जकात फाउंडेशन समुदाय विशेष के युवाओं को सिविल सेवा में भर्ती होने के लिए ट्रेनिंग ही नहीं देता है। यह बात सामने आई है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माने जाने वाले रोहिंग्या घुसपैठियों की भी वह मदद कर रहा है। इनके लिए जकात ने दिल्ली में दारुल हिजरात (Darul Hijrat) नामक ‘मेकशिफ्ट कैंप’ स्थापित किया है।
लॉक डाउन के चलते दिल्ली से हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को दिल्ली छोड़ने को मजबूर कर दिया, और दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उन्हें रोकने में पूर्णरूप से असफल रहा, लेकिन रोहिंग्या घुसपैठियों, जिन्हें केजरीवाल और इनकी पार्टी आधार, राशन कार्ड और मतदान परिचय पत्र आदि बनवाकर संरक्षण दे रही है, को रोकने में सफल रहा। रोज टीवी पर बखान किया जाता था कि रोज लाखों को भोजन वितरित किया जा रहा, परन्तु किनको मिला भोजन? जब किसी राज्य में चुनाव होते हैं, उन्हें भी मुफ्त की रेवड़ियां का प्रलोभन दिया जाता है। लेकिन उन्ही राज्यों के मजदूरों को दिल्ली छोड़ने को मजबूर कर दिया। यह दिल्ली में समस्त देशप्रेमियों के चिंता का विषय है, जिन्होंने मुफ्त की रेवड़ियों के लालच में आकर इस पार्टी को पुनः दिल्ली सौंप दी।
एक नक्शा सामने आया है। इससे पता चलता है कि मस्जिद के साथ रोहिंग्या लोगों के लिए स्थायी कॉलोनी बनाई जाएगी। यहॉं फाउंडेशन का स्थायी कार्यालय भी होगा।
दिल्ली भाजपा जवाब दे
ऐसे में भाजपा से प्रश्न : कहां गयी उनकी कार्यकुशलता? क्या कर रहे हैं भाजपा स्थानीय नेता? क्या केवल पद एवं जनसेवा के नाम पर छलावा कर रहे हैं?
ज़कात फाउंडेशन का दावा है कि पूरी परियोजना को गृह मंत्रालय की मँजूरी हासिल है। फाउंडेशन के उपाध्यक्ष एसएम शकील परियोजना के प्रभारी हैं।
ज़कात फाउंडेशन इस्लामिक सिद्धांतों पर रोहिंग्या लोगों को शिक्षित करता है। इस समय दिल्ली में कई रोहिंग्या बस्तियाँ हैं। इनमें से सबसे प्रमुख हैं शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, विकास पुरी और खजूरी खास। इनमें से कुछ क्षेत्रों में फरवरी के महीने में राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक दंगों के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई थी।
हमने पहले ज़कात फ़ाउंडेशन की खतरनाक विचारधारा और विदेशों में इस्लामिक संगठनों और रेडिकल इस्लामिक उपदेशक ज़ाकिर नाइक से इसके कनेक्शन पर रिपोर्ट की थी। वे नागरिकता संशोधन अधिनियम और यूनिफॉर्म सिविल कोड के भी विरोधी हैं।
हाल ही में, ज़कात फाउंडेशन शरिया काउंसिल के सदस्य कलीम सिद्दीकी का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता था कि हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित होने की आवश्यकता है, क्योंकि यदि वे इस्लाम नहीं कबूल करंगे तो नर्क में जलेंगे।
अवलोकन करें:-
वीडियो में कलीम हिंदू धर्म में होने वाले अंतिम संस्कार की क्रिया पर भी सवाल उठाते हैं और उदाहरण देकर समझाते हैं कि इसलिए हिंदू इस्लाम कबूल करना चाहते हैं, क्योंकि वे जहन्नुम की आग से खुद को बचाना चाहते हैं।
लॉक डाउन के चलते दिल्ली से हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदूरों को दिल्ली छोड़ने को मजबूर कर दिया, और दिल्ली का मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उन्हें रोकने में पूर्णरूप से असफल रहा, लेकिन रोहिंग्या घुसपैठियों, जिन्हें केजरीवाल और इनकी पार्टी आधार, राशन कार्ड और मतदान परिचय पत्र आदि बनवाकर संरक्षण दे रही है, को रोकने में सफल रहा। रोज टीवी पर बखान किया जाता था कि रोज लाखों को भोजन वितरित किया जा रहा, परन्तु किनको मिला भोजन? जब किसी राज्य में चुनाव होते हैं, उन्हें भी मुफ्त की रेवड़ियां का प्रलोभन दिया जाता है। लेकिन उन्ही राज्यों के मजदूरों को दिल्ली छोड़ने को मजबूर कर दिया। यह दिल्ली में समस्त देशप्रेमियों के चिंता का विषय है, जिन्होंने मुफ्त की रेवड़ियों के लालच में आकर इस पार्टी को पुनः दिल्ली सौंप दी।
एक नक्शा सामने आया है। इससे पता चलता है कि मस्जिद के साथ रोहिंग्या लोगों के लिए स्थायी कॉलोनी बनाई जाएगी। यहॉं फाउंडेशन का स्थायी कार्यालय भी होगा।
दिल्ली भाजपा जवाब दे
ऐसे में भाजपा से प्रश्न : कहां गयी उनकी कार्यकुशलता? क्या कर रहे हैं भाजपा स्थानीय नेता? क्या केवल पद एवं जनसेवा के नाम पर छलावा कर रहे हैं?
