आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
लगता है घोटाला और हिन्दुत्व का विरोध करना कांग्रेस के DNA में ही है। भारत में सबसे पहला जीप घोटाला भी कांग्रेस के राज में हुआ था, तब से लेकर आज तक कांग्रेस घोटाले का कोई अवसर नहीं छोड़ती। कहते हैं ना, कम्बल आदमी को छोड़ना तो चाहता है, लेकिन अलसी आदमी कम्बल को नहीं, ठीक वही स्थिति कांग्रेस और घोटाले की है।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को प्रवासी मजदूरों पर घेरने वाली प्रियंका वाड्रा ने बस के नाम पर इतना मोटा घोटाला कर दिया, सुनकर हैरानी होती है कि जो सेवा के नाम पर जब इतना बड़ा घोटाला कर सकती है, सत्ता में आने पर क्या करेगी, रूह कांपने लगती है। जबकि जनता इस मदद पर ऊँगली उठाने वालों को प्रियंका को बदनाम कर झिझोली राजनीती करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें शायद इस आड़ में किए गए घोटाले का आभास नहीं।
बस के नाम पर ऑटो, मोटरसाइकिल, कार, ट्रैक्टर और एंबुलेंस भेजने वाली कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की बस पॉलिटिक्स की सच्चाई परत दर परत खुलने लगी है। कांग्रेस शासित राज्यों में प्रवासी मजदूरों की भारी परेशानियों के बावजूद प्रियंका गांधी ने सिर्फ और सिर्फ राजनीति के लिए उत्तर प्रदेश में 1000 बसें भेजने का दावा किया। अब इस पूरे प्रकरण में घोटाले की बात सामने आने लगी है।
राजस्थान सरकार ने कोटा से विद्यार्थियों को यूपी भेजने के एवज में 36 लाख रुपये की मांग की है। दरअसल, स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होने पर राजस्थान सरकार ने स्टू़डेंट्स को यूपी ले जाने के लिए 70 बसें उपलब्ध करवाई थीं। राजस्थान सरकार द्वारा 70 बसों के लिए 36 लाख रुपए देने की मांग की गई है। इसी आधार पर प्रियंका गांधी द्वारा बस प्रकरण मामले में घोटाला करने के आरोप लगने लगे हैं। प्रियंका गांधी से मांग की जा रही है कि अगर 70 बसों के लिए 36 लाख रुपये के आधार पर 1,000 बसों का किराया 5 करोड़ 14 लाख 28 हजार रुपये बनता है। प्रियंका गांधी और कांग्रेस को बताना चाहिए कि आखिर ये बिल कहां है? किसे और कब भुगतान किया गया?
अवलोकन करें:-
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने दावा किया था कि प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए नोएडा, गाजियाबाद और राजस्थान की सीमा पर 1000 बसें खड़ी हैं लेकिन यूपी सरकार उन्हें चलाने की इजाजत नहीं दे रही है। जब इन बसों के कागज मांगे गए तो ज्यादातर बसों के कागज और फिटनेस में गड़बड़ी पाई गई थी। इसके उलट यूपी प्रदेश राज्य परिवहन की करीब 12 हजार बसें प्रवासी मजदूरों की सहायता कर रही है। एक तरफ कांग्रेस उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए बसें चलाने के लिए राजनीति कर रही है, वहीं कांग्रेस और गैरबीजेपी शासित द्वारा शासित राज्यों में प्रवासी मजदूरों की हालत खराब है।
लगता है घोटाला और हिन्दुत्व का विरोध करना कांग्रेस के DNA में ही है। भारत में सबसे पहला जीप घोटाला भी कांग्रेस के राज में हुआ था, तब से लेकर आज तक कांग्रेस घोटाले का कोई अवसर नहीं छोड़ती। कहते हैं ना, कम्बल आदमी को छोड़ना तो चाहता है, लेकिन अलसी आदमी कम्बल को नहीं, ठीक वही स्थिति कांग्रेस और घोटाले की है।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ को प्रवासी मजदूरों पर घेरने वाली प्रियंका वाड्रा ने बस के नाम पर इतना मोटा घोटाला कर दिया, सुनकर हैरानी होती है कि जो सेवा के नाम पर जब इतना बड़ा घोटाला कर सकती है, सत्ता में आने पर क्या करेगी, रूह कांपने लगती है। जबकि जनता इस मदद पर ऊँगली उठाने वालों को प्रियंका को बदनाम कर झिझोली राजनीती करने का आरोप लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें शायद इस आड़ में किए गए घोटाले का आभास नहीं।
बस के नाम पर ऑटो, मोटरसाइकिल, कार, ट्रैक्टर और एंबुलेंस भेजने वाली कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की बस पॉलिटिक्स की सच्चाई परत दर परत खुलने लगी है। कांग्रेस शासित राज्यों में प्रवासी मजदूरों की भारी परेशानियों के बावजूद प्रियंका गांधी ने सिर्फ और सिर्फ राजनीति के लिए उत्तर प्रदेश में 1000 बसें भेजने का दावा किया। अब इस पूरे प्रकरण में घोटाले की बात सामने आने लगी है।
राजस्थान सरकार ने कोटा से विद्यार्थियों को यूपी भेजने के एवज में 36 लाख रुपये की मांग की है। दरअसल, स्टूडेंट्स की संख्या ज्यादा होने पर राजस्थान सरकार ने स्टू़डेंट्स को यूपी ले जाने के लिए 70 बसें उपलब्ध करवाई थीं। राजस्थान सरकार द्वारा 70 बसों के लिए 36 लाख रुपए देने की मांग की गई है। इसी आधार पर प्रियंका गांधी द्वारा बस प्रकरण मामले में घोटाला करने के आरोप लगने लगे हैं। प्रियंका गांधी से मांग की जा रही है कि अगर 70 बसों के लिए 36 लाख रुपये के आधार पर 1,000 बसों का किराया 5 करोड़ 14 लाख 28 हजार रुपये बनता है। प्रियंका गांधी और कांग्रेस को बताना चाहिए कि आखिर ये बिल कहां है? किसे और कब भुगतान किया गया?
CM @ashokgehlot51 जी देश जानना चाहता है!— Kuljeet Singh Chahal (@kuljeetschahal) May 22, 2020
1000 बसों के लिए @INCIndia ने राजस्थान सरकार को कितने का भुगतान किया?
भुगतान की रसीद कहाँ है?
राजस्थान ने 70 बसों से कोटा से बच्चों को भेजने का यूपी सरकार को 36 लाख रुपए का बिल भेजा। @congress को 1000 बसों का कितना ??
हिसाब दो ? pic.twitter.com/5irAXkCVFq
अवलोकन करें:-
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने दावा किया था कि प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए नोएडा, गाजियाबाद और राजस्थान की सीमा पर 1000 बसें खड़ी हैं लेकिन यूपी सरकार उन्हें चलाने की इजाजत नहीं दे रही है। जब इन बसों के कागज मांगे गए तो ज्यादातर बसों के कागज और फिटनेस में गड़बड़ी पाई गई थी। इसके उलट यूपी प्रदेश राज्य परिवहन की करीब 12 हजार बसें प्रवासी मजदूरों की सहायता कर रही है। एक तरफ कांग्रेस उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की सहायता के लिए बसें चलाने के लिए राजनीति कर रही है, वहीं कांग्रेस और गैरबीजेपी शासित द्वारा शासित राज्यों में प्रवासी मजदूरों की हालत खराब है।

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