कोरोना महाकाल में दधीचि बनते मन्दिर; वो पत्थर बरसाते रहे, हम निर्धनों को अन्न
कोरोना की दूसरी लहर के बीच देश के लोग न सिर्फ मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, बल्कि कई दवाओं की कमी से भी जूझ रहे हैं। कई राज्यों में लगी पाबंदियों के कारण गरीब और प्रवासी मजदूर हलकान हैं, सो अलग। इन सबके बीच सवाल पूछे जा रहे हैं मंदिरों से, जिनकी संपत्ति पर दशकों से सरकार का कब्ज़ा है। साथ ही हिन्दू श्रद्धालु मंदिर के लिए जमा किए गए चंदे का क्या करें, ये भी वो वामपंथी तय करने की कोशिश कर रहे जो इसके खिलाफ थे।
साथ ही मोदी सरकार को मंदिर बनवाने वाली सरकार बताया जा रहा, जबकि अब तक सरकार ने एक भी मंदिर नहीं बनवाया है। हाँ, विकास कार्यों के आँकड़े ज़रूर पिछली सभी सरकारों के मुकाबले दुरुस्त हैं। यहाँ हम उन 5 मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने हाल में कोरोना की दूसरी लहर से उपजे संकट के बीच जनहित में कदम आगे बढ़ाए हैं। ये मंदिर कोविड मरीजों और गरीबों की सेवा कर रहे हैं।
द्वारका के इस्कॉन मंदिर ने संकट के इस समय में जब दिल्ली में कई पाबंदियाँ लागू हैं, गरीबों तक भोजन पहुँचाने का फैसला लिया है। पिछले वर्ष भी मंदिर ने जिला प्रशासन के साथ मिल कर कई गरीबों के भरण-पोषण का जिम्मा उठाया था, जिसे इस साल विस्तार दिया जा रहा है। मंदिर से जुड़ीं महिमा सब्बरवाल ने बताया कि ‘फ़ूड फॉर लाइफ’ के तहत ‘श्रवण कुमार सेवा’ का संचालन किया जा रहा है।
ये मुहिम रविवार (अप्रैल 18, 2021) से शुरू की गई है। 15 हजार लोगों को इसके तहत डिब्बे में पैक कर के भोजन पहुँचाया गया। इसमें खिचड़ी, दाल, आलू की सब्जी और रोटी शामिल हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इसमें हल्दी, देसी घी, हींग और काली मिर्च जैसी वस्तुओं का प्रयोग किया जा रहा है। इससे लोगों का इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। दक्षिण-पश्चिम व उत्तर-पश्चिमी जिले के लिए 9717544444 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।
मंदिर का लक्ष्य है कि 1 दिन में ढाई लाख लोगों तक मुफ्त भोजन पहुँचाया जा सके। स्थानीय लोग भी इसे सफल बनाने के लिए मंदिर के साथ मिल कर काम कर रहे हैं। भोजन पकाते समय संक्रमण से बचाव के उपाय और सैनिटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। भोजन का गलत प्रयोग न हो, इसके लिए ड्रोन कैमरों के जरिए निगरानी की जा रही है कि ये ज़रूरतमंदों तक ही पहुँचे। जिस ई-रिक्शा का डिलीवरी के लिए इस्तेमाल हो रहा है, उसमें भी स्वच्छता का खास ध्यान रखा गया है।
मुंबई के जैन मंदिरों ने भी बढ़ाए कदम
महाराष्ट्र, खासकर उसकी राजधानी मुंबई इस वक़्त न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण का सबसे बड़ा हब बना हुआ है। इन सबके बीच जैन समाज के संतों और प्रबुद्ध लोगों ने जैन मंदिरों को ही कोविड सेंटर में तब्दील कर दिया है। मुंबई के कांदिवली इलाके में स्थित पावन धाम जैन मंदिर में बनाए गए 100 बेड्स वाले कोविड सेंटर में हरेक बेड के लिए ऑक्सीजन का भी इंतजाम किया गया है।
मंदिर प्रशासन ने कहा कि महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की भारी किल्लत है और सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में बेड्स न मिलने के कारण लोग मर रहे हैं, ऐसे में मंदिर ने आगे आने का फैसला लिया। मंदिर के सेवादार प्रदीप मेहता ने कहा कि सेवा और दान ही सबसे ज़रूरी चीज है। पावन धाम जैन मंदिर में स्टडी रूम, मेडिटेशन रूम और किचन सहित कई सुविधाएँ हैं। अब तक यहाँ धार्मिक कार्य ही होते आए हैं।
कोविड मरीजों के लिए 100 ऑक्सीजन बेड्स वाली सेवा शुरू हो गई है। 5 मंजिला मंदिर के कर्मचारी भी अब जनसेवा में लग गए हैं। ऑक्सीजन बेड के लिए 3000 रुपए प्रतिदिन का किराया रखा गया है, जो मुंबई के अस्पतालों से काफी कम है। इन रुपयों का इस्तेमाल डॉक्टरों, मेडिकल उपकरणों और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए किया जाएगा। मरीजों को एक अच्छा वातावरण दिया जाएगा। दवाइयों की भी व्यवस्था होगी।
ओडिशा के पुरी का ऐतिहासिक जगन्नाथ मंदिर
ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर भी जनसेवा में पीछे नहीं है। मंदिर में श्रद्धालुओं को भीड़ जुटाने से पहले ही रोक दिया गया है, ताकि सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन हो सके। सिर्फ पुजारी ही पूजा-पाठ कर रहे हैं। ‘श्री जगन्नाथ टेम्पल एडमिनिस्ट्रेशन (SJTA)’ ने सेवादारों, भक्तों और उनके परिवारों के लिए एक कोविड सेंटर की स्थापना का फैसला किया। ग्रैंड रोड स्थित ‘भक्त निवास’ में सारे उपकरणों और सेवाओं के साथ इसकी व्यवस्था हुई है।
SJTA के मुख्य प्रशासक किशन कुमार ने जिला प्रशासन के साथ बैठक के बाद कहा कि इस कोविड सेंटर में डॉक्टरों, नर्सों और एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की गई है। बुधवार (अप्रैल 28, 2021) से ये पूर्णरूपेण चालू हो जाएगा। साथ ही वहाँ कोरोना टेस्टिंग फैसिलिटी भी होगी। एम्बुलेंस के जरिए गंभीर स्थिति वाले मरीजों को तुरंत बड़े अस्पताल में भेजा जाएगा। जून के बाद आयुर्वेदिक और होमियोपैथी इलाज भी होगा।
साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोग कोरोना का टीका लगाएँ, इसके लिए भी जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। कुम्भ मेला से वापस आने वाले 32 सेवादारों में से मात्र एक को ही कोरोना पॉजिटिव पाया गया। नए कोविड सेंटर में ऑक्सीजन की भी व्यवस्था होगी। जगन्नाथ मंदिर से जुड़े लोगों को कोरोना संक्रमण न हो, इसके लिए पहले ही बैठक कर के सतर्कता के उपाय अपनाए गए थे।
काशी विश्वनाथ मंदिर की रसोई से गरीबों को भोजन
वाराणसी भी कोरोना से बेहाल है। ऐसे में यहाँ के विश्वनाथ मंदिर की रसोई ने गरीबों का पेट भरने का जिम्मा उठाया है। कई NGO के साथ मिल कर कोरोना मरीजों को भी भोजन पहुँचाया जा रहा है। कोरोना के कारण मरने वालों के शवों को भी हाथ नहीं लगाना है, ऐसे में परिजनों के लिए अंतिम-संस्कार एक बड़ी समस्या है। इसीलिए, मारवाड़ी समाज ने कोविड मरीजों को अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन, दवा तथा आकस्मिक मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार का बीड़ा उठाया है।
स्वामीनारायण मंदिर का कोविड सेंटर
गुजरात के वड़ोदरा में भी मंदिरों ने बढ़-चढ़कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हाथ बढ़ाया है। BAPS श्री स्वामीनारायण मंदिर ने 300 बेड्स वाले कोविड सेंटर की स्थापना की है। अतलदरा में 3.5 एकड़ में इस फैसिलिटी की स्थापना हुई है। ICU कमरों, पंखों और कूलर के अलावा यहाँ ऑक्सीजन और वेंटिलेटर की भी व्यवस्था होगी। जल्द ही 200 और बेड्स को जोड़ कर कोविड सेंटर की क्षमता को 500 बेड्स तक किया जाएगा।
मंदिर से जुड़े ज्ञान वत्सल स्वामी ने बताया कि मंदिर ने दवाओं के लिए स्टोर, स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अलग से कमरों और मरीजों के परिजनों के लिए रेस्ट रूम्स की भी व्यवस्था की है। मंदिर द्वारा ये पहल किए जाने के बाद शहर के कई अन्य धार्मिक स्थल भी सामने आए हैं और स्वामीनारायण मंदिर से प्रेरणा लेकर लोगों की मदद कर रहे हैं। जहाँ सरकारें और प्रशासन भी पस्त हैं, वहाँ मंदिरों ने मदद का हाथ बढ़ाया है।
Volunteers engaged at Lord Jagannath Temple have been doing a yeoman’s service in facilitating entry of people for a smooth Darshan.
All COVID protocols like mandatory RT PCR negative report for outside state people, thermal screening etc is strictly followed. pic.twitter.com/MKXWO1ZFNW
इन मंदिरों के अलावा कई अन्य छोटे-बड़े मंदिर भी जनसेवा में लगे हैं, जिनके बारे में हम आपको बताते रहेंगे। पिछले साल भी जब कोरोना ने सिर उठाया था, तब देश भर के मंदिरों ने पीएम केयर्स में दान देने से लेकर लोगों की मदद तक, सब कुछ किया था। कई हिंदू मंदिरों ने दान में करोड़ों रुपए खर्च किए थे, जरूरतमंदों के लिए भोजन और आश्रय प्रदान किया था और संकट के समय राष्ट्र का समर्थन करने के लिए खड़े हुए थे।
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मंदिरों के रुपयों का हिसाब माँगने वाले गायब, मस्जिद से पत्थरबाजी पर चुप्पी
वहीं इसी बीच कुछ मजहबी स्थलों से मदद की बात तो दूर, उलटा कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह देने पर पुलिस पर ही ईंट-पत्थर से हमले की ख़बरें आ रही हैं। राजस्थान के सांगनेर स्थित जामा मस्जिद में जब पुलिस लॉकडाउन का पालन कराने गई तो पुलिस पर ईंट-पत्थरों से हमला किया गया। गुजरात के कपड़वंज स्थित अली मस्जिद में भीड़ जुटाने से रोका गया तो पुलिस पर हमला हुआ।
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