पालघर मॉब लिंचिंग : हत्यारी भीड़ के साथ मौजूद थे NCP और CPM के नेता

पालघर मॉब लिंचिंगमहाराष्ट्र के पालघर में 2 साधुओं सहित 3 लोगों की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या के मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बता दें कि गुरुवार (अप्रैल 16, 2020) को हुई इस घटना का वीडियो 3 दिन बाद रविवार को वायरल हुआ, जिसके बाद लोगों को सच्चाई पता चली थी। पालघर मॉब लिंचिंग का ये वीडियो दिल दहला देने वाला है। उस वीडियो को देख कर कोई भी काँप उठे। इस वीडियो में दिख रहे एक संदिग्ध व्यक्ति की पहचान को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने जानकारी माँगी थी। पता चला है कि वो शरद पवार की पार्टी का आदमी है।
संबित पात्रा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर के पूछा था कि पालघर के इस भयावह वीडियो में सफ़ेद और पीले रंग की टीशर्ट पहना व्यक्ति कौन है? उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों से कहा था कि अगर किसी को उसकी पहचान पता हो तो वो बताएँ। उनका कहना था कि उक्त व्यक्ति की पहचान सामने आने के बाद गुत्थी सुलझ सकती है। वो भीड़ को निर्देशित करता हुआ भी दिखता है। भाजपा के महासचिव सुनील देवधर ने स्थानीय लोगों के हवाले से बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि उस व्यक्ति का नाम काशीनाथ चौधरी है।


काशीनाथ चौधरी शरद पवार की ‘नेशनलिस्ट कॉन्ग्रेस पार्टी’ का जिला सदस्य है। देवधर की मानें तो हत्यारी भीड़ में वामपंथी पार्टी सीपीएम के पंचायत सदस्य व उसके साथ विष्णु पातरा, सुभाष भावर और धर्मा भावर भी शामिल थे। हत्यारी भीड़ में एनसीपी और सीपीएम नेताओं की मौजूदगी कई सवाल खड़े करती है। एनसीपी महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी है और शिवसेना के साथ गठबंधन में मिल कर सरकार चला रही है। संबित पात्रा ने इसे पालघर केस में बड़ा खुलासा करार दिया।

पात्रा ने कहा कि ये घटना और इससे जुड़े खुलासे एक बहुत बड़ी साज़िश की ओर इंगित करते हैं। उन्होंने कहा कि उस जगह पर राजनेताओं की मौजूदगी का क्या अर्थ समझा जाए? वो क्या कर रहे थे? पात्रा ने पूछा कि कहीं वो भीड़ को भड़का तो नहीं रहे थे? उन्होंने ये भी याद दिलाया कि वहाँ उन्हीं पार्टियों के लोग मौजूद हैं, जो भाजपा से घृणा करते हैं, भगवा से घृणा करते हैं। 
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आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार महाराष्ट्र में आज हिंदुत्व की बात करने वाली शिवसेना की सरकार है। लेकिन इस सरकार में ह....
बता दें कि देश के गृहमंत्री अमित शाह ने भी पालघर में साधुओं की मॉब-लिंचिंग पर महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से रिपोर्ट तलब की है।
इन पत्रकारों का आका कौन?
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं की हत्या के बाद मीडिया के कुछ लिबरल-सेकुलर पक्षकार कांग्रेस-एनसीपी समर्थित उद्धव ठाकरे सरकार की बचाव में आगे आ गए हैं। साधुओं की हत्या को चोरी और लूटपाट की सामान्य घटना बता फेक नैरेटिव गढ़ने की कोशिश हो रही है। कुछ कथित पक्षकार पूरे मामले की लीपापोती करने में लगे हुए हैं। महाराष्ट्र पुलिस दो साधुओं को एक खास समुदाय के भीड़ के हवाले कर देती है। पुलिस के सामने भीड़ वृद्ध साधुओं को पीट-पीटकर मार डालती है, लेकिन ये जानकर कि पालघर के इस आदिवासी बहुल इलाके में साधुओं पर हमला करने वाले खास समुदाय के थे, कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से चलने वाली उद्धव सरकार से कोई सवाल नहीं पूछा जाता है। तबरेज अंसारी की चोरी के कारण मॉब लिंचिंग में हिंदू एंगेल देखने वाले पक्षकार कह रहे हैं कि पालघर की घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर किसके इशारे पर काम करते हैं ये पक्षकार… 


मुस्लिम के नाम पर हो- हल्ला मचा देने वाले लिबरल गैंग के महानुभाव लोग पालघर पर मौन धारण किए हुए हैं। ये वही लोग हैं जो हिंदुओं की हत्या करने वालों के खिलाफ कुछ नहीं कहता। ये वही जमात है जो साधुओं की हत्या पर खामोश रहता है। ये वही कुनबा है जो असम, बंगाल में हिंदू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार-बलात्कार पर कुछ नहीं बोलता। ये वही लोग हैं जिन्होंने कश्मीर में हजारों हिंदू महिलाओं की अस्मत तार-तार करने वालों पर कभी कुछ नहीं कहता। ये सिलेक्टिव हैं और अपनी सहूलियत के हिसाब से ही मुद्दे उठाते हैं और उसे भुनाते हैं। इन पक्षकारों का नैरेटिव हिंदू और मुस्लिम पर किस तरह से बदल जाता है खुद देख लीजिए…



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