आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार
आज मोदी और योगी विरोधियों की हालत इतनी पतली हो गयी है कि अर्थ का अनर्थ करने को तुले हुए हैं।
सोनिया, प्रियंका और राहुल को कम से कम इंदिरा गाँधी के कार्यकाल में विपक्ष की भूमिका निभाते सत्तारूढ़ इंदिरा के दिल-ओ-दिमाग में ऐसी जगह बनायी की विषम परिस्थितियों में विपक्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी से जरूर परामर्श करती थी। लेकिन इंदिरा गाँधी और पी.वी.नरसिम्हा राव के बाद से कांग्रेस से राजनीतिक दृष्टि लुप्त होती चली गयी। जिस कारण विपक्ष में आते-आते कांग्रेस में कोई ऐसा नेता नहीं, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा के नरेंद्र मोदी विषम परिस्थितियों में किसी भी विपक्षी पार्टी से परामर्श कर सके।
जिसे देखो दुश्मन देश से गुप्त मंत्रणा कर जनता को मूर्ख बनाकर, मोदी पर एक के बाद दूसरा प्रहार करने से नहीं चूक रहे। कोई मोदी को हराने पाकिस्तान जा रहा है, कोई चीन, क्या ये लोग संविधान की शपथ लेकर संविधान के विरुद्ध काम कर संविधान को अपमानित नहीं कर रहे, क्यों ऐसे नेताओं को मान-सम्मान दिया जाए, यह निर्णय जनता को करना है। भारत के गौरवमयी वास्तविक इतिहास को धूमिल करने वाले भी ये ही लोग हैं।
लोकतंत्र है विरोध करें या समर्थन ये उनका अपना हक है पर मोदी का विरोध करके आप समर्थन किसका कर रहे हो? ये बडा गंभीर सवाल है इसलिए निर्णय भी गंभीरता पूर्वक ही होना चाहिए।
इनकी राजनीति नहीं बल्कि सियासत का नमूना देखिए:
क्या मुलायम, लालू, मायावती, सोनिया, राहुल, केजरीवाल, ममता बनर्जी, वामपंथी ये सब क्या नरेन्द्र मोदी से बेहतर है? या इनका रिकॉर्ड बेहतर?
क्या नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रीकाल की तुलना मे ममता बनर्जी, अखिलेश आदि बेहतर नजर आता है? तुलना करनी है तो देखिए :
राजनीति मे प्रवेश के समय लालू और मुलायम,
दोनों के घर की ऐसी स्थिति थी की, 1 के घर पर साइकिल और एक के घर पर लालटेन खरीदने तक के पैसे नहीं थे, जाति के नाम पर चलने वाले नेता, आज अरबपति है।
रामगोपाल चार्टर्ड प्लेन में घूमता है, तो शिवपाल महँगी ऑडी मे कहाँ से आया इतना अकुत धन? क्या ये लोग नरेन्द्र मोदी और योगी से बेहतर है ?
* सोनिया के बेटा-बेटी और दामाद आज सभी अरबपति है, 10 साल का इनका राज हाल में ही बीता है, क्या ये नरेन्द्र मोदी और योगी से बेहतर है?
* 35 साल बंगाल में राज करने वाले वामपंथी, नरेन्द्र मोदी से बेहतर है ?
* 5 साल केजरीवाल, 5 साल केजरीवाल, का विज्ञापन चलाकर दिल्ली के लोगों को चुना लगाने वाला, WIFI, CCTV, 150 कॉलेज, 500 स्कूल, मजहब देखकर सियासत करने वाला क्या ये नरेंद्र मोदी और योगी से बेहतर है?
* जब मायावती राजनीती करने निकली थी, और कांशीराम की साथी थी, तब उसके घर में दिया जलाने का धन नहीं था, साईकल से प्रचार करती थी, आज उसका सैंडल भी प्लेन से आता है, उसके भाई के पास 497 कंपनिया है, क्या मायावती नरेंद्र मोदी और योगी से बेहतर है?
