किसानों के नाम पर हुए हुड़दंग को कौन नहीं जानता था, सभी अच्छी तरह परिचित थे कि मोदी विरोधी कभी तीन तलाक, नागरिकता संशोधक कानून तो कभी किसानों के नाम पर हुड़दंग कर जनता को गुमराह कर रहे हैं, लेकिन जनहित में असली मुद्दों को नज़रअंदाज़ करते हैं, क्योकि जनप्रतिनिधि बन उस लूट में ये सभी भागीदार हैं।
जिस तरह संसद कैंटीन की वर्षों से चल रही सब्सिडी समाप्त हुई है, अगर उसी तरह जनप्रतिनिधियों को मिलने वाली मोटी पेंशन बंद हो गयी, सरकारी खजाने में धन की कमी नहीं होने पाएगी, फिर जिस दिन इन जनसेवकों ने इनकम टैक्स रिटर्न भर आयकर देना शुरू कर दिया, खजाना खाली नहीं होने पायेगा। एक ही वर्ष में सरकारी खजाने में हज़ारों करोड़ धन की प्राप्ति होने महंगाई पर भी बहुत फर्क पड़ेगा। जिस दिन जिस पार्टी ने इन मुद्दों को उजागर कर जनता से वोट मांगेगी, उनका विरोधी भी उन्हें वोट देने में संकोच नहीं करेगा। जनता को नहीं मालूम कि निगम पार्षद से लेकर एक सांसद पर प्रति माह मुफ्त में करोड़ों खर्च हो रहे हैं। है किसी भी पार्टी में हिम्मत इन मुद्दों पर धरना अथवा प्रदर्शन करने की?
26 जनवरी को तथाकथित किसानों की ओर से हुए हिंसक ट्रैक्टर रैली प्रदर्शन की कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जहाँ एक तरफ कल पुलिसकर्मियों के साथ किसानों की बर्बरता देखने को मिली। वहीं अब इंटरनेट पर एक बीमार बुजुर्ग के साथ तथाकथित प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई बदसुलूकी की वीडियो भी सामने आई है, जिसको देखकर आपके भी रूह काँप जाएँगे।
रिपब्लिक के पत्रकार रवि मिश्रा ने आज (27 जनवरी, 2021) ट्विटर पर एक बुजुर्ग व्यक्ति की वीडियो शेयर की है। जो रो-रो कर किसानों के सामने अपनी व्यथा बता रहा है। हालाँकि, किसान उसकी बातों से पसीज नहीं रहे बल्कि उसके आँसू को एक प्रोपेगैंडा बता रहे है।
यूपी गेट पर अभी - अभी
— RAVI MISHRA (@R_ravimishra) January 27, 2021
स्थानीय लोग इतने परेशान हो गए हैं इस आतंक के आंदोलन से ...अपनी गाड़ी छोड़ सड़क पर बैठ कर रोने को मजबूर हो गए ये बुज़ुर्ग...कह रहे हैं हम घरों से निकल नहीं पा रहे इनकी वजह से ...यहां से गुजरने पर धमकाते है ये लोग pic.twitter.com/evrlNz7UEL
यह धारणा गलत है। विरोध प्रदर्शन उस स्तर पर होना चाहिए जो असंतोष का कारण है।सामान्य जनजीवन को बन्धक बनाना अराजकता है और गैरकानूनी है।
— अशोक कुमार सिंह (@ashokku34475008) January 27, 2021
https://t.co/puSyLre56p जब से दिल्ली में कांग्रेस के सहयोगी केजरीवाल आया है तब से दिल्ली को दंगों की आग में झोंक दिया है 26 जनवरी से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 25 झंडा क्यों फहराया अब समझ आया अगले दिन हुड़दंग मचाना था आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को
— Yuvraj Tiwari (@YuvrajTiwari89) January 27, 2021
बिजली फ्री, पानी फ्री, दंगा फ्री... pic.twitter.com/NxKGzScGBq
— The Croods (@Chikara19802180) January 27, 2021
This country is filled with pseudo seculars, pseudo leaders, pseudo farmers and we the pseudo citizens.
