दिल्ली : हिन्दू युवक की मॉब लिंचिंग, मुस्लिम युवकों ने डंडों से पीट-पीट कर मार डाला, सेक्युलर गैंग ने साधी चुप्पी

                                                                    प्रतीकात्मक 
अगर किसी को दिल्ली मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, राहुल गाँधी, प्रियंका वाड्रा, #mob lynching, #not in my name, #award vapasi, #intolerance या फिर गंगा-जमुनी तहजीब राग-अलापने वाला गैंग कहीं दिखाई पड़े तो उनको बता दो कि विकासपुरी में डॉ नारंग, लाल कुआँ में मंदिर और घरों में घुसकर हिन्दू महिलाओं को प्रताड़ित करने और पूर्वी दिल्ली में हिन्दू विरोधी दंगों के बाद अब पश्चिमी दिल्ली में उनके शांतिदूतों ने एक हिन्दू लड़के की पीट-पीटकर हत्या कर दी। क्योकि अभी तक इन बिकाऊ गैंगस्टरों की कोई आवाज़ नहीं आयी, और पुलिस कार्यवाही पर जितने भी ये साम्प्रदायिक गैंग है, Victim Card खेलने मैदान में उतर आएंगे। कहेंगे कि गरीब है, मजलूम हैं, नासमझ हैं, जवानी के जोश में बहक गए थे, माफ़ कर, मामला ख़त्म करो। वैसे ये घटना अगस्त 28 की है। लेकिन क्षेत्रीय सांसद को चाहिए की, किसी भी हाल में इन गरीब, मजलूम हत्यारों पर कोई नरमी न बढ़ती जाए। मजे की बात, कोई लिबरल गैंग मीडिया भी नहीं बोल रहा, शायद इनके सूचना तंत्र कहीं आने-जाने योग्य नहीं है, इसलिए बिना किसी सबूत के उनकी TRP को संतुलित रखने वालों के खिलाफ बोल भी तो नहीं सकते, सर जी।    
दिल्ली मुख्यमंत्री केजरीवाल तो इसलिए चुप है कि ये घटनाएं दिल्ली में घटित हो रही हैं, उत्तर प्रदेश या फिर किसी भाजपा शासित राज्य में नहीं, जो इनका मुंह खुले। ये तो बस चुपचाप उपद्रवियों को सुरक्षा कवच देते रहेंगे। जैसाकि जेएनयू, लाल कुआँ, विकासपुरी और पूर्वी दिल्ली में देखने को मिला। दिल्लीवालों ने मुफ्त की रेवड़ियां खाने के चक्कर में कांग्रेस से अधिक विवादित पार्टी के हाथ में सत्ता थमा दी। वैसे केजरीवाल और जितने भी उपरोक्त गैंगस्टर हैं ये सब मजहब देखकर सियासत करने वाले हैं, क्योकि धर्म देख राजनीति करने में इन्हें साम्प्रदायिकता नज़र आने लगती है।    
पश्चिमी दिल्ली के नारायणा में एक हिन्दू युवक की मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया है। शुक्रवार को चार मुस्लिम युवकों ने एक 32 वर्षीय राहुल को मोबाइल चोरी करने के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला। लेकिन मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति की मॉब लिंचिंग पर तूफान खड़ा करने वाला तथाकथित सेक्युलर मीडिया इस घटना पर मौन है। इन लोगों को हिंदुओं की हो रही मॉब लिंचिंग दिखाई नहीं देती है। देश में हिंदुओं, दलितों, आदिवासियों के साथ मॉब लिंचिंग की घटनाएं आम हैं, लेकिन हिंदू विरोधी ताकतों को ये दिखाई नहीं देता है।
मॉब लिंचिंग की इस घटना को अंजाम देने वाले चार आरोपितों की पहचान मुश्ताक अहमद, उसके भाई शिराज अहमद, अनीश और इश्तिहार के रूप में हुई है, जिन्होंने राहुल को एक पेड़ से बांधकर डंडों और लोहे के छड़ों से उसे बेहरहमी से मारा। जिससे उसकी मौत हो गई। 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को चश्मदीद शेष कुमार ने बताया कि सुबह उसके पड़ोसी मुश्ताक अहमद, उसका भाई सिराज अहमद, अनीश और इश्तिहार (चारो लोहा मंडी के निवासी थे।) पार्क में इस लड़के की बुरी तरह से पिटाई कर रहे थे। उन्होंने लड़के को पेड़ से बाँधा हुआ था। और लाठी डंडों, पाइप और लोहे की रॉड से उसकी पिटाई कर रहे थे। उन लोगों ने उस व्यक्ति को तब तक मारा जब तक उसकी हालत बदतर नहीं हो गई। उसके बाद वे उसे छोड़ कर भाग गए।
डीसीपी दीपक पुरोहित ने बताया 28 अगस्त को पीसीआर कॉल से नारायणा के लोहा मंडी के एमसीडी पार्क में एक शख्स की हत्या की सूचना मिली थी। जिस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए नारायणा पुलिस स्टेशन की एक टीम घटना स्थल पर पहुँची तो उन्हें 32 साल के लड़के का शव पड़ा हुआ मिला। लड़के के पूरे शरीर पर चोट के निशान थे।

पुलिस के मुताबिक, चारो आरोपितों को घटना के तुरंत बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया। राहुल और उसके साथियों ने मिलकर शिराज के सेलफोन को उसके ट्रक से चुरा लिया था। जिसके बाद राहुल के दोस्त फ़ोन लेकर भाग गए लेकिन राहुल उन लोगों के हत्थे चढ़ गया। जिस पर चारों आरोपितों ने उसकी इतनी पिटाई की कि उसे जान से हाथ धोना पड़ा।
हैरानी बात यह है कि मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति की मॉब लिंचिंग होने पर मोदी सरकार को कोसने वाला सेक्युलर मीडिया इस घटना को लेकर मैन है। उसे हिन्दू युवक का यह मॉब लिंचिंग दिखाई नहीं दे रहा है। अगर यह घटना किसी मुस्लिम युवक के साथ हुई होती, तो सेक्युलर गैंग टीवी चैनलों में बहस और सोशल मीडिया पर पोस्ट करते नजर आता। दिल्ली से लेकर बॉलीवुड तक सभी के हाथों में प्लेकार्ड और पोस्टर नजर आता। लेकिन आज सभी गायब है।
किसी भी व्यक्ति की हत्या मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख देती है, मरने वाला चाहे किसी भी धर्म, जाति या रंग का हो। लेकिन सेक्युलर गैंग और बुद्धिजीवी व्यक्ति के धर्म, जाति और रंग को आधार बनाकर विरोध करते हैं। महज क्षुद्र राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण कुछ लोग मोदी सरकार के खिलाफ मॉब लिंचिंग के नाम पर झूठ फैलाने से बाज नहीं आते हैं। सेक्युलर और टुकड़े-टुकड़े गैंग हमेशा पक्षपाती चिंता जाहिर कर अपना हित साधने की कोशिश करता है।  

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