मोदी और योगी का विरोध करने वालो, विरोध करो, पर समर्थन किसका करना है ये तो तय करो।
थोड़ा देश का भी सोचो, कितना बर्बाद करवाना है, कितना लूटवाना है? अरे बाहर निकलो जातियो के बंधनो से इसे उबारकर ये लूटेरे जनता को ही लूटते है।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सियासत चमकाने का कोई मौका नहीं चूकती। लेकिन इस कोशिश में वह देश को पप्पू बनाने से भी बाज नहीं आती है। जिस तरह से इनके जुमले आ रहे हैं, निश्चित रूप से राहुल गाँधी को बहुत पीछे छोड़ बची-कुची कांग्रेस को एकदम हाशिये से भी नीचे लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। इस दृष्टि से परिवार गुलाम ठीक काम कर रहे हैं कि अध्यक्ष परिवार का ही सदस्य रहेगा, चाहे कांग्रेस गड्ढे में ही क्यों न चली जाए। वैसे गद्दे में जाने से ज्यादा दूर नहीं।
आज फिर प्रियंका वाड्रा ने ऐसा कुछ किया, जिससे उनके चमचे कुछ ज्यादा ही उछलने लगे। दरअसल मैडम वाड्रा ने अटके हुए रिजल्ट और परीक्षाओं को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में रेलवे का नया नामकरण कर दिया।
वाड्रा ने जुमले से बनाया पप्पू
प्रियंका वाड्रा ने कर्मचारी चयन आयोग की सीजीएल परीक्षा के परिणाम घोषित करने और रेलवे की परीक्षा को लेकर छात्रों की मांग का समर्थन करते हुए ट्वीट किया। प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा, “SSC और रेलवे ने कई सारी परीक्षाओं के परिणाम सालों से रोक कर रखे हैं। किसी का रिजल्ट अटका हुआ है, किसी की परीक्षा। कब तक सरकार युवाओं के धैर्य की परीक्षा लेगी, कब तक? युवाओं की बात सुनिए सरकार। युवा को भाषण नहीं नौकरी चाहिए।
रेलवे का नामकरण ‘SSCRaliwaystudents’
इस ट्वीट के साथ मैडम वाड्रा ने #speakupforSSCRaliwaystudents शेयर किया। इसमें रेलवे का एक नया नाम ‘SSCRaliwaystudents’ दिया गया है। इस नाम के सामने आते ही सोशल मीडिया पर कांग्रेस के चमचे उछलने लगे। कांग्रेस के जो चमचे कल तक कोरोना काल में JEE और NEET की परीक्षा आयोजित करने का विरोध कर रहे थे, वे अचानक रेलवे की परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया में सक्रिय हो गए।
प्रियंका के इस ट्वीट पर ट्विटर पर भी बहार आ गयी:
आज मोदी और योगी विरोधियों की हालत इतनी पतली हो गयी है कि अर्थ का अनर्थ करने को तुले हुए हैं।
सोनिया, प्रियंका और राहुल को कम से कम इंदिरा गाँधी के कार्यकाल में विपक्ष की भूमिका निभाते सत्तारूढ़ इंदिरा के दिल-ओ-दिमाग में ऐसी जगह बनायी की विषम परिस्थितियों में विपक्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी से जरूर परामर्श करती थी। लेकिन इंदिरा गाँधी और पी.वी.नरसिम्हा राव के बाद से कांग्रेस से राजनीतिक दृष्टि लुप्त होती चली गयी। जिस कारण विपक्ष में आते-आते कांग्रेस में कोई ऐसा नेता नहीं, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा के नरेंद्र मोदी विषम परिस्थितियों में किसी भी विपक्षी पार्टी से परामर्श कर सके।
जिसे देखो दुश्मन देश से गुप्त मंत्रणा कर जनता को मूर्ख बनाकर, मोदी पर एक के बाद दूसरा प्रहार करने से नहीं चूक रहे। कोई मोदी को हराने पाकिस्तान जा रहा है, कोई चीन, क्या ये लोग संविधान की शपथ लेकर संविधान के विरुद्ध काम कर संविधान को अपमानित नहीं कर रहे, क्यों ऐसे नेताओं को मान-सम्मान दिया जाए, यह निर्णय जनता को करना है। भारत के गौरवमयी वास्तविक इतिहास को धूमिल करने वाले भी ये ही लोग हैं।
लोकतंत्र है विरोध करें या समर्थन ये उनका अपना हक है पर मोदी का विरोध करके आप समर्थन किसका कर रहे हो? ये बडा गंभीर सवाल है इसलिए निर्णय भी गंभीरता पूर्वक ही होना चाहिए।
इनकी राजनीति नहीं बल्कि सियासत का नमूना देखिए:
This is why 'Aukaat Pe nhi jaane ka' ✌️ pic.twitter.com/LIR05M10Om— Political Kida (@PoliticalKida) September 2, 2020
क्या मुलायम, लालू, मायावती, सोनिया, राहुल, केजरीवाल, ममता बनर्जी, वामपंथी ये सब क्या नरेन्द्र मोदी से बेहतर है? या इनका रिकॉर्ड बेहतर?
