इस साल एजेंसियाँ कोरोना नियंत्रण में लगी थीं: केजरीवाल

दिल्ली
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
देश की राजधानी दिल्ली में रविवार (19 जुलाई, 2020) को हुई भारी बरसात के बाद जो हालात सामने आए उसने केजरीवाल सरकार के ड्रेनेज सिस्टम और बरसात प्रबंधन की तैयारियों की पोल खोलकर रख दी है। नाले में बहती झुग्गी और डूबा शहर देखकर, दिल्ली सरकार की मॉनसून को लेकर सारी तैयारियाँ भी पहली ही बारिश में धुलती नजर आईं। कई इलाकों में भारी जल भराव होने के कारण जनजीवन काफी प्रभावित हुआ है। इस जलभराव के कारण मिंटो रोड पर स्थित एक टेंपो ड्राइवर की मौत हो गई।
बीजेपी ने इस मसले पर जब केजरीवाल सरकार को घेरा तो सफाई देने खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सामने आए। अरविंद केजरीवाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब ट्वीट के माध्यम से दिया। उन्होंने कहा, “इस साल सभी एजेंसियाँ, चाहे वो दिल्ली सरकार की हों या एमसीडी की, सभी कोरोना के नियंत्रण में जुटी हुई हैं। कोरोना के कारण उन्हें कई कठिनाइयाँ आईं हैं। ये वक्त एक दूसरे पर दोषारोपण का नहीं है। सबको मिल कर अपनी जिम्मेदारियाँ निभानी है। जहाँ-जहाँ पानी भरेगा, हम उसे तुरंत निकालने का प्रयास करेंगे।”


सफाई विभाग नगर निगम के अधीन है 
इससे पहले बारिश के चलते भरे हुए नाले और दिल्ली की खराब स्थिति को देखते हुए बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने ट्विटर के जरिए अरविंद केजरीवाल सरकार पर निशाना साधा था।
मनोज तिवारी ने कहा था कि, “कुछ घंटों की बारिश में बिगड़े हालात, तो महीनों की बारिश में दिल्ली का क्या हाल होगा? अरविंद केजरीवाल जी मॉनसून की पहली बारिश ने ही आपकी तैयारियों की कलई खोल दी। आगे होने वाली बारिश से निपटने के लिए तुरंत ठोस योजना तैयार करें, ताकि दिल्ली को डूबने और लोगों को तकलीफ से बचाया जा सके।”
दिल्ली सरकार को आरोपित करने से पूर्व, बीजेपी को यह समझना चाहिए था कि सफाई विभाग नगर निगम में सत्ताधारी बीजेपी के अधीन है, अपने महापौरों से क्यों नहीं प्रश्न किया? केजरीवाल ने फिर कोरोना की आड़ में बीजेपी को भी दोषमुक्त किया है। आरोप लगाना अच्छी बात है, लेकिन आधारहीन नहीं। अगर नाले भरे तो दोषी बीजेपी भी है। आधारहीन विरोध करने के ही बीजेपी दिल्ली सत्ता से बाहर है और यही हाल रहा तो नगर निगम से भी बाहर हो जाएगी। बीजेपी की इन्ही गलतियों को अरविन्द केजरीवाल भुनाने में सफल हो रहे हैं। क्या बीजेपी नगर निगम को भ्रष्टाचार मुक्त करवा पायी? इन्ही मुद्दों पर आगामी नगर निगम चुनावों में केजरीवाल पार्टी बीजेपी को घेरेगी और बीजेपी के पास कोई जवाब नहीं होगा। स्थानीय बीजेपी नेता धरातल पर काम करना भूल, केवल चाटुकारों पर ही निर्भर है। मोदी के नाम पर लोकसभा जीत सकते हो, लेकिन स्थानीय चुनाव नहीं।  
दिल्ली के मिंटो रोड अंडरपास में भारी जलभराव की वजह से जिस कुंदन नाम के शख्स की मौत हुई थी, वह अपने परिवार में कमाने वाला इकलौता सदस्य था। कुंदन के टेम्पो पर सीआईपीएफ का स्टीकर लगा था। जिससे पता चलता है कि उसने कोरोना काल के समय दिन-रात लोगों की मदद की है। कुंदन के सर पर उसके माता-पिता, पत्नी और दो बेटियों की जिम्मेदारी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में कुंदन के बड़ी बेटी की शादी तय थी। कुंदन के भाईयों की पहले ही एक सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी थी। वहीं अब दिल्ली प्रशासन की लापरवाही ने उसकी भी जान ले ली। अब सवाल यह उठता है कि क्या केजरीवाल सरकार कुंदन के परिवार की जिम्मेदारी उठाएगी। जो सपना कुंदन ने अपनी बेटी के लिए सँजो रखा था, क्या वो अब पूरा हो पाएगा?
मिंटो रोड ब्रिज के पास पानी में एक शव तैरता हुआ मिला। एक ट्रैकमैन ने इस शव को देखा और बाहर निकाला। बाद में दिल्ली पुलिस ने बताया कि मृतक की पहचान 60 वर्षीय कुंदन के रूप में हुई है। कुंदन सिंह टेंपो ड्राइवर था। वह सुबह कनॉट प्लेस की तरफ जा रहा था। उसने अंडरपास से अपना वाहन निकालने की कोशिश की जहाँ पानी भरा था। ऐसा लगता है कि भारी बारिश में जल-भराव में डूबने से उसकी मौत हुई है। क्योंकि उसके शरीर पर किसी बाहरी चोट का कोई निशान सामने नहीं आया है।

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