देश में मजहबी उन्माद फैलाने वाले कट्टरपंथियों और तथाकथित सेकुलरों के कारण बॉलीवुड अदाकारा कंगना रनौत की बहन रंगोली चंदेल का ट्विटर अकॉउंट सस्पेंड कर दिया गया है। रंगोली की गलती सिर्फ़ इतनी थी कि उन्होंने कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच डॉक्टरों, नर्सों और पुलिसकर्मियों पर हमला करने वाले कट्टरपंथियों पर अपना आक्रोश व्यक्त किया था।
गौरतलब है कि बीतें दिनों ऐसी कई घटनाएँ हुई जब स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों पर एक खास समुदाय की भीड़ ने मौक़ा मिलते ही हमला किया। इन घटनाओं को देख ऐसा आक्रोश किसी के लिए भी आम बात है। लेकिन सोशल मीडिया पर मौजूद कुछ लोगों को ये प्रतिक्रिया पसंद नहीं आई। उन्होंने रंगोली के ऊपर नफ़रत और हिंसा को उकसाने का आरोप लगा दिया और इस ट्वीट की शिकायत करते हुए पुलिस को टैग कर दिया। इस बीच रंगोली के ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही की माँग हुई और थोड़ी देर में ट्विटर ने भी उनके अकाउंट को सस्पेंड कर दिया।
मुरादाबाद में हुई घटना के बाद रंगोली चंदेल ने ट्वीट किया, “एक जमाती की कोरोना से मौत हो गई, जब पुलिस और डॉक्टर उसके परिवार को चेक करने गए तो उन्होंने उनपर (पुलिस और डॉक्टर) हमला किया और उन्हें मारा। धर्मनिरपेक्ष मीडिया और इन मुल्लाओं को एक पंक्ति में खड़ा करके गोली मार देनी चाहिए। इतिहास में वे हमें नाजी कह सकते हैं, किसे चिंता है, जिदंगी फेक इमेज से ज्यादा जरूरी है।”
अब हालाँकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि रंगोली ने किस घटना को लेकर यह ट्वीट किया था। लेकिन बीते दिनों की घटनाओं को देखें तो अभी कल ही मुरादाबाद में कोरोना की जाँच करने गए सुरक्षाकर्मियों पर एक मुस्लिम भीड़ ने लाठी-डंडे से हमला कर पथराव किया था। स्थिति ऐसी हो गई थी कि जब पुलिस उन्हें बचाने गई, तो उन पर भी बेरहमी से हमला किया गया। बाद में इस मामले में कार्यवाही करते हुए बुधवार को 13 महिलाओं सहित 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज़ में हजारों जमातियों ने मजहबी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। मरकज़ अब कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन चुका है। आए दिन मरकज़ में मौजूद रहे लोगों की संक्रमित होने की खबर सामने आ रही है। नर्सों के साथ अश्लील हरकतें करने, डॉक्टरो और पुलिसकर्मियों पर थूकने सहित कई शिकायतें संक्रमित जमातियों के खिलाफ आए हैं।
अवलोकन करें:-
क्वारंटाइन सेंटर में शौच करने पर भी इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। जो लोग इनकी करतूतों का समर्थन करते हैं, उन्हें ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर बने रहने की आजादी देता है। रंगोली जैसे लोग जो इनके ख़िलाफ़ आवाज उठाते हैं उन्हें चुप कराने के लिए अकाउंट सस्पेंड कर दिया जाता है।
गौरतलब है कि बीतें दिनों ऐसी कई घटनाएँ हुई जब स्वास्थ्यकर्मियों, पुलिसकर्मियों पर एक खास समुदाय की भीड़ ने मौक़ा मिलते ही हमला किया। इन घटनाओं को देख ऐसा आक्रोश किसी के लिए भी आम बात है। लेकिन सोशल मीडिया पर मौजूद कुछ लोगों को ये प्रतिक्रिया पसंद नहीं आई। उन्होंने रंगोली के ऊपर नफ़रत और हिंसा को उकसाने का आरोप लगा दिया और इस ट्वीट की शिकायत करते हुए पुलिस को टैग कर दिया। इस बीच रंगोली के ख़िलाफ़ सख्त कार्यवाही की माँग हुई और थोड़ी देर में ट्विटर ने भी उनके अकाउंट को सस्पेंड कर दिया।
मुरादाबाद में हुई घटना के बाद रंगोली चंदेल ने ट्वीट किया, “एक जमाती की कोरोना से मौत हो गई, जब पुलिस और डॉक्टर उसके परिवार को चेक करने गए तो उन्होंने उनपर (पुलिस और डॉक्टर) हमला किया और उन्हें मारा। धर्मनिरपेक्ष मीडिया और इन मुल्लाओं को एक पंक्ति में खड़ा करके गोली मार देनी चाहिए। इतिहास में वे हमें नाजी कह सकते हैं, किसे चिंता है, जिदंगी फेक इमेज से ज्यादा जरूरी है।”
अब हालाँकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि रंगोली ने किस घटना को लेकर यह ट्वीट किया था। लेकिन बीते दिनों की घटनाओं को देखें तो अभी कल ही मुरादाबाद में कोरोना की जाँच करने गए सुरक्षाकर्मियों पर एक मुस्लिम भीड़ ने लाठी-डंडे से हमला कर पथराव किया था। स्थिति ऐसी हो गई थी कि जब पुलिस उन्हें बचाने गई, तो उन पर भी बेरहमी से हमला किया गया। बाद में इस मामले में कार्यवाही करते हुए बुधवार को 13 महिलाओं सहित 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया।
पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात के मरकज़ में हजारों जमातियों ने मजहबी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। मरकज़ अब कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन चुका है। आए दिन मरकज़ में मौजूद रहे लोगों की संक्रमित होने की खबर सामने आ रही है। नर्सों के साथ अश्लील हरकतें करने, डॉक्टरो और पुलिसकर्मियों पर थूकने सहित कई शिकायतें संक्रमित जमातियों के खिलाफ आए हैं।
अवलोकन करें:-
क्वारंटाइन सेंटर में शौच करने पर भी इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। जो लोग इनकी करतूतों का समर्थन करते हैं, उन्हें ट्विटर अपने प्लेटफॉर्म पर बने रहने की आजादी देता है। रंगोली जैसे लोग जो इनके ख़िलाफ़ आवाज उठाते हैं उन्हें चुप कराने के लिए अकाउंट सस्पेंड कर दिया जाता है।
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