क्या नरेन्द्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्रीकाल की तुलना मे ममता बनर्जी, अखिलेश आदि बेहतर नजर आता है? तुलना करनी है तो देखिए :
राजनीति मे प्रवेश के समय लालू और मुलायम,
दोनों के घर की ऐसी स्थिति थी की, 1 के घर पर साइकिल और एक के घर पर लालटेन खरीदने तक के पैसे नहीं थे, जाति के नाम पर चलने वाले नेता, आज अरबपति है।
रामगोपाल चार्टर्ड प्लेन में घूमता है, तो शिवपाल महँगी ऑडी मे कहाँ से आया इतना अकुत धन? क्या ये लोग नरेन्द्र मोदी और योगी से बेहतर है ?
* सोनिया के बेटा-बेटी और दामाद आज सभी अरबपति है, 10 साल का इनका राज हाल में ही बीता है, क्या ये नरेन्द्र मोदी और योगी से बेहतर है?
* 35 साल बंगाल में राज करने वाले वामपंथी, नरेन्द्र मोदी से बेहतर है ?
* 5 साल केजरीवाल, 5 साल केजरीवाल, का विज्ञापन चलाकर दिल्ली के लोगों को चुना लगाने वाला, WIFI, CCTV, 150 कॉलेज, 500 स्कूल, मजहब देखकर सियासत करने वाला क्या ये नरेंद्र मोदी और योगी से बेहतर है?
* जब मायावती राजनीती करने निकली थी, और कांशीराम की साथी थी, तब उसके घर में दिया जलाने का धन नहीं था, साईकल से प्रचार करती थी, आज उसका सैंडल भी प्लेन से आता है, उसके भाई के पास 497 कंपनिया है, क्या मायावती नरेंद्र मोदी और योगी से बेहतर है?
मोदी और योगी का विरोध करने वालो, विरोध करो, पर समर्थन किसका करना है ये तो तय करो। थोड़ा देश का भी सोचो, कितना बर्बाद करवाना है, कितना लूटवाना है? अरे बाहर निकलो जातियो के बंधनो से इसे उबारकर ये लूटेरे जनता को ही लूटते है।
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सियासत चमकाने का कोई मौका नहीं चूकती। लेकिन इस कोशिश में वह देश को पप्पू बनाने से भी बाज नहीं आती है। जिस तरह से इनके जुमले आ रहे हैं, निश्चित रूप से राहुल गाँधी को बहुत पीछे छोड़ बची-कुची कांग्रेस को एकदम हाशिये से भी नीचे लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। इस दृष्टि से परिवार गुलाम ठीक काम कर रहे हैं कि अध्यक्ष परिवार का ही सदस्य रहेगा, चाहे कांग्रेस गड्ढे में ही क्यों न चली जाए। वैसे गद्दे में जाने से ज्यादा दूर नहीं।
आज फिर प्रियंका वाड्रा ने ऐसा कुछ किया, जिससे उनके चमचे कुछ ज्यादा ही उछलने लगे। दरअसल मैडम वाड्रा ने अटके हुए रिजल्ट और परीक्षाओं को लेकर केंद्र पर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने एक ट्वीट किया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी के विरोध में रेलवे का नया नामकरण कर दिया।
वाड्रा ने जुमले से बनाया पप्पू
प्रियंका वाड्रा ने कर्मचारी चयन आयोग की सीजीएल परीक्षा के परिणाम घोषित करने और रेलवे की परीक्षा को लेकर छात्रों की मांग का समर्थन करते हुए ट्वीट किया। प्रियंका ने अपने ट्वीट में लिखा, “SSC और रेलवे ने कई सारी परीक्षाओं के परिणाम सालों से रोक कर रखे हैं। किसी का रिजल्ट अटका हुआ है, किसी की परीक्षा। कब तक सरकार युवाओं के धैर्य की परीक्षा लेगी, कब तक? युवाओं की बात सुनिए सरकार। युवा को भाषण नहीं नौकरी चाहिए।
रेलवे का नामकरण ‘SSCRaliwaystudents’
SSC और रेलवे ने कई सारी परीक्षाओं के परिणाम सालों से रोक कर रखे हैं। किसी का रिजल्ट अटका हुआ है, किसी की परीक्षा।— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 1, 2020
कब तक सरकार युवाओं के धैर्य की परीक्षा लेगी, कब तक?
