सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो डॉक्टर और नर्सों को सरकारी अस्पताल की दुर्दशा सामने लाने के लिए दंडित ना करें और ना ही उन्हें धमकाए। दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने ऐसे कोरोना वॉरियर्स को धमकाया है, जिन्होंने कोरोना वार्ड में अमानवीय स्थिति के वीडियो बनाए। इसके बाद ऐसे प्रकरण सामने आए, जिनमें बताया गया कि अब उन्हें (वीडियो बनाने वाले को) अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है।
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के बिगड़ते हालातों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (जून 17, 2020) को एक बार फिर दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के समुचित इलाज और सरकारी अस्पतालों में शवों के गरिमामयी ढंग से निपटान से संबंधित मामले की सुनवाई शुरू की।
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार से पूछा – “दिल्ली ने इस मामले में क्या किया है? कृपया डॉक्टरों, नर्सों की सुरक्षा करें। वे कोरोना वॉरियर्स हैं। दिल्ली सरकार नहीं चाहती कि सच्चाई सामने आए। ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं।”
Supreme Court's three-judge bench asks, "What has Delhi done? Please protect doctors, nurses. They are #Corona warriors. You (Delhi govt) do not want the truth to come out. Several videos have come out." https://t.co/gR7y98vhdO— ANI (@ANI) June 17, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा – “मैसेंजर पर गोली न चलाएँ, डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों को धमकी न दें, उन्हें समर्थन दें। आप इस तरह से सच्चाई को दबा नहीं सकते। आपने एक डॉक्टर को निलंबित क्यों किया, जिसने आपके एक अस्पताल की दयनीय स्थिति का वीडियो बनाया था?”
Supreme Court's three-judge bench asks, "What has Delhi done? Please protect doctors, nurses. They are #Corona warriors. You (Delhi govt) do not want the truth to come out. Several videos have come out." https://t.co/gR7y98vhdO— ANI (@ANI) June 17, 2020
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार से एक हलफनामा भी देने को कहा है। आगे की सुनवाई शुक्रवार के लिए तय की गई है।
अवलोकन करें:-
हकीकत यह है कि हिसार के पैदाइशी अरविन्द केजरीवाल मुफ्तखोर दिल्लीवासियों की नब्ज अच्छी तरह पढ़ चुके हैं, चार साल कुछ मत करो, अंतिम यानि चुनावी वर्ष में कोई न कोई चीज फ्री कर दो, दिल्ली वाले सब भूल जाएंगे कि कोरोना से कितने मरे और कितने जिए, दिल्ली में कोरोना क्यों और कैसे फैला? मुफ्तखोर वोट हमें ही देंगे। केजरीवाल सरकार की लापरवाही के ही कारण आज दिल्ली में कितने hotspot और containment zones हैं। लेकिन अपनी असफलताओं को छुपाने के लिए कभी प्राइवेट हॉस्पिटल तो कभी दिल्ली से बाहर वालों के इलाज पर पाबन्दी से दिल्ली वालों को मूर्ख बना कर अपने आपको जनता का शुभचिंतक और ईमानदार साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। केजरीवाल आखिर कब तक जनता को मुर्ख बनाते रहोगे?
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कोरोना बन गया व्यापार
निगम बोध घाट पर दाह संस्कार करने पर चिता लगाने से पहले ही वहां के सेवादार दो बण्डल पेटी के लिए आवाज़ लगा देते हैं। पहले बण्डल जो 350/400 रूपए में मिलता था, अब मिलता है 700 रूपए का।अस्पतालों पर तो सबकी नज़र है, लेकिन और इस अवैध व्यापार की ओर किसी सरकार का ध्यान नहीं। और यह गोरखधंधा कई वर्षों से चल रहा है।
निगम बोध घाट पर दाह संस्कार करने पर चिता लगाने से पहले ही वहां के सेवादार दो बण्डल पेटी के लिए आवाज़ लगा देते हैं। पहले बण्डल जो 350/400 रूपए में मिलता था, अब मिलता है 700 रूपए का।अस्पतालों पर तो सबकी नज़र है, लेकिन और इस अवैध व्यापार की ओर किसी सरकार का ध्यान नहीं। और यह गोरखधंधा कई वर्षों से चल रहा है।
1 comment:
Supreme Court sahi pakdey.... Put Delhi Government under LG/President rule.
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