प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या को लेकर बड़ी साजिश रची जाने की बात सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस संबंध में राष्ट्रीय जॉंच एजेंसी (NIA) ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर आगाह किया है। गृह मंत्रालय ने इससे एसपीजी को अवगत कराया है जिस पर प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी है।
एनआईए को धमकी भरे कुछ ई-मेल मिले हैं। इनमें PM मोदी की हत्या की बात कही गई है। इस ई मेल में 3 शब्द लिखे गए हैं- किल नरेंद्र मोदी (Kill Narendra Modi)। फिलहाल ई-मेल के कंटेंट की जाँच की जा रही है।
मोदी को मारने की साज़िश तो तब से रची जा रही है, जिस समय यह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तभी से आतंकवादियों की लिस्ट में सबसे पहला नाम नरेंद्र मोदी ही का है, जिसका खुलासा पकडे गए एक आतंकवादी, शायद अबू जुंदाल, ने ही किया था। जब उसने कहा था कि मोदी को मारने का मतलब बहुत गलत होगा, इंडिया में कितने मुसलमान बचेंगे कहना मुश्किल है। यानि मुख्यमंत्री रहने पर इतना डर था। उसका कारण है, क्योकि मुख्यमंत्री होने से अब प्रधानमंत्री बनने पर मोदी किसी अपराधी को बक्शते नहीं। दूसरे, 2014 चुनाव के दौरान बिहार में हुई रैली में रैली स्थल के निकट कितने धमाके हुए थे, सबने अपने-अपने टीवी पर देखा था।
टाइम्स नाउ की रिपार्ट के अनुसार, एनआईए ने गृह मंत्रालय एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को हत्या वाले ई-मेल की जानकारी दी है। एजेंसी ने अपने पत्र में लिखा, “एनआईए को एक ईमेल आईडी मिली है जिसमें कुछ गणमान्य लोगों की हत्या की बात कही गई है। ई-मेल में मौजूद कंटेंट इसकी तस्दीक करते हैं। इस पत्र के साथ ही ई-मेल की कॉपी भी लगाई गई है। इस मामले में एनआईए ने उचित कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया है।
यह मेल 8 अगस्त को जारी किया गया था। जिसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों के खतरे के साथ प्रधानमंत्री के जीवन पर भी सीधे खतरे की बात की गई है। ई-मेल का पता लगने के बाद सुरक्षा एजेन्सियाँ चौकन्नी हो गई हैं। खतरे के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा कवच को बढ़ा दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार एनआईए ने इस मामले में अपनी ओर से किसी भी प्रकार से की जाँच नहीं की है। बता दें इस पूरे मामले से गृह मंत्रालय ने एसपीजी को अवगत कराया है। स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप यानी एसपीजी ही पीएम मोदी की सुरक्षा करता है।
एनआईए कई प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के भी संपर्क में है। इनमें रॉ, खुफिया ब्यूरो (आईबी), डिफेंस इंटेलिजेंस के प्रतिनिधि शामिल हैं। गौरतलब है कि यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री मोदी के प्रति नफरत की राजनीतिक को बढ़ावा दिया जा रहा है। ई-मेल का खुलासा होने के बाद बाहरी तत्वों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है। आतंकी हमलों को लेकर सुरक्षा एजेंसियॉं पहले ही अलर्ट कर चुकी हैं।
एनआईए को धमकी भरे कुछ ई-मेल मिले हैं। इनमें PM मोदी की हत्या की बात कही गई है। इस ई मेल में 3 शब्द लिखे गए हैं- किल नरेंद्र मोदी (Kill Narendra Modi)। फिलहाल ई-मेल के कंटेंट की जाँच की जा रही है।
मोदी को मारने की साज़िश तो तब से रची जा रही है, जिस समय यह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। तभी से आतंकवादियों की लिस्ट में सबसे पहला नाम नरेंद्र मोदी ही का है, जिसका खुलासा पकडे गए एक आतंकवादी, शायद अबू जुंदाल, ने ही किया था। जब उसने कहा था कि मोदी को मारने का मतलब बहुत गलत होगा, इंडिया में कितने मुसलमान बचेंगे कहना मुश्किल है। यानि मुख्यमंत्री रहने पर इतना डर था। उसका कारण है, क्योकि मुख्यमंत्री होने से अब प्रधानमंत्री बनने पर मोदी किसी अपराधी को बक्शते नहीं। दूसरे, 2014 चुनाव के दौरान बिहार में हुई रैली में रैली स्थल के निकट कितने धमाके हुए थे, सबने अपने-अपने टीवी पर देखा था।
टाइम्स नाउ की रिपार्ट के अनुसार, एनआईए ने गृह मंत्रालय एक पत्र लिखकर प्रधानमंत्री मोदी को हत्या वाले ई-मेल की जानकारी दी है। एजेंसी ने अपने पत्र में लिखा, “एनआईए को एक ईमेल आईडी मिली है जिसमें कुछ गणमान्य लोगों की हत्या की बात कही गई है। ई-मेल में मौजूद कंटेंट इसकी तस्दीक करते हैं। इस पत्र के साथ ही ई-मेल की कॉपी भी लगाई गई है। इस मामले में एनआईए ने उचित कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया है।
यह मेल 8 अगस्त को जारी किया गया था। जिसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों के खतरे के साथ प्रधानमंत्री के जीवन पर भी सीधे खतरे की बात की गई है। ई-मेल का पता लगने के बाद सुरक्षा एजेन्सियाँ चौकन्नी हो गई हैं। खतरे के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा कवच को बढ़ा दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार एनआईए ने इस मामले में अपनी ओर से किसी भी प्रकार से की जाँच नहीं की है। बता दें इस पूरे मामले से गृह मंत्रालय ने एसपीजी को अवगत कराया है। स्पेशल प्रोटक्शन ग्रुप यानी एसपीजी ही पीएम मोदी की सुरक्षा करता है।
एनआईए कई प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों के भी संपर्क में है। इनमें रॉ, खुफिया ब्यूरो (आईबी), डिफेंस इंटेलिजेंस के प्रतिनिधि शामिल हैं। गौरतलब है कि यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब प्रधानमंत्री मोदी के प्रति नफरत की राजनीतिक को बढ़ावा दिया जा रहा है। ई-मेल का खुलासा होने के बाद बाहरी तत्वों पर सख्ती से नजर रखी जा रही है। आतंकी हमलों को लेकर सुरक्षा एजेंसियॉं पहले ही अलर्ट कर चुकी हैं।

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