युवाओं की बात सुनिए सरकार।
युवा को भाषण नहीं नौकरी चाहिए।#speakupforSSCRaliwaystudents#SSCdeclareCGLresults
इस ट्वीट के साथ मैडम वाड्रा ने #speakupforSSCRaliwaystudents शेयर किया। इसमें रेलवे का एक नया नाम ‘SSCRaliwaystudents’ दिया गया है। इस नाम के सामने आते ही सोशल मीडिया पर कांग्रेस के चमचे उछलने लगे। कांग्रेस के जो चमचे कल तक कोरोना काल में JEE और NEET की परीक्षा आयोजित करने का विरोध कर रहे थे, वे अचानक रेलवे की परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया में सक्रिय हो गए।
प्रियंका के इस ट्वीट पर ट्विटर पर भी बहार आ गयी:
Congress k time m bhi yhi haal tha congress kon sa dudh ki dhuli h😡😡😡😡😡— भगत सिंह जी का भक्त😎🤠 (@deshbhaktpahle) September 1, 2020
Isliye to 2014 m laat marke sarkar se bahar feka😡😡😡
भाषण ना दे....आपने कितने रोज़गार दिए एक बार चेक कर लीजिए.....Twitter पर देश नहीं चलता... युवा को नौकरी के नाम पर १९४७ से तो उल्लू बना रहे है अब CHANGE THE TOPIC....— Mansi S Pathak (@manasispathak) September 1, 2020
Exams le to Students' ki life ko khatra hai bolke Exams cancel karvao,— Hardik (@Humor_Silly) September 1, 2020
Exams na le Corona ki wajah se to Students' ke future ka khatra
Didi pehle decide karlo tumhne sirf apna Agenda chalana hai, Cong ka Students se koii lena dena nahi
"Something should be beyond Politics" pic.twitter.com/BBkAUrbd99
झुमका भी नहीं गिरा उतना बरेली के बाजार में,— Bhim Gulia Sondhi (@bhimgulia) September 1, 2020
जितनी GDP गिर गई है BJP की सरकार में...#speakupforSSCRaliwaystudents#SpeakUpForSSCRailwayStudents#BOYCOTTSSCCHAIRMAN#SSCdeclareCGLresults
madam main batata hun apko:-— Urban भक्त (@UrbanBhakt) September 1, 2020
2012 - SSC CGL Exam done, Cancelled Before Result
2013 - SSC CGL Re-exam of 2012 and Exam of 2013 - Exam of 2013 cancelled
2013 - CHSL Exam Cancelled
2014 - CPAF Exam cancelled
and all these papers cancelled due to Paper leaks.
Govt was involved
NEET JEE ki exam ka virodh🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣aur bol rahe ho railway kaa exam karao.....— R. Basu (@BJagaye) September 1, 2020
Konsa nashaa krti ho bublijj🤣🤣🤣
ये हाल है इनका....#SpeakUpForSSCRailwaysStudents pic.twitter.com/pTGGfmI5q0— Ghanshyam Meena (@GhanshyamDausa) September 1, 2020
@ashokgehlot51@AjayMaka@GovindDotasra@ASHOKKU63515308#पंचायतीराज_ldc2013— hemraj bairwa (@hemrajbuawat) September 1, 2020
मैडम जी कभी राजस्थान की तरफ भी देख लिया करो पंचायती राज एलडीसी को अटके हुए 8 साल हो गए अभी तक सरकार पूरा नहीं कर रही है राजस्थान की कांग्रेस सरकार पंचायती राज एलडीसी भर्ती 2013 pic.twitter.com/1zlkgEBQb4
इससे पूर्व, ट्विटर पर आज प्रियंका का #SpeakUpForStudentSaftey ट्रेंड होता देख पूरी दुनिया हैरान-परेशान हो गई कि आखिर ये कौन सा शब्द है। यूजर्स ने पता लगाने की कोशिश कि ये ट्रेंड कहां से हो रहा है तो पता चला कि ये तो वाड्रा भौजी है। असल में नीट और जेईई परीक्षाओं को लेकर राबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक ट्वीट किया। प्रियंका ने ट्वीट के साथ हैशटैग SpeakUpForStudentSaftey इस्तेमाल किया। प्रियंका वाड्रा ने गलत अंग्रेजी लिखकर #SpeakUpForStudentSaftey को ट्रेंड करा पूरे भारतीयों को पप्पू बनाने की किस तरह कोशिश की आप भी देखिए-माननिय @rahulgandhi जी आपकी राजस्थान कॉंग्रेस सरकार द्वारा निकाली गई #पंचायतीराज_LDC2013 भी आज तक पूरी नहीं हुई है... उस पर भी @ashokgehlot51 जी को ध्यान देने के लिए बोलो...— Ashivini jangid (@Ashivini221) September 1, 2020
नहीं तो ये बेरोज़गार युवा कल यही ट्रेंड आपके खिलाफ भी चला सकते हैं याद रखना pic.twitter.com/kLdMPnMNuM

No comments:
Post a Comment