जनवरी 26 को हुए उपद्रव से किसान आंदोलन में फूट पड़नी शुरू हो गयी थी। जिस कारण दिल्ली की तीनों सीमाओं पर जमावड़े में उम्मीद से अधिक कमी होने का दिल्ली पुलिस ने अब सीमा पर आंदोलन में लगे ‘किसानों’ पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जहाँ गाजीपुर बॉर्डर पर उन्हें जगह खाली करने को कहा गया है, वहीं टिकरी बॉर्डर पर कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के नेता इसे केंद्र सरकार की ‘बदले की कार्रवाई’ बता रहे हैं और पुलिस के खिलाफ लगातार किसानों को भड़काने में लगे हुए हैं। हालाँकि, अब उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से नेता डॉक्टर दर्शन पाल ने बयान जारी करते हुए इस कार्रवाई को किसानों को बदनाम करने की साजिश करार दिया है। लेकिन, उन्होंने ये भी दावा कर डाला कि इस तरह की कार्रवाई से किसान आंदोलन कमजोर होने के बजाए और मजबूत ही होता जाएगा। उन्होंने दो नेताओं के समर्थकों के बीच हुई झड़प को ‘भाजपा नेताओं द्वारा किसानों से मारपीट’ करार दिया। बता दें कि मुजफ्फरनगर में भाजपा सांसद संजीव बालियान और RLD नेता जयंत चौधरी भिड़ गए थे।
एक तरफ राकेश टिकैत सरकार को धमकाते किसानों से फसल नष्ट करने को बोल रहे हैं, परन्तु विपरीत इसके खुद अपने खेतों की फसल यानि गन्ना नष्ट करने की बजाए उसे गन्ना मिलों को बेच रहे हैं, और राकेश के कहने पर कुछ मूर्ख किसान(जैसाकि समाचारों में प्रसारित किया जा रहा है) अपनी फसल को नष्ट कर रहे हैं। सरकार को चाहिए कि फसल नष्ट करने वाले किसानों के बैंक खाते आदि की जांच करनी चाहिए। संभव हो, इन्हें उस फसल की भरपाई कर दी गयी हो।
कल एक पत्रकार ने बकायदा पर्ची के साथ खुलासा किया कि राकेश टिकैत ने अपने खेत में से 270 टन गन्ना मिलों में बेच दिया।।
लेकिन यह धूर्त अपना गन्ना काटने के बाद दूसरे किसानों के फसल जलाने की बात कर रहा है।pic.twitter.com/9Ayg6QD14g— Phenomenal Ajay (@ajaykum61068972) February 21, 2021सरकार नहीं मानी तो खेत में खड़ी फसल को आग लगा देंगे : डकैत
— Vinod Sharma #HTL 🕉️ (@vinodsharma1834) February 21, 2021
अगर असली जाट है तो शुरुआत अपने खेत से ही करीयो..🙄
‘दैनिक जागरण’ की खबर के अनुसार, किसान नेताओं ने दावा किया है कि टिकरी धरने पर दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ पोस्टर लगाए गए है जिसमें किसानों से धरना खाली करने की चेतावनी दी गई है। उनका कहना है कि इस तरह के पोस्टर प्रासंगिक नहीं है जहाँ किसान अपने मौलिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे है। दिल्ली की सीमा पर दो महीने से अधिक समय से किसान धरना देकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
Kisan Andolan: दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल खाली करने के लिए लगाए नोटिस, किसानों में रोष#FarmersProtests #KisanAndolan #agricultureBill https://t.co/32KIitTpAA
— Dainik Jagran (@JagranNews) February 23, 2021
— *सचिन* हिन्दू 🚩🚩 (@kumarsachin011) February 23, 2021
गणतंत्र दिवस के दिन 26 जनवरी को हिंसा होने के बाद किसान संगठनों में फूट पड़ गई थी और उनमें से कई आंदोलन में अलग हो गए थे। किसान नेताओं का कहना है कि वो पुलिस के इस कदम का विरोध करते हैं और किसानों से अपील करते है कि शांतिपूर्ण विरोध जारी रखे। इस तरह की धमकियाँ और चेतावनी से किसान आंदोलन को खत्म करने की साजिशों का सख्त विरोध किया जाएगा व इससे किसान संघर्ष को और मजबूती मिलेगी।
उधर पंजाब के किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि पुलिस किसानों को परेशान करने के लिए झूठे नोटिस भेज रही है। साथ ही सभी किसानों से अपील की गई कि वो दिल्ली पुलिस के साथ बिलकुल भी सहयोग न करें। उग्रहान ने कहा था, “हमारे संगठन से किसी को भी गिरफ्तार करना बहुत मुश्किल है। अगर सरकार इस तरह कार्रवाई करती है तो ये ठीक नहीं होगा।” उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों को सब पहले से ही पता है और चुनौती दी कि दिल्ली पुलिस लोगों को गिरफ्तार कर के दिखाए।
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