फिर हुआ उजागर कांग्रेस का हिन्दू विरोधी चेहरा

साकेत गोखले-राहुल गाँधी
हिन्दू विरोधयों की जोड़ी : राहुल गाँधी और साकेत गोखले 
आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार 
अयोध्या राम मंदिर निर्माण हेतु ‘भूमि पूजन‘ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अयोध्या दौरे पर जारी बहस और राजनीति के बीच, दिल्ली के वकील और कांग्रेस पार्टी समर्थक साकेत गोखले ने बुधवार (जुलाई 22, 2020) को कोरोना वायरस के दौरान ‘अनलॉक 2.0’ दिशानिर्देशों के मद्देनजर राम मंदिर भूमि पूजन के इस आयोजन पर रोक लगाने की याचिका (PIL) दायर की है।
कांग्रेस समर्थक साकेत गोखले द्वारा दायर इस PIL में कहा गया है कि अनुमान के अनुसार दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए 300 लोग घटना में शामिल होंगे। यदि याचिका स्वीकार की जाती है, तो मुख्य न्यायाधीश द्वारा तय की गई एक पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
यदि मंदिर अवरोध की गहराई में जाया जाये तो मुस्लिम से कहीं अधिक कांग्रेस और वामपंथियों द्वारा ही अड़चने उत्पन्न की गयी हैं। खुदाई में मिले अवशेषों को छुपाया गया। राम को काल्पनिक बताया गया, राम के जन्मस्थान पर संदेह किया गया। और पार्टी में शामिल बेशर्म हिन्दू अपने आराध्य श्रीराम का उपहास बर्दाश्त करते रहे। जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे एवं भूतपूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुख़र्जी ने अपनी पुस्तक में सोनिया गाँधी के हिन्दू विरोधी होने की बात कही है। 
साकेत गोखले सोशल मीडिया पर मोदी सरकार और इसके कामकाज को लेकर फेक और भ्रामक खबरें फैलाने के लिए जाने जाते हैं।
इलाहबाद हाई कोर्ट में PIL फाइल



याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र के दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजन की अनुमति नहीं दे सकती है। ट्विटर पर साकेत गोखले ने लिखा है कि राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट और केंद्र सरकार, दोनों ही इस मुद्दे पर साथ हैं। इसके अलावा, गोखले ने गृह मंत्रालय पर एक आरटीआई भी दायर की है, जिसमें पूछा गया है कि क्या इसके लिए किसी अन्य आधार पर छूट दी गई थी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र में 150 मेहमानों को आमंत्रित किया गया है – जिनमें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, और गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं।
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इस दौरान सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के मानदंडों का पालन किया जाएगा। ट्रस्ट ने अनुमान लगाया है कि मंदिर का निर्माण 3-3.5 वर्षों में पूरा किया जाएगा, यानी वर्ष 2023 तक यह सम्पन्न हो जाएगा।

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