क़तर में बिकनी पर प्रतिबंध के कारण वहाँ होने वाले वॉलीबॉल टूर्नामेंट का खिलाड़ी बॉयकॉट कर रहे हैं। जर्मनी की स्टार वॉलीबॉल खिलाड़ी कार्ला बोर्गर और जूलिया सुडे ने इस टूर्नामेंट के बहिष्कार की घोषणा कर दी है।
कार्ला बोर्गर और जूलिया सुडे ने कहा कि क़तर अकेला ऐसा देश है, जहाँ वॉलीबॉल कोर्ट में बिकनी पहनने की अनुमति नहीं है। कार्ला ने कहा कि वहाँ जाकर उन्हें अपना ही काम करना है, लेकिन उस काम के लिए जो कपड़े पहनने होते हैं, उस पर ही लगाम लगाई जा रही है।
उन्होंने कहा कि ये दुनिया की अकेली ऐसी सरकार है, जो खिलाड़ियों पर अपने विचार थोपते हुए बता रही है कि उन्हें उनका कार्य कैसे करना है, जिसकी वो आलोचना करते हैं।
मार्च में होने वाला ये टूर्नामेंट क़तर का पहला बीच वॉलीबॉल इवेंट होने वाला है। 7 साल पहले यहाँ पुरुषों का खेल हुआ था। जबकि इस बार सभी महिला खिलाड़ियों को निर्देश दिया गया है कि वो शर्ट और लंबे ट्रॉउज़र पहनें, जिसका विरोध हो रहा है।
Bikini ban sparks volleyball boycott: Female German duo refuse to take part in Qatar tournament https://t.co/MiwMapEbGB
— Daily Mail Online (@MailOnline) February 22, 2021
A country where the woman is subordinate to the man and then play a women's tournament there, complete madness. But money is what it's all about, Qatar must have given them a lot. And the agrees to the condition of the land so they agree that woman is subordinate to man
— T🚫n (@Ton_257) February 22, 2021
Qatar worries that the men in their country might get too over excited , particularly as they don't see any scantily dressed women there.
— Cedric (@GrumpyCecil) February 22, 2021
It’s crazy to me people say these countries are strict and strange and then they want to make sense of these conservative situations. It’s like going there in a miniskirt single sleeping with everyone drinking and stealing and expect not to get jail & your hand chopped off.
— Harley Ⓜ️ (@HastleHarley) February 23, 2021
‘वर्ल्ड बीच वॉलीबॉल फेडरेशन (FIVB)’ ने कहा है कि मेजबान देश की संस्कृति और नियम-कायदों को देखते हुए ये चीजें तय की जाती हैं। लेकिन, जर्मनी की दोनों खिलाड़ियों ने इन नियमों के विरोध में क़तर जाने से इनकार कर दिया है।
दोनों खिलाड़ियों ने कहा कि वो हर देश के माहौल के प्रति ढल सकती हैं, लेकिन दोहा में इतनी गर्मी रहती है कि बिकनी के बिना ये खेल नहीं हो पाएगा। सुडे ने कहा कि 2019 वर्ल्ड एथलिट चैंपियनशिप में क़तर ने कुछ रियायतें दी थीं।
मार्च में क़तर में बहुत ज्यादा गर्मी नहीं रहती है, लेकिन फिर भी तापमान 30C (86F) के आसपास घूमता रहता है। बोर्गर ने इस पर भी सवाल उठाए कि क्या इस खेल के आयोजन के लिए क़तर एक योग्य मेजबान देश है भी?
क़तर में मानवाधिकार की समस्या और इसके स्पोर्टिंग इतिहास को लेकर भी सवाल उठते रहे हैं, जिन्हें हाल के दिनों में ठीक करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, फिर भी पेंच फँस रहा है।
क़तर में इस्लामी कानून चलता है, जहाँ महिलाओं को हिजाब और बुर्का पहनने को कहा जाता है। लेकिन, हाल के दिनों में कई पर्यटक वहाँ पर पहुँचे हैं, जिन्हें नियमों में ढील की उम्मीद है।
क़तर के स्विमिंग पूल और पाँच सितारा होटलों में महिलाएँ बिकनी पहनती रही हैं। जर्मनी वॉलीबॉल फेडरेशन ने भी अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया है। 2006 एशियन गेम्स में इसी खेल में खिलाड़ियों को बिकनी पहनने की अनुमति मिली थी।

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