कांग्रेस नेता प्रशांत पाराशर (दाएँ),
एक तरफ कांग्रेस कोरोना को लेकर केंद्र में मोदी सरकार को घेरने के लिए आपदा में अवसर ढूंढ रही है, तो दूसरे तरफ मासूम जनता की जानों से खिलवाड़ करने का अवसर नहीं छोड़ रही। ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी में कथित संलिप्तता के आरोप में फरीदाबाद से एक कांग्रेस नेता को गिरफ्तार किए जाने के कुछ दिनों बाद, एक अन्य कांग्रेस नेता को फर्जी इंजेक्शन की बिक्री के लिए इंदौर में गिरफ्तार किया गया है। इंदौर पुलिस ने मई 13, 2021 को कांग्रेस नेता प्रशांत पाराशर, होम्योपैथिक डॉक्टर सरवर खान और दो अन्य को गिरफ्तार किया। इनकी गिरफ्तारी से फर्जी रेमडेसिविर नेक्सस मामले में गिरफ्तार आरोपितों की संख्या 11 हो गई है।
पाराशर को राज्य में बढ़ रहे कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर SOS मुहिम को सुचारू रूप से संपूर्ण मध्य प्रदेश में संचालित करने के लिए तत्काल प्रभाव से इस कैम्पेन का स्टेट कॉर्डिनेटर नियुक्त किया गया था। पुलिस के अनुसार, प्रशांत पाराशर मध्य प्रदेश में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के बड़े पैमाने पर वितरण में शामिल एक नेक्सस का हिस्सा था।
Source: Twitter/@IYCMadhya
अब तक, अधिकारियों ने मामले में गिरफ्तार आरोपितों की कॉल रिकॉर्डिंग और अन्य पूछताछ के आधार पर गुजरात से तस्करी कर इंदौर लाए गए 700 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन में से 437 को जब्त कर लिया है।
यह मामला करीब तीन हफ्ते पहले तब सामने आया था जब अधिकारियों ने दो लोगों- दिनेश चौधरी और धीरज सजवानी को गिरफ्तार किया था और उनके पास से दो इंजेक्शन बरामद किए थे। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