सचिन पायलट के नर्म पड़ते रुख पर अशोक गहलोत ने खुल कर हमला किया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनके यहाँ उपमुख्यमंत्री खुद ही डील कर रहे हैं। सरकार के खिलाफ षड्यंत्र में उपमुख्यमंत्री खुले रूप से शामिल हैं। गहलोत ने कहा कि ये बिना रगड़ाई हुए ही केंद्रीय मंत्री और पीसीसी चीफ बन गए और अगर ‘रगड़ाई’ हुई होती तो आज और अच्छा काम करते।
कांग्रेस ने बागी विधायक सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विधानसभा अध्यक्ष ने जुलाई 15, 2020 को कांग्रेस की शिकायत के आधार पर सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस भेजा है।
आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर आक्रामक हमला बोला है। अशोक गहलोत ने कहा कि पहले भी उन्हें अपने विधायकों को 10 दिन तक होटल में रखना पड़ा था। अगर उस वक्त वो नजर नहीं रखते तो आज जो मानेसर वाला खेल हुआ है, वो उस समय होने वाला था। गहलोत ने कहा कि रात के दो बजे लोगों को भेजा रहा था, जबकि खुद षड्यंत्र में शामिल नेता सफाई दे रहे थे।
सचिन पायलेट पर हमला बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा, “अच्छी अंग्रेजी बोलना, अच्छी बाइट देना और खूबसूरत (हैण्डसम) होना सब कुछ नहीं है। देश के लिए आपके दिल के अंदर क्या है, आपकी विचारधारा, नीतियाँ और प्रतिबद्धता, सब कुछ माना जाता है।”
अशोक गहलोत ने कहा, “हमारे डिप्टी सीएम हों या पीसीसी चीफ, उनसे जब खरीद-फरोख्त की जानकारी माँगी गई तो सफाई दे रहे हैं। जबकि वह खुद षड्यंत्र में शामिल थे। दिल्ली में बैठे लोगों ने सरकार गिराने की साजिश रची। लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश हो रही है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह साजिश हो रही है।”
उधर सचिन पायलट ने कहा कि वो अभी भी कांग्रेस में हैं और फिलहाल भाजपा में नहीं जा रहे हैं। सरकार गिराने की साजिश के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि सरकार गिराने की बात करना गलत है। सचिन पायलेट ने कहा कि वो अपनी ही पार्टी के खिलाफ ऐसा क्यों करेंगे?
भाजपा के पास खुद के 72 विधायक हैं और उसे हनुमान बेनीवाल की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो उनके गणित को 75 तक ले जाता है।
विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का जवाब देने के लिए 19 कांग्रेस विधायकों को शुक्रवार(17 जुलाई) तक का समय दिया गया है। लेकिन वे उस तारीख पर या उससे पहले अदालत में पेश किए गए नोटिस को चुनौती दे सकते हैं। यह सत्ता संघर्ष में एक नया आयाम जोड़ेगा।
ऐसे में, अगर विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की प्रक्रिया अदालत के आदेश से रुक जाती है, और विधानसभा में शक्ति परीक्षण होता है, तो गहलोत संख्याओं के फेर में मात खा सकते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस के बागी विधायक भाजपा के साथ जा सकते हैं और तब भाजपा के पास विधानसभा में बेनीवाल के तीन विधायकों के साथ 94 वोट होंगे। और गहलोत (88) की किस्मत पूरी तरह से 13 निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों पर निर्भर करेगी।
अवलोकन करें:-
दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थीं। पार्टी ने उपचुनाव में एक सीट (रामगढ़) पर बाद में जीत हासिल की, जिसके बाद इसकी संख्या 101 हो गई। इसके बाद, बसपा के भी छह विधायक पार्टी में शामिल हो गए, और इनकी संख्या 107 हो गई।
कांग्रेस ने बागी विधायक सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने के बाद उन्हें अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विधानसभा अध्यक्ष ने जुलाई 15, 2020 को कांग्रेस की शिकायत के आधार पर सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को नोटिस भेजा है।
आज राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर आक्रामक हमला बोला है। अशोक गहलोत ने कहा कि पहले भी उन्हें अपने विधायकों को 10 दिन तक होटल में रखना पड़ा था। अगर उस वक्त वो नजर नहीं रखते तो आज जो मानेसर वाला खेल हुआ है, वो उस समय होने वाला था। गहलोत ने कहा कि रात के दो बजे लोगों को भेजा रहा था, जबकि खुद षड्यंत्र में शामिल नेता सफाई दे रहे थे।
