एक समय था जब कांग्रेस हिन्दू चोला ओढ़ मुस्लिम वोटों को रिझाया करती थी, लेकिन चेहरे से नकाब हटने बाद, जिस पार्टी को देखो कांग्रेस की तुष्टिकरण नीति को अपनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रही। मुस्लिम वोट हथियाने के इनके हथकंडों ने ही हिन्दू-मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण कर दिया।
कांग्रेस का तो हाल देख लिया, जब इसने अपने यूपीए काल में मुस्लिम वोट की खातिर हिन्दुओं के विरुद्ध इतने खतरनाक बिल की रचना की थी, जो मुग़ल युग को भी बहुत पीछे छोड़ रहा था। और जिन पार्टियों के सहयोग से उस खतरनाक बिल को अंजाम दिया जा रहा था, 2014 में सबकी सब धराशयी हो गयीं। निकट भविष्य में उनके उजागर होने का नामोनिशान नहीं दिख रहा, केवल कुछ ही क्षेत्रों यानि राज्यों में अपनी हुंकार से जनता को भ्रमित किया जा रहा है। फिर कांग्रेस के गर्भ से जन्मी आम आदमी पार्टी को लेते हैं, अपनी छद्दम और मुफ्त रेवड़ियों की वजह से दिल्ली सत्ता हथियाने और पंजाब में कुछ प्रभाव दिखाकर अपने आपको सुरमा भोपाली समझने लगी। बिहार विधानसभा चुनावों में बाहर रही और हैदराबाद निकाय चुनावों में भी प्रत्यक्ष रूप से चुनाव लड़ने की बजाए आज़ाद उम्मीदवार की हैसियत से लड़ी। यहाँ झाडू के स्थान पर किसी का चुनाव चिन्ह प्रेशर कुकर तो किसी का कोई अन्य। क्यों? क्योकि जनता देख रही है कि किस तरह मुस्लिम समाज को लाभान्वित करने हिन्दू आस्थाओं पर प्रहार किया जा रहा है। फिर कोरोना लॉक डाउन में रोहिंग्या को बचाने और पोषित करने किस प्रकार प्रवासी मजदूरों को उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया।
हैदराबाद निकाय चुनावों में असदुद्दीन ओवैसी भी केवल मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में ही अपना प्रभुत्व दिखाने में सफल रहे। लेकिन भाजपा हिन्दू बहुल क्षेत्रों से बाहर भी अपना प्रभुत्व दिखाने में सफल रही। बिहार विधानसभा, हैदराबाद, बोडोलैंड और राजस्थान स्थानीय चुनावों में भी भाजपा ने अपने विरोधियों को मात दी। क्यों? उसका कारण है, अब जनता ज्यादा तुष्टिकरण को बर्दश्त नहीं करना चाहती। यही हाल अब बंगाल में घटित होता दिख रहा है।
पश्चिम बंगाल के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के चुनावी दंगल में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री हो गई है। असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं, जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन पर निशाना साधा। ममता बनर्जी ने अपने एक बयान में ओवैसी की पार्टी की ओर इशारा करते हुए बयान दिया था कि भाजपा मुस्लिम वोट बाँटने के लिए हैदराबाद से एक पार्टी लाने के लिए करोड़ों खर्च कर रही है।
अब असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है और कहा, “मुझे पैसों से खरीदने वाला आज तक कोई पैदा नहीं हुआ। ममता बनर्जी के आरोप निराधार हैं, उन्हें अपने घर के बारे में फिक्र होनी चाहिए। उनकी पार्टी के कई लोग बीजेपी में जाना शुरू कर चुके हैं। उन्होंने बिहार के मतदाताओं और हमारे लिए वोट करने वाले लोगों का अपमान किया है।” ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम वोटर्स ममता बनर्जी की जागीर नहीं हैं।
Never was a man born who can buy Asaduddin Owaisi with money. Her allegation is baseless and she is restless. She should worry about her own home, so many of her people are going to BJP. She has insulted the voters of Bihar and the people who voted for us: Asaduddin Owaisi, AIMIM https://t.co/mT1fe7piii pic.twitter.com/8rfWq5eSk3
— ANI (@ANI) December 16, 2020
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार (दिसंबर 15, 2020) AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर गंभीर आरोप लगाए। जलपाईगुड़ी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के वोटों को बाँटने के लिए उन्होंने (BJP) हैदराबाद की एक पार्टी को चुनावी मैदान में उतारा है। टीएमसी प्रमुख ने आरोप लगाया कि भाजपा उन्हें पैसे देती है और वे इस पैसे को बाँटते हैं, यही बिहार विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिला था।
किसी भी राज्य में चुनाव, हर पार्टी मुस्लिम को रिझाने लग जाती है।To divide minority votes they have caught hold of a party from Hyderabad, BJP gives them money and they are dividing votes. Bihar election has proved it: West Bengal CM Mamata Banerjee in Jalpaiguri, earlier today pic.twitter.com/P9PWMVDJJh
— ANI (@ANI) December 15, 2020
ये उनको माइनॉरिटी नहीं समझती। इनके हिसाब से माइनॉरिटी सिर्फ एक है।
— Chaitali (@cpk2909) December 15, 2020
এবার কারা,জেতাবে এরা pic.twitter.com/xoG8vTrVcR
— 🇮🇳WestBengal২০২১🇮🇳 (@luvumessi) December 15, 2020
Bhai lekin ek cheej batao, waise hi curosity hai. Ki muslim log AIMIM ko kyun vote dete hain, jab pta hai ki vote waste hi hoga, kyunki jyada se jyada 10 MLAs ban jayenge, khud govt toh nahi bana payenge, lekin TMC ko vote deke BJP toh haar skti hai
— Abhishek (@truth_see_ker) December 15, 2020
Very true
— Tina Roy (@TinaRoy92936164) December 15, 2020
Abhi tak RJD, TMC ko Muslim party bolte the 🤣🤣🤣
— Marmik (@Marmik95073184) December 15, 2020
@RiseofBurnol
— Happy Sonu (@TomatoSonu) December 16, 2020
Hum is ladke ko jante hai
Bahut tagdaa khelta hai 😂
Yess.. @asadowaisi @aimim_national expose these 'secular' parties. Hai himmat??
— বাংলার বুম্বাদা 😎 (@Av_459) December 16, 2020
In Bihar elections BJP including Modi remained too soft to Owaisi and not spoken even single word against AIMIM. In Hyderabad election also BJP damaged only TRS and spared AIMIM to win easily 44 seats out of 51 fought . It suggests something great behind curtain.
— Ram Dayal Verma (@jahansapur) December 16, 2020
ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम को बंगाल में लाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा करके भाजपा सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करना चाहती है और हिंदू-मुस्लिम वोट आपस में बाँटना चाहती है।
TMC के दिग्गज नेता शुभेंदु अधिकारी ने आज (दिसंबर 16, 2020) विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। बुधवार शाम को बंगाल विधानसभा पहुँचे शुभेंदु अधिकारी ने स्पीकर के ना होने पर सचिवालय को अपना इस्तीफा सौंपा दिया। खबरों के अनुसार, अधिकारी जल्द ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। शुभेंदु का यह इस्तीफा आने वाले पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव को मद्देनजर ममता सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
वहीं तृणमूल कॉन्ग्रेस के बागी विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी खुलेमाम पार्टी छोड़ने की धमकी दी है। दुर्गापुर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने पूछा कि आखिर लोग कब तक डर में जीते रहेंगे? आसनसोल नगर निगम के बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर के अध्यक्ष तिवारी ने कहा, “एक न एक दिन हमें निर्णय लेना ही होगा कि क्या करना है? मैंने सोच लिया है कि अगर जरूरत पड़ी तो मैं (पार्टी) छोड़ दूँगा, लेकिन लोगों के साथ बना रहूँगा।”
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