सुदर्शन पर हमला करने पहुँचे कट्टरपंथी, चैनल में घुसने की कोशिश

सुदर्शन न्यूज पर हमला
हाल ही में अपने शो ‘बिंदास बोल’ पर ‘जिहाद ब्यूरोक्रेसी’ दिखाने का ऐलान करने के कारण चर्चा में आए सुदर्शन न्यूज चैनल के ऊपर आज (सितंबर 11, 2020) हमला हुआ है। इस हमले की जानकारी मीडिया संस्थान के प्रमुख संपादक सुरेश चव्हाणके ने स्वयं दी है।
उन्होंने अपने ट्वीट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस को टैग करते हुए लिखा, “सुदर्शन पर हमला करने पहुँचे कट्टरपंथी। स्टूडियो में घुसने से रोकने पर सुरक्षा रक्षकों पर किया हमला। सेक्टर 58 थाने के प्रमुख “नावेद ख़ान” को कई बार निवेदन देने के बावजूद नोएडा पुलिस ने यहाँ एक भी पुलिसवाला नहीं लगाया है। ट्वीट लिखते समय हंगामा जारी है।”
सुरेश चव्हाणके के इस ट्वीट के बाद सीएम योगी के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने इस मामले पर यूपी के डीजी को फौरन एक्शन लेने की बात कही है।
सुदर्शन न्यूज के ट्विटर अकॉउंट पर भी एक वीडियो साझा की गई है। इस वीडियों में दूसरे समुदाय के लोगों का जमावड़ा मुख्यालय के बाहर देखा जा सकता है। साथ ही उनमें से एक व्यक्ति संस्थान के लोगों से कहता दिख रहा है, “इस शो को बंद होना चाहिए। ये हिंदू-मुसलमान के सिवा कोई बात ही नहीं करते। देश में रोजगार भी है, शिक्षा भी है, स्वास्थ्य भी है। उस पर शो चलाइए। बेवजह हर वक्त हिंदू-मुस्लिम करते रहते हो।”

वहीं न्यूज चैनल के ट्वीट में लिखा है, “सुदर्शन मुख्यालय के बाहर मुस्लिमों का जमावड़ा। जबरन चैनल में घुसने की कोशिश। अंदर फेंके पत्थर। सुरेश जी को बाहर निकालने के नारे।”

ट्विटर पर कट्टरपंथियों के विरुद्ध छिड़ती जंग:
नागरिकता संशोधक कानून की आड़ में
हिन्दुत्व के विरुद्ध ये बकवास करने वाले
कौन-कौन बिकाऊ लोग थे? चिंगारी छोड़ो,
फिर
पलटवार होने पर बेगैरत होकर चिल्लाते हो
"हमारे पर जुल्म हो रहा है।"  
आखिर सच्चाई उजागर होने से कट्टरपंथियों को क्यों परेशानी हो रही है? जहाँ तक ये लोग हिन्दू-मुसलमान होने की बात कर रहे हैं, ये लोग जवाब दें, नागरिकता संशोधक कानून की आड़ में हिन्दू-मुसलमान कौन कर रहा था? हिन्दुत्व के खिलाफ होती नारेबाजी के बावजूद बेशर्म हिन्दू चाहे वह किसी भी पार्टी से हों, इनका साथ दे रहे थे। आज वास्तव में दो चैनल कट्टरपंथियों, छद्दम सेक्युलरिस्ट्स और वामपंथियों के निशाने पर हैं। रिपब्लिक भारत और सुदर्शन दोनों ही देश की ज्वलन्त समस्याओं को उजागर करने में प्रयत्नशील है, जिसका हर चैनल को साथ देना चाहिए। मजे की बात यह है कि जिस तरह नागरिकता संशोधक कानून का विरोध करने के लिए रूपए बांट कर भीड़ जमा की गयी थी, उसी तर्ज पर सुदर्शन चैनल पर जमा किया गया, जिसे वीडियो में सुना जा सकता है कि "उसकी दहाडी तो दो।"  

सुदर्शन न्यूज के मुख्य संपादक ने कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर 28 अगस्त को प्रसारित होने वाले कार्यक्रम का एक वीडियो पोस्ट किया था। इसके बाद से ही चैनल समुदाय विशेष के निशाने पर था। दरअसल इस वीडियो में उन्होंने सूचित किया था कि चैनल विश्लेषण कर रहा है कि दूसरों की तुलना में प्रशासनिक और पुलिस सेवाओं में विभिन्न पदों पर चयनित संप्रदाय विशेष के लोगों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है। उन्होंने अपने वीडियो में चेतावनी दी थी कि, सोचिए, जामिया के जिहादी अगर आपके जिलाधिकारी और हर मंत्रालय में सचिव होंगे तो क्या होगा?
अवलोकन करें:-

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सुदर्शन न्यूज के प्रोग्राम ‘बिंदास बोल’ को सितंबर 10, 2020 को ब्रॉडक्रॉस्ट करने के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से...
इस वीडियो के वायरल होने के बाद जामिया के छात्रों ने इस शो को रुकवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी याचिका दी थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने शो पर रोक लगा दी। हालाँकि कल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निर्देश दिए कि चैनल अपना शो चला सकता है।

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