सचिन पायलेट पर हमला बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा, “अच्छी अंग्रेजी बोलना, अच्छी बाइट देना और खूबसूरत (हैण्डसम) होना सब कुछ नहीं है। देश के लिए आपके दिल के अंदर क्या है, आपकी विचारधारा, नीतियाँ और प्रतिबद्धता, सब कुछ माना जाता है।”
Speaking good English, giving good bytes and being handsome isn't everything. What is inside your heart for the country, your ideology, policies, and commitment, everything is considered: Ashok Gehlot, Rajasthan Chief Minister pic.twitter.com/xHS5WzajWb— ANI (@ANI) July 15, 2020
ठीक है माना सिर्फ अच्छी अंग्रेजी बोलने से कुछ नहीं होता,— Ravi Tiwari 🇮🇳 (@itsRaviTiwari) July 15, 2020
लेकिन मानलो ऐसी हिंदी बोलने से भी कुछ नहीं होता है।।😂 👇 @ashokgehlot51pic.twitter.com/o5InAm1fVN
“अच्छी अंग्रेज़ी बोलने से कुछ नहीं होता, कमिटमेंट मायने रखता है”— Rajeev Rajput (@TheRoyalRaajput) July 15, 2020
अशोक गहलोत pic.twitter.com/pyfAsMtyge
Sach kaha gehlot Sir ne... Acchi angrezi bolne wale ne kaafi baar bhramin hone ka dhong racha lekin unka asal commitment to Italians se hi tha.... pic.twitter.com/ZCwSAJzWDX— P M Rajpurohit (@Pukhraj57393340) July 15, 2020
गहलोत ने कहा कि उनके विधायकों को पैसे का लालच दिया गया ताकि वे टूटने वाली पार्टी में शामिल हो जाएँ और सरकार गिर जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोधियों के पास धन-बल की कमी नहीं होने के कारण यह साफ शब्दों में कह दिया गया कि जो सरकार के साथ नहीं है, वो पैसे ले चुका है।Pt Nehru got 00/14 votes from provincial assemblies but was still made PM because he spoke good english,gave good sound bytes and was handsome too- हमरी ना मानो - एडविना से पूछो— Dinesh Upadhyay (@DineshU76910266) July 15, 2020
अशोक गहलोत ने कहा, “हमारे डिप्टी सीएम हों या पीसीसी चीफ, उनसे जब खरीद-फरोख्त की जानकारी माँगी गई तो सफाई दे रहे हैं। जबकि वह खुद षड्यंत्र में शामिल थे। दिल्ली में बैठे लोगों ने सरकार गिराने की साजिश रची। लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश हो रही है। कर्नाटक और मध्य प्रदेश की तरह साजिश हो रही है।”
उधर सचिन पायलट ने कहा कि वो अभी भी कांग्रेस में हैं और फिलहाल भाजपा में नहीं जा रहे हैं। सरकार गिराने की साजिश के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि सरकार गिराने की बात करना गलत है। सचिन पायलेट ने कहा कि वो अपनी ही पार्टी के खिलाफ ऐसा क्यों करेंगे?
भाजपा के पास खुद के 72 विधायक हैं और उसे हनुमान बेनीवाल की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो उनके गणित को 75 तक ले जाता है।
विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस का जवाब देने के लिए 19 कांग्रेस विधायकों को शुक्रवार(17 जुलाई) तक का समय दिया गया है। लेकिन वे उस तारीख पर या उससे पहले अदालत में पेश किए गए नोटिस को चुनौती दे सकते हैं। यह सत्ता संघर्ष में एक नया आयाम जोड़ेगा।
ऐसे में, अगर विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की प्रक्रिया अदालत के आदेश से रुक जाती है, और विधानसभा में शक्ति परीक्षण होता है, तो गहलोत संख्याओं के फेर में मात खा सकते हैं।
ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस के बागी विधायक भाजपा के साथ जा सकते हैं और तब भाजपा के पास विधानसभा में बेनीवाल के तीन विधायकों के साथ 94 वोट होंगे। और गहलोत (88) की किस्मत पूरी तरह से 13 निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों पर निर्भर करेगी।
अवलोकन करें:-
दिसंबर 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थीं। पार्टी ने उपचुनाव में एक सीट (रामगढ़) पर बाद में जीत हासिल की, जिसके बाद इसकी संख्या 101 हो गई। इसके बाद, बसपा के भी छह विधायक पार्टी में शामिल हो गए, और इनकी संख्या 107 हो गई।
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