1/n— Ajaey Sharma (@ajaeys) September 6, 2020
Zakat Foundation established a makeshift camp for Rohingya invaders named 'Darul Hijrat' right inside the national capital Delhi at a strategic location.
(Details of all the Rohingya settlements in Delhi are given in the thread.) pic.twitter.com/b8GAEFTgad
2/n— Ajaey Sharma (@ajaeys) September 6, 2020
On 15 April 2018, out of nowhere, Zakat's makeshift camp for Rohingyas catches fire. Zakat officials were present at the scene. All (Rohingyas and Zakat officials) were calm and composed. pic.twitter.com/IFbDCXf4gC
ज़कात फाउंडेशन का दावा है कि पूरी परियोजना को गृह मंत्रालय की मँजूरी हासिल है। फाउंडेशन के उपाध्यक्ष एसएम शकील परियोजना के प्रभारी हैं।
4/n— Ajaey Sharma (@ajaeys) September 6, 2020
The construction was started very soon. Strangely, Zakat Foundation openly claims that the project is certified by the Home Ministry. (This is happening in 2018.) pic.twitter.com/i4lru2nGW0
6/n— Ajaey Sharma (@ajaeys) September 6, 2020
Zakat Foundation makes sure that Rohingyas properly study Islamic doctrines. It sends Islamic teachers (maulvis and mullahs) to teach Islamic doctrines to Rohingya kids.
*God's Grace School in the attached pic is associated with Zakat' president. pic.twitter.com/S6EszgJxnI
ज़कात फाउंडेशन इस्लामिक सिद्धांतों पर रोहिंग्या लोगों को शिक्षित करता है। इस समय दिल्ली में कई रोहिंग्या बस्तियाँ हैं। इनमें से सबसे प्रमुख हैं शाहीन बाग, कालिंदी कुंज, विकास पुरी और खजूरी खास। इनमें से कुछ क्षेत्रों में फरवरी के महीने में राष्ट्रीय राजधानी में सांप्रदायिक दंगों के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई थी।
हमने पहले ज़कात फ़ाउंडेशन की खतरनाक विचारधारा और विदेशों में इस्लामिक संगठनों और रेडिकल इस्लामिक उपदेशक ज़ाकिर नाइक से इसके कनेक्शन पर रिपोर्ट की थी। वे नागरिकता संशोधन अधिनियम और यूनिफॉर्म सिविल कोड के भी विरोधी हैं।
हाल ही में, ज़कात फाउंडेशन शरिया काउंसिल के सदस्य कलीम सिद्दीकी का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता था कि हिंदुओं को इस्लाम में परिवर्तित होने की आवश्यकता है, क्योंकि यदि वे इस्लाम नहीं कबूल करंगे तो नर्क में जलेंगे।
अवलोकन करें:-
वीडियो में कलीम हिंदू धर्म में होने वाले अंतिम संस्कार की क्रिया पर भी सवाल उठाते हैं और उदाहरण देकर समझाते हैं कि इसलिए हिंदू इस्लाम कबूल करना चाहते हैं, क्योंकि वे जहन्नुम की आग से खुद को बचाना चाहते हैं।
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