आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
देश में जारी कोरोना के कहर के बीच शुक्रवार (अप्रैल 17, 2020) को गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकर रोहिंग्याओं मुसलमानों का पता लगाने का आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि ऐसी रिपोर्ट मिली है कि निजामुद्दीन मरकज की शिविर में तबलीगी जमात के लोगों के साथ कुछ रोहिंग्या मुसलमान भी शामिल हुए थे। मंत्रालय ने इन रोहिंग्या मुसलमानों को खोजने के लिए चार राज्यों को प्रमुख स्थानों के रूप में चिह्नित किया है। ये राज्य हैं- नई दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा।
गृह मंत्रालय द्वारा राज्य पुलिस प्रमुखों और मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने तबलीगी जमात के ‘इज्तेमास’ और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिया है और उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना है। पत्र में हैदराबाद, तेलंगाना, दिल्ली, पंजाब, जम्मू और मेवात में शिविरों में रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान के लिए विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है, जहाँ पर अधिकतर रोहिंग्या रहते हैं।
सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को रोहिंग्या शरणार्थियों का पता लगाने के लिए एक गहन अभियान चलाने को कहा गया है क्योंकि उनमें से कई अपने निर्धारित शिविरों से लापता हैं। मंत्रालय ने कहा कि हैदराबाद के शिविर में रहने वाले रोहिंग्या हरियाणा के मेवात में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और वे दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित मरकज भी आए थे। इसी तरह, दिल्ली के श्रम विहार और शाहीनबाग इलाके में रह रहे रोहिंग्या भी तबलीगी जमात के कार्यक्रम में गए थे लेकिन वे वापस अपने शिविरों में नहीं लौटे।
मंत्रालय ने बताया कि ऐसी खबर है कि पंजाब के डेराबस्सी और जम्मू-कश्मीर के जम्मू इलाके में रोहिंग्या मुस्लिम रहते हैं और वे तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे हैं। राज्यों से किए गए संवाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों और उनके संपर्क में आने वालों की कोविड-19 जाँच कराने की जरूरत है और इसी के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाने की जरूरत है।
अवलोकन करें:-
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक देश में 40 हजार रोहिंग्या दिल्ली, जम्मू और हैदराबाद सहित देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं। पिछले महीने जम्मू में रहने वाले आठ रोहिंग्या मुस्लिमों को निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल होकर लौटने के बाद क्वारंटाइन में रखा गया था। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, देश में 500 से अधिक कोरोना वायरस पॉजिटिव केस और देश में लगभग 20 मौतें दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात कार्यक्रम से जुड़े पाए गए।
देश में जारी कोरोना के कहर के बीच शुक्रवार (अप्रैल 17, 2020) को गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चिट्ठी लिखकर रोहिंग्याओं मुसलमानों का पता लगाने का आदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि ऐसी रिपोर्ट मिली है कि निजामुद्दीन मरकज की शिविर में तबलीगी जमात के लोगों के साथ कुछ रोहिंग्या मुसलमान भी शामिल हुए थे। मंत्रालय ने इन रोहिंग्या मुसलमानों को खोजने के लिए चार राज्यों को प्रमुख स्थानों के रूप में चिह्नित किया है। ये राज्य हैं- नई दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और हरियाणा।
गृह मंत्रालय द्वारा राज्य पुलिस प्रमुखों और मुख्य सचिवों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमानों ने तबलीगी जमात के ‘इज्तेमास’ और अन्य धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिया है और उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना है। पत्र में हैदराबाद, तेलंगाना, दिल्ली, पंजाब, जम्मू और मेवात में शिविरों में रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान के लिए विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है, जहाँ पर अधिकतर रोहिंग्या रहते हैं।
सभी राज्यों के पुलिस प्रमुखों को रोहिंग्या शरणार्थियों का पता लगाने के लिए एक गहन अभियान चलाने को कहा गया है क्योंकि उनमें से कई अपने निर्धारित शिविरों से लापता हैं। मंत्रालय ने कहा कि हैदराबाद के शिविर में रहने वाले रोहिंग्या हरियाणा के मेवात में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और वे दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित मरकज भी आए थे। इसी तरह, दिल्ली के श्रम विहार और शाहीनबाग इलाके में रह रहे रोहिंग्या भी तबलीगी जमात के कार्यक्रम में गए थे लेकिन वे वापस अपने शिविरों में नहीं लौटे।
MHA writes to all States & UTs to trace Rohingyas after it was reported that they attended religious congregations of Tablighi Jamaat&there is a possibility of their contracting COVID-19. MHA has given locations in New Delhi, J&K, Punjab and Haryana where Rohingyas are living. pic.twitter.com/LLaNkSdQyT— ANI (@ANI) April 17, 2020
MHA orders nationwide hunt for Rohingyas after reports claim they attended Tablighi Jamaat gathering in Delhi.https://t.co/HUWb3ieqI9— TIMES NOW (@TimesNow) April 18, 2020
मंत्रालय ने बताया कि ऐसी खबर है कि पंजाब के डेराबस्सी और जम्मू-कश्मीर के जम्मू इलाके में रोहिंग्या मुस्लिम रहते हैं और वे तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे हैं। राज्यों से किए गए संवाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि रोहिंग्या मुसलमानों और उनके संपर्क में आने वालों की कोविड-19 जाँच कराने की जरूरत है और इसी के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर कदम उठाने की जरूरत है।
अवलोकन करें:-
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक देश में 40 हजार रोहिंग्या दिल्ली, जम्मू और हैदराबाद सहित देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं। पिछले महीने जम्मू में रहने वाले आठ रोहिंग्या मुस्लिमों को निजामुद्दीन स्थित मरकज में शामिल होकर लौटने के बाद क्वारंटाइन में रखा गया था। ताजा रिपोर्टों के अनुसार, देश में 500 से अधिक कोरोना वायरस पॉजिटिव केस और देश में लगभग 20 मौतें दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात कार्यक्रम से जुड़े पाए गए।
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