— Ratish Mehra (@Ratishmehra4431) January 27, 2021
यूजर ने बताया कि यह वीडियो यूपी गेट का है। जहाँ पर स्थानीय लोग किसान प्रदर्शन से परेशान हो गए हैं। वहीं एक बुजुर्ग अपनी गाड़ी छोड़ सड़क पर बैठ कर रोने को मजबूर हो गए। वीडियो में बुजुर्ग आदमी सड़क पर बैठे हैं और वहाँ से उठते हुए कहते हैं, “ये बोलते है आगे जाओगे तो मारूँगा। अरे क्या गुनाह किया है? हम यहाँ से निकले नहीं? ये हमारे रास्ते में आ गए।”
वहीं बूढ़े व्यक्ति की बात सुनकर प्रदर्शन में मौजूद एक व्यक्ति कहता है, “मत सुनो, सब ऐसे ही लोग है जो हमें बदनाम करने वाले है।” उसकी बातों को सुन बुजुर्ग व्यक्ति कहता है, “अरे बदनाम करने वालों मैं तो मरने वाला हूँ।”
इसके बाद बुजुर्ग व्यक्ति बताता है कि, आगे आने पर ये लोग बोलते है कि मारूँगा। भगा दिया इन्होंने। ये टोपीधारी था। मैं बीमार आदमी हूँ। मैं तो बस डॉक्टर को दिखाने जा रहा हूँ। हार्ट पेशेंट हूँ। मैं तो पंत हॉस्पिटल जा रहा था। ये लोग गाड़ी के सामने आ गए जैसे कोई झगड़ा करने आए हो। क्या कसूर है हमारा। हम निकल नहीं सकते? सड़क किसी के बाप की है?
वहीं सोशल मीडिया पर एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग भारतीय तिरंगे को जलाते हुए देखे जा सकते हैं। वीडियो में पीछे अमेरिका का झंडा है। उक्त व्यक्ति खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हुए तिरंगे का अपमान कर रहे है। साथ ही पंजाब रेफरेंडम 2020 जिंदाबाद, दिल्ली बनेगा खालिस्तान नारे भी लगा रहे है।
#KhalistaniExposed
— श्रवण बिश्नोई {किसान} (@SharwanKumarVi3) January 27, 2021
Real objective of Farmers Agitation
was not against Farmers Bill but Truth is in front of you please watch the video .. @narendramodi @AmitShah#traitors_on_tractors#नक्सली_खालिस्तानी_षड़यन्त्र pic.twitter.com/qJu0P85SZc
#Mera_border_khali_karo
— श्रवण बिश्नोई {किसान} (@SharwanKumarVi3) January 28, 2021
राहुल गांधी जी कह रहे हैं ज्यादातर किसानों को कृषि बिल के बारे में मालूम नहीं है अगर उन सभी को मालूम होता तो पूरे देश में आग लग जाती यह कैसा बयान क्या वह आग लगवाने की कोशिश कर रहे हैं pic.twitter.com/LBGr2KnaoK
इस वीडियो मे ध्यान से देखिएगा तो कुछ गुंडे हमारे कैमरामैन मुकेश को शूट करने से रोक रहे थे , धमका रहे थे । ये चाहते हैं कि इनका पाप कोई न देख पाए
— RAVI MISHRA (@R_ravimishra) January 27, 2021
हालाँकि यह दोनों वायरल वीडियो कब की है, यह फिलहाल नहीं पता लग पाया है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद एक्शन मोड में आई दिल्ली पुलिस ने 37 नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है। इनमें राकेश टिकैत, डाॅ दर्शनपाल, जोगिंदर सिंह, बूटा, बलवीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह के नाम शामिल हैं। समयपुर बादली में दर्ज एफआईआर नंबर 39 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की मेधा पाटकर और स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव का नाम भी शामिल है। इससे पहले पुलिस ने इस संबंध में डकैती, लूट आपराधिक साजिश की कई धाराओं में केस दर्ज किया था। पूरे मामले पर क्राइम ब्रांच द्वारा जाँच की जाएगी।
पुलिस का कहना है कि 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हुए। अधिकांश को आईटीओ और लाल किले पर दंगों में चोट आई। अब पुलिस इन किसान नेताओं को पूछताछ के लिए समन भेजेगी। सुप्रीम कोर्ट में भी इस संबंध में याचिका दर्ज हुई है। इसमें हिंसा की जाँच और घटना के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति व संगठन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की माँग है।

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