता, लेकिन तब भी देश ने दूसरे देशों की मदद करने का फ़ैसला लिया। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी संस्कृति के अनुरूप ही फ़ैसला लिया। उन्होंने कहा कि भारत ने आज विश्व के हर ज़रूरतमंद तक दवाएँ पहुँचाने का बीड़ा उठाया है और सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष भारत का धन्यवाद कर रहे हैं।
मोदी ने कहा कि हम अपनी ही समृद्ध परंपरा को भूल जाते हैं और जब दूसरा देश कोई रिसर्च कर के हमें हमारी ही परंपरा सिखाता है तो हम हाथोंहाथ लेते हैं। ये सैकड़ों वर्ष की गुलामी का कालखंड का प्रभाव है कि हमें अपनी ही शक्ति पर विश्वास नहीं होता। प्रधानमंत्री ने इसे आत्मविश्वास की कमी करार दिया। उन्होंने आशा जताई कि जिस तरह दुनिया ने योग को स्वीकार किया है, उसी तरह वो आयुर्वेद को स्वीकार करेगी। उन्होंने युवाओं को अपने पारम्परिक सिद्धांतों को हीन न समझने को कहा।
मोदी ने कहा कि समाज में एक और जागरूकता ये आई है कि लोग ये समझ रहे हैं कि सार्वजनिक जगहों पर थूकने से क्या नुकसान हो सकता है। यहाँ-वहाँ थूक देना लोगों की ग़लत आदतों का हिस्सा बना हुआ था। पीएम ने कहा कि अब समय आ गया है जब इस बुरी आदत को हमेशा के लिए ख़त्म कर दिया जाए। उन्होंने समझाया कि भले ही देर हो गई लेकिन अब यहाँ-वहाँ थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मास्क भी अब लोगों के जीवन का हिस्सा बन गया है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जो मास्क लगाते हैं, वो सभी बीमार हैं। उन्होंने कहा कि एक ज़माना था जब कोई फल ख़रीदता था तो लोगों को लगता था कि उसके घर में कोई बीमार है और ये धारणा बन गई थी कि बीमारी में ही फल खाते हैं। पीएम मोदी ने भगवान बसवेश्वर की जयंती पर उनके अनुयायियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उन्हें उनसे काफ़ी कुछ सीखने को मिला है।
रमजान में करें सरकारी आदेश का पालन
उन्होंने मुसलमानों से कहा कि वो रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का जरिया बनाएँ। उन्होंने ये दुआ करने को कहा कि ईद आते ही दुनिया कोरोना-मुक्त हो जाए, ताकि हर्ष-उल्लास के साथ त्यौहार मनाया जा सके। उन्होंने विश्वास जताया कि रमजान के दौरान प्रशासन के निर्देशों का पालन किया जाएगा। उन्होंने उन कम्युनिटी लीडर्स को भी धन्यवाद दिया, जो लोगों को जागरूक करने में लगे हुए हैं।
अवलोकन करें:-
मोदी ने लोगों को अति आत्म-विश्वास में न फँसने की सलाह दी और ‘सावधानी हटी, दुर्घटना घटी’ का सन्देश दिया। उन्होंने लोगों से ग़लती न पालने को भी कहा। पीएम मोदी ने कहा कि ये विचार न पालन कि हमारे गली या दफ्तर तक कोरोना नहीं पहुँचा है तो आगे भी कभी नहीं पहुँच सकता है।
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