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रज़ा बाजार में पूजा के विरोध में जुटे मुस्लिम |
प्रदेश के खड़गपुर में अलग-अलग जगहों पर पूजा का आयोजन किया गया था। इन्हें पुलिस वालों ने जबरन रुकवाया था। ख़बरों के मुताबिक़ पुलिस ने मंदिरों में पूजा कर रहे लोगों को घसीटकर बाहर निकाला। लाठी चार्ज किया और मंदिरों को भी नुकसान पहुँचाया।
बंगाल और झारखण्ड में जिस तरह हिन्दुओं को पूजा करने से रोकने का तांडव किया गया है, किसी #not in my name, #intolerance, #right to worship, #award vapasi, #mob lynching और "गंगा-जमुना तहजीब" की बात करने गैंगस्टर क्यों मुंह में दही जमाए बैठे हैं? कहाँ है लोकतंत्र की दुहाई देने वाले? क्या भारत में मुग़ल वंशज की मनमानी चलेगी? क्या हिन्दू अपनी मर्यादा को स्थापित नहीं कर सकता? विरोध उनका नहीं किया जाता, जिन लोगों ने गलत भारतीय इतिहास को जनता को पढ़ाकर गुमराह किया? यदि तुष्टिकरण को त्याग देशहित में वास्तविक इतिहास पढ़ाया जाता, ये हिंसक वारदातें नहीं होती। इस सब विवाद के जन्मदाता तथाकथित इतिहासकार हैं, जिन्होंने चंद चांदी के टुकड़ों लालच में अपने जमीर को बेच दिया। इन लालची इतिहासकारो से पूछो कि "कहां है मुग़ल आक्रांताओं से पूर्व हज़ारों वर्षों तक राज करने वाले हिन्दू सम्राटों का इतिहास?
अब जो जानकारी सामने आ रही है उससे पता चलता है कि ऐसा केवल पुलिस ने ही नहीं किया। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी भारी संख्या में मंदिरों में घुस कर हिंदुओं को पूजा करने से रोका था। बीजेपी समेत कई हिंदू संगठनों ने कोलकाता में अलग-अलग जगहों पर पूजा का आयोजन किया था। इनमें से कई पूजा स्थलों पर मुस्लिम भीड़ ने हमला किया। इस काम में पुलिस भी उनका साथ दे रही थी। कोलकाता का रज़ा बाज़ार मुस्लिम बाहुल्य इलाका है। यहाँ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राम के नाम पर आयोजित की गई हर पूजा को निशाना बनाया।
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भगवा झंडे पर भी गुस्सा जताया और हटाने की हरसंभव कोशिश की। वीडियो में साफ़ तौर पर देखा जा सकता है एक हिंदू ने अपनी दुकान के सामने भगवा झंडा लगा रखा है। इस वजह से एक मुस्लिम उससे विवाद कर रहा है। वीडियो में मुस्लिम व्यक्ति का भगवा झंडे को लेकर घृणा साफ नजर आ रहा है।
रज़ा बाज़ार इलाके के दूसरे वीडियो में देखा जा सकता है मुस्लिमों की भीड़ भगवा झंडे उतारने में जुट जाती है। वीडियो में बेहद साफ़ तौर पर यह भी सुनाई देता है, जब एक आदमी कहता है- उतारो-उतारो सब को (झंडे)। इसके बाद दूसरा व्यक्ति कहता है-घुस के मारो सालों को।
Why nobody is talking about Police's brutality on Hindus in West Bengal? WB Police beat up men, women and minor girls for merely doing Aarti in a temple on the occassion of Ram Mandir Bhoomi Poojan. Why utter silence even from the BJP leaders? Kab tak chalega aisa? Elections tak?— Madhur (@ThePlacardGuy) August 5, 2020
Brother, they deserve this cruelty, as they voted for their favorite 😏— Surendra సురేంద్ర (@soor_ind) August 6, 2020
बाबरी रूपी ममता को डिमोलिश करने का समय है अब— Abhinav🚩 (@AbhinavSaroj3) August 5, 2020
रज़ा बाज़ार के नरकेलदंगा इलाके में भी मुस्लिम समुदाय द्वारा उपद्रव की घटनाएँ नज़र आई। मुस्लिम इस बात पर आपत्ति जताते हुए देखे जा सकते हैं कि हिंदू राम की पूजा कर रहे हैं और राम के नारे लगा रहे हैं। पूजा रोकने के लिए मुस्लिमों ने रास्ते तक जाम कर दिए थे। घटनास्थल पर दंगे जैसे हालात होने के पहले पुलिस आ गई और स्थिति को नियंत्रण में किया।
This is kolkata Raza bazar. @MamataOfficial gov spcl treatment given to peace loving community on 5 th August lockdown..Only for one reason to remove saffron flag from kolkata street. when corona case are on rise in city @ZeeNews pic.twitter.com/oRu98dZXSm— Rohit Singh (@Rohit976Singh) August 5, 2020
— Rohit Singh (@Rohit976Singh) August 5, 2020
@ZeeNews How can huge gathering occured without gov knowledge...@MamataOfficial @derekobrienmp u failed bengal cuz of your vote bank politics people of bengal suffering pic.twitter.com/lZAzBPbVKE— Rohit Singh (@Rohit976Singh) August 5, 2020
जहाँ एक तरफ हिंदुओं पर 5 अगस्त के दिन राम मंदिर के नाम पर पूजा करके लॉकडाउन की अनदेखी का आरोप लगा। वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय के लोग अलग-अलग जगहों पर भारी संख्या में नज़र आए।
अवलोकन करें:-
भाजपा सरकार ने इस सम्बन्ध में पश्चिम बंगाल सरकार से निवेदन भी किया था कि 5 अगस्त का लॉकडाउन किसी दूसरे दिन रखा जाए। लेकिन ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के इस आग्रह को ठुकरा दिया था।
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