सिर्फ 1 कब्रिस्तान में 96 शव, तो कुल मौतें 73 कैसे : केजरीवाल के झूठे वादे

दिल्ली सरकार मौत आंकड़ा
आजतक का स्क्रीनशॉट 
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। एक तरफ दिल्ली सरकार का कहना है कि वायरस के कारण मरने वाले 73 लोग हैं। जबकि आजतक की रिपोर्ट के अनुसार केवल आईटीओ स्थित कब्रिस्तान में कोरोना के कारण दफनाए जाने वालों की संख्या 96 गिनी गई है।
आजतक चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो में स्वास्थ्य कर्मचारियों को कब्रिस्तान में प्रोटोकॉल फॉलो करते हुए मृतक को दफनाते देखा जा सकता है।
हम देख सकते हैं कि कैसे सभी स्वास्थ्य कर्मचारी शव को दफनाते हुए हर प्रकार का एहतियात बरत रहे हैं और उन्होंने खुद को बाकायदा पीपीई से कवर भी किया हुआ। इसके अलावा वीडियो में जमीन को खोदने के लिए जेसीबी मशीन भी खड़ी देखी जा सकती है।
मिलन शर्मा की ग्राउंड रिपोर्ट के अनुसार, कब्रिस्तान के रिकॉर्ड बताते हैं कि वहाँ 5 बीघे की जिस जमीन को कोविड-19 के लिए रखा गया है, उसमें संक्रमितों को दफनाने की संख्या 95 हो गई है और जो बॉडी वीडियो में दिख रही है, वह 96वाँ शव है। इस रिपोर्ट के बाद दिल्ली सरकार के डेटा और वास्तविक मौतों के आँकडों में एक बड़ा फर्क नजर आ रहा है।
मिलन शर्मा की रिपोर्ट में हम देख सकते हैं कि वे इस बात पर सवाल उठा रही हैं कि जब एक ही कब्रिस्तान में कोविड-19 से मरने वालों का आँकड़ा 96 है। तो फिर पूरी दिल्ली में संक्रमण से मरने वालों की संख्या 73 कैसे हो सकती है?

इससे पहले दैनिक भास्कर ने भी दिल्ली सरकार के बताए आँकड़ों पर सवाल खड़ा किया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला था कि दिल्ली सरकार ने 2 मई तक कोरोना से मरने वालों की संख्या को 68 बताया। जबकि श्मशान और कब्रिस्तान में अभी तक 300 से अधिक डेडबॉडी पहुँच चुकी है।
इसके अलावा नॉर्थ एमसीडी की स्थायी समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश जेपी ने भी दिल्ली सरकार पर राजनीति खेलने का आरोप लगाया था। इतना ही नहीं, अस्पताल में मौतों की संख्या भी इस ओर इशारा करती है कि दिल्ली सरकार जितनी मौतें बता रही है, वे वास्तविक मौतों के आँकड़ों से अलग है।

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