राहुल के ट्वीट पर भाजपा का पलटवार, किया शाहीन बाग से लेकर चीन को बचाने तक का जिक्र

BJP chief JP Nadda said that One dynasty trying to destroy Prime ...
आखिर क्या कारण है कि देशहित और जनहित की दुहाई देने वाली कांग्रेस उलटे-पुल्टे बयानों से जनता को भ्रमित कर रही है। आतंकवाद को संरक्षण देकर, जनमानस के दिमाग में पाकिस्तान का एक डर बैठ गया था, उस डर को नेस्ताबूत कर पाकिस्तान को विश्व में अलग-थलग कर उसे आतंकवाद की आरामगाह सिद्ध करने में सफल होना कांग्रेस और इसके समर्थकों को रास नहीं आया। ठीक यही स्थिति चीन को लेकर है। 
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी को कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसना भारी पड़ा। राहुल के ट्वीट पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उन्हीं के अंदाज में कटाक्ष किया। प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी जी अपने पिछले 6 महीने की उपलब्धियों पर आप भी ध्यान दें…
फरवरी: शाहीन बाग और दंगे
मार्च: ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्य प्रदेश को गंवाना
अप्रैल: प्रवासी मजदूरों को उकसाना
मई: कांग्रेस की ऐतिहासिक हार की छठी सालगिरह
जून: चीन का बचाव करना
जुलाई: राजस्थान में कांग्रेस पतन के कगार पर


जावड़ेकर ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि राहुल बाबा आप कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की उपलब्धियां भी लिख लें। भारत में अमेरिका, यूरोप और ब्राजील की तुलना में सबसे कम औसत मामले, सक्रिय मामले और मृत्यु दर है। आपने मोमबत्तियां जलाने का मजाक उड़ाकर देशवासियों और कोरोना वारियर्स का अपमान किया है।

नड्डा ने भी लगाई फटकार
एक दिन पहले ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि एक खानदान वर्षों से पीएम मोदी को खत्म करने की कोशिश कर रहा है। यह उनके लिए दुखद बात है कि पीएम मोदी का 130 करोड़ भारतीयों के साथ गहरा लगाव है। वे उनके लिए काम करते हैं और उन्हीं के लिए जीते हैं। जो उन्हें बर्बाद करना चाहते हैं, वो अपनी ही पार्टी को खत्म कर देंगे।


बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल के वीडियो मैसेज को एक बार फिर राहुल की असफल लॉन्चिंग बता डाला। उन्होंने कहा कि हमने एक और बार राहुल गांधी के रिलॉन्च का विफल संस्करण देखा। राहुल गांधी हमेशा की तरह तथ्यों पर कमजोर थे। रक्षा और विदेश नीति के मामलों का राजनीतिकरण किया जा रहा है। यह दिखाता है कि एक खानदान किस तरह 1962 के पाप को धोना चाहता है और भारत को कमजोर करने की हताशा को दर्शाता है।’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया कि 1950 के दशक से ही चीन ने एक वंश में रणनीतिक निवेश किया है जिसने उन्हें लाभांश भी मिला है। 1962 में UNSC सीट छोड़ देना, यूपीए शासनकाल में चीन के हाथों जमीन खोना, 2008 में MoU साइन करना, राजीव गांधी फाउंडेशन को चंदा और अन्य इसके उदाहरण हैं।
नड्डा के आरोप लगाया कि चाहे डोकलाम का मामला हो या अभी राहुल गांधी का सेना पर विश्वास करने के बजाय चीन की ओर से दी गई जानकारी में ज्यादा दिलचस्पी रखना। क्यों एक खानदान भारत को कमजोर और चीन को मजबूत करनाना चाहता है? कांग्रेस के भी कई नेता ने एक वंश को नकार दिया है।

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