
राहुल गांधी के इस ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट करते हुए कहा, “अपनी खुद की पार्टी में भी लोगों को प्रभावित नहीं कर सकने वाले हार चुके लोग इस बात का हवाला देते रहते हैं कि पूरी दुनिया बीजेपी और आरएसएस द्वारा नियंत्रित है। चुनाव से पहले डेटा को हथियार बनाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका और फेसबुक के साथ आपके गठजोड़ को रंगे हाथों पकड़ा गया था और अब हमसे सवाल पूछने की गुस्ताखी?”
भाजपा-RSS भारत में फेसबुक और व्हाट्सएप का नियंत्रण करती हैं।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 16, 2020
इस माध्यम से ये झूठी खबरें व नफ़रत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं।
आख़िरकार, अमेरिकी मीडिया ने फेसबुक का सच सामने लाया है। pic.twitter.com/PAT6zRamEb
Losers who cannot influence people even in their own party keep cribbing that the entire world is controlled by BJP & RSS.— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) August 16, 2020
You were caught red-handed in alliance with Cambridge Analytica & Facebook to weaponise data before the elections & now have the gall to question us? https://t.co/NloUF2WZVY
Respected Sir— हिंदुस्तानी सपूत (@Hindust66995620) August 16, 2020
They have 70 years relentlessly looted & divided the nation for VOTE BANK POLITICS
Now game is over & finished
अली बाबा के 40 चोरों के कुकृत्य की राजनीति का काला काल खंड समाप्त हुआ
कहावत याद आयी
" विदेशी बिल्ली खम्बा नोचे "
" Greedy cat scratch the iron pole"
राहुल गांधी भले ही भाजपा और आएसएस पर झूठे आरोप लगा रहे हैं लेकिन हकीकत यह है कि 2019 लोकसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी ने फेकबुस के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ सेटिंग की। मार्च 2018 में कैंब्रिज एनालिटिका के डेटा स्कैंडल के व्हिस्लब्लोअर क्रिहस्टफर विली ने तब इसका खुलासा किया था।
चुनाव से पहले राहुल गांधी ने की थी कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ सेटिंग
हकीकत,राहुल गांधी के आरोप के बिल्कुल उलट है। 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने फेसबुक के लिए कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ सेटिंग की थी। मार्च 2018 में कैंब्रिज एनालिटिका के डेटा स्कैंडल के व्हिस्लब्लोअर क्रिहस्टफर विली ने यूके की पार्लियामेंट्री कमिटी को बताया कि कांग्रेस पार्टी ने इस डेटा कंसल्टंसी फर्म को हायर किया था।
विली ने पार्लियामेंट्री कमिटी को बताया था कि कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ काम करने वाली पार्टियों में भारत की कांग्रेस पार्टी भी थी। विली के अनुसार उसे पूरा यकीन है कि कैंब्रिज एनालिटिका की एक क्लाइंट कांग्रेस भी थी। कंपनी ने कांग्रेस पार्टी के लिए हर तरह के प्रोजेक्ट पर काम किया। विली के अनुसार उसे याद नहीं कि कोई राष्ट्रीय प्रोजेक्ट हो लेकिन कई सारे क्षेत्रीय प्रोजेक्ट थे। इस पूरे मुद्दे पर तब कांग्रेस की काफी किरकिरी हुई थी।
#CambridgeAnalytica Whistleblower Names @INCIndia— Sachin Singh (@sachinsingh1010) March 27, 2018
Cambridge Analytica whistleblower Christopher Wylie has told #BritishParliament that #CambridgeAnalytica worked extensively in #India for #CongressParty pic.twitter.com/2cjeQiOwhQ
कैम्ब्रिज एनालिटिका के CEO के ऑफिस में कांग्रेस पार्टी का पोस्टरWhistleblower #ChristopherWylie busted lies of Congress & Says #CambridgeAnalytica worked extensively in India, names Congress as client. Opposition Parties & Congress crying over Aadhaar Linking in the name of Right to Privacy but They sell Your privacy for Votes. Wake up India.— Anshul Saxena (@AskAnshul) March 27, 2018
कैम्ब्रिज एनालिटिका से कांग्रेस के संबंध का तब और खुलासा हुआ था जब निलंबित सीईओ एलेक्सजेंडर निक्स के लंदन स्थित दफ्तर में कांग्रेस का पोस्टर दीवार पर चिपका दिखाई दिया था और इससे साफ हो गया था कि कांग्रेस का एलेक्सजेंडर निक्स के साथ रिश्ता था और पार्टी कथित रूप से कैम्ब्रिज एनालिटिका की क्लाइंट थी।
अवलोकन करें:-
दरअसल, पत्रकार और टेक ब्लॉगर जेमी बार्लेट ने बीबीसी के लिए ‘सीक्रेट्स ऑफ सिलिकन वैली’ नाम से दो भागों में डॉक्युमेंट्री का निर्माण किया था। डॉक्युमेंट्री के दूसरे हिस्से ‘द पर्सूएशन मशीन’ में बार्लेट निक्स के कमरे में घुसते हैं। निक्स खड़ा होकर बार्लेट का स्वागत करते हैं। निक्स के पीछे दीवार पर ‘हाथ’ निशान वाला पोस्टर लगा है। हाथ निशान के नीचे बड़े अक्षरों में कांग्रेस लिखा हुआ है। पोस्टर पर ‘सभी के लिए विकास’ (डिवेलपमेंट फॉर ऑल) स्लोगन लिखा था।
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