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| संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (फ़ाइल फोटो) साभार - डीडी न्यूज़ |
पाकिस्तान की इस माँग को खारिज करने में सुरक्षा परिषद के 5 सदस्य देशों ने अहम भूमिका निभाई। इनमें अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी और बेल्जियम हैं। इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने ट्वीट भी किया।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “पाकिस्तान ने पिछले कुछ समय में लगातार प्रयास किए हैं कि आतंकवाद संबंधी प्रस्ताव 1267 का राजनीतिकरण हो। इसके अलावा पाकिस्तान ने इसे धार्मिक रंग देने का भी पूरा प्रयास किया है लेकिन सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान की इस कोशिश को पूरी तरह विफल कर दिया है। हम परिषद के हर उस सदस्य का आभार जताते हैं, जिन्होंने पाकिस्तान की इस कोशिश को नाकाम करने में योगदान दिया है।”
Pakistan's attempt to name two Indians in 1267 Sanctions list derailed at UNSC. UK, USA, France and Germany blocked the move by Pakistan: Sources— ANI (@ANI) September 3, 2020
Pakistan’s blatant attempt to politicize 1267 special procedure on terrorism by giving it a religious colour has been thwarted by UN Security Council. We thank all Council members who've blocked Pakistan’s designs: TS Tirumurti, Permanent Representative of India to UN in New York pic.twitter.com/afdHUkRE6k— ANI (@ANI) September 3, 2020
पाकिस्तान की हुई अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती पर ट्विटर पर आती प्रतिक्रियाएं:
Rudali Mode activated .. pic.twitter.com/rHstgebRwA— Nírvåäñä (@CrazyFunday) September 3, 2020
— the jadooguy (@JadooShah) September 3, 2020
Its futile for Pak to make such efforts again and again.— Neha Sahu (@NehaSahu) September 3, 2020
Can't they see the capability difference btw India and Pak? Why they want to become laughing stock again n again?!
Instead they should focus on how to work on their economy and poverty.
Sick mentality Porks!
Thanks to his Madarsa economic development program..— ImParody (@lovemeparody) September 3, 2020
Peole who are even not consulted while deciding budget at home..are now lecturing on India's economic position.
😂
Kaun 2 log bhai. Pata to chaley— Prawesh Kumar (@prawesh1984) September 3, 2020
साल 2019 के दौरान पाकिस्तान ने प्रस्ताव 1267 के तहत कुल 4 भारतीय नागरिकों को आतंकवादियों की सूची में डालने की माँग उठाई थी। चीन ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था। सुरक्षा परिषद ने पहले ही दो नामों को इस सूची में डालने से मना कर दिया था। वहीं दो और नाम अंगारा अप्पाजी गोविंदा पट्टनाइक दुग्गीवालसा को कल (2 सितंबर 2020) आतंकवादी घोषित करने से मना कर दिया। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तान के पास अपने दावों को साबित करने के लिए किसी भी तरह के ठोस सबूत नहीं थे।Massive jolt for Imran khan..— Pawan Singh (@PawsnSingh) September 3, 2020
International beijati of Imran khan once again at UNSC.. old habit dies hard. . Imran khan exposed.
इसके पहले फ्रांस समेत अन्य सदस्यों ने पाकिस्तान को अपने दावे सिद्ध करने का मौक़ा दिया था। उन्होंने पाकिस्तान को इस संबंध में सबूत पेश करने के लिए कहा था लेकिन पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाया था। बल्कि इस मुद्दे पर अंतिम आदेश जारी करने से पहले पाकिस्तान के सबूतों का इंतज़ार भी किया गया। इसके बावजूद इस्लामाबाद अपनी बात साबित नहीं कर पाया। जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तान की माँग को पूरी तरह खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया।
पाकिस्तान की इस चाल को बदले की भावना के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल बीते वर्ष 1 मई को भारत जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में कामयाब हुआ था। जिसके जवाब में पाकिस्तान ने यह चाल चली थी लेकिन बदले की भावना से उठाए गए इस कदम में पाकिस्तान कामयाब नहीं हुआ।
इसके ठीक एक हफ्ते पहले भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पाकिस्तान को फटकार लगा चुका है। बुधवार (26 अगस्त 2020) को सुरक्षा परिषद ने पाकिस्तानी दूत के बयान को अस्वीकार कर दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि पाकिस्तानी दूत का यह बयान आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं किया जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने बयान दिया था। बयान में उन्होंने भारत को लेकर कई तरह के दावे किए थे। अंत में पता चला कि उनके सारे झूठे हैं और भारत को लेकर दुष्प्रचार करते हैं। सोमवार के दिन पाकिस्तान जैसे गैर सदस्यों को सुरक्षा परिषद की बैठक शामिल होने की इजाज़त नहीं मिली थी।
पाकिस्तान की तरफ से जारी किए गए बयान के बाद भारत की तरफ प्रतिक्रिया आई थी। तिरुमूर्ति ने ट्वीट करते हुए लिखा ‘हमने देखा कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान मिशन की तरफ से बयान जारी किया गया था। बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि की तरफ से जारी किया गया था। लेकिन हम एक बात नहीं समझ पाए कि जब सुरक्षा परिषद की सभा गैर सदस्यों के लिए खुली ही नहीं थी तो उन्होंने बयान कहाँ दर्ज कराया था।’

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