अक्सर पाकिस्तान में बैठकर भारत में आतंकी हमलों की योजना बनाने वाले हिजबुल मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन पर हमले की खबर सामने आई है। इस हमले में सलाहुद्दीन गंभीर रुप से घायल हुआ है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि ये हमला 25 मई को इस्लामाबाद में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने के पास हुआ था।
आशंका जताई जा रही है कि आतंकी सरगना पर यह हमला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने करवाया है, जिसका उद्देश्य सलाहुद्दीन को भयभीत करना था, न कि उसकी हत्या करना। दरअसल, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी दशकों से सलाहुद्दीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर रही हैं। सलाहुद्दीन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल नामक पाकिस्तान समर्थक आतंकवादी समूहों के गठबंधन का प्रमुख भी है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई ने सलाहुद्दीन को भारत सरकार के कदम के खिलाफ घाटी में बड़े पैमाने पर हमले का निर्देश दिए थे, लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहा, जिससे आईएसआई नाराज हो गई। इसके बाद आईएसआई ने उसे अपना समर्थन वापस लेने का संदेश देना शुरू कर दिया है।
सलाहुद्दीन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के नेता राजा फारूक हैदर और अन्य से संपर्क किया और आईएसआई से घाटी में हमले करने का वादा किया। इस बीच आईएसआई ने हिजबुल कैडर को पर्याप्त प्रशिक्षण, हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराना बंद कर दिया।
सलाहुद्दीन और उसके आईएसआई हैंडलर के बीच पिछले साल अगस्त में ही जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से फासला होना शुरू हो गया था।
हाल ही में कश्मीर में मारा गया आतंकी रियाज नायकू हिजबुल मुजाहिदीन का ही कमांडर था। कश्मीर में आतंकी वारदातों में कमी आने पर आइएसआइ ने सलाहुद्दीन पर गतिविधियाँ बढ़ाने के लिए दबाव बढ़ा दिया।
नाइकू के मारे जाने के बाद सलाहुद्दीन ने कहा था कि कश्मीर घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों की स्थिति मजबूत है। ऐसा कहते हुए उसका एक वीडियो सामने आया था। सलाहुद्दीन को नायकू की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए रावलपिंडी में आयोजित एक सभा में यह कहते हुए सुना गया कि पांच सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बाद भी भारतीय सुरक्षा बल की स्थिति मजबूत बनी हुई है।
जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में जन्मा आतंकी सैयद सलाहुद्दीन वर्ष 1987 में जम्मू-कश्मीर में चुनाव भी लड़ चुका है, लेकिन वह हार गया था। 71 वर्षीय सलाउद्दीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहता है, लेकिन उसकी पत्नी हिंदुस्तान में ही रहती है। सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका ने अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है। सलाहुद्दीन कश्मीर में आतंकियों को ट्रेनिंग देता है।
आशंका जताई जा रही है कि आतंकी सरगना पर यह हमला पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने करवाया है, जिसका उद्देश्य सलाहुद्दीन को भयभीत करना था, न कि उसकी हत्या करना। दरअसल, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी दशकों से सलाहुद्दीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर रही हैं। सलाहुद्दीन यूनाइटेड जिहाद काउंसिल नामक पाकिस्तान समर्थक आतंकवादी समूहों के गठबंधन का प्रमुख भी है।
पाकिस्तान में भारत विरोधी आतंकी सरगना सैयद सलाहुद्दीन के एक हमले में घायल होने की सूचना है। #HizbulMujahideen #Salauddin https://t.co/E31MLaS30i— Nationalwheels India News (@nationalwheels) May 30, 2020
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआई ने सलाहुद्दीन को भारत सरकार के कदम के खिलाफ घाटी में बड़े पैमाने पर हमले का निर्देश दिए थे, लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहा, जिससे आईएसआई नाराज हो गई। इसके बाद आईएसआई ने उसे अपना समर्थन वापस लेने का संदेश देना शुरू कर दिया है।
सलाहुद्दीन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के नेता राजा फारूक हैदर और अन्य से संपर्क किया और आईएसआई से घाटी में हमले करने का वादा किया। इस बीच आईएसआई ने हिजबुल कैडर को पर्याप्त प्रशिक्षण, हथियार और गोला-बारूद उपलब्ध कराना बंद कर दिया।
सलाहुद्दीन और उसके आईएसआई हैंडलर के बीच पिछले साल अगस्त में ही जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद से फासला होना शुरू हो गया था।
हाल ही में कश्मीर में मारा गया आतंकी रियाज नायकू हिजबुल मुजाहिदीन का ही कमांडर था। कश्मीर में आतंकी वारदातों में कमी आने पर आइएसआइ ने सलाहुद्दीन पर गतिविधियाँ बढ़ाने के लिए दबाव बढ़ा दिया।
नाइकू के मारे जाने के बाद सलाहुद्दीन ने कहा था कि कश्मीर घाटी में भारतीय सुरक्षा बलों की स्थिति मजबूत है। ऐसा कहते हुए उसका एक वीडियो सामने आया था। सलाहुद्दीन को नायकू की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए रावलपिंडी में आयोजित एक सभा में यह कहते हुए सुना गया कि पांच सुरक्षाकर्मियों की हत्या के बाद भी भारतीय सुरक्षा बल की स्थिति मजबूत बनी हुई है।
जम्मू-कश्मीर के बड़गाम में जन्मा आतंकी सैयद सलाहुद्दीन वर्ष 1987 में जम्मू-कश्मीर में चुनाव भी लड़ चुका है, लेकिन वह हार गया था। 71 वर्षीय सलाउद्दीन पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहता है, लेकिन उसकी पत्नी हिंदुस्तान में ही रहती है। सैयद सलाहुद्दीन को अमेरिका ने अमेरिका ने वैश्विक आतंकवादी घोषित कर रखा है। सलाहुद्दीन कश्मीर में आतंकियों को ट्रेनिंग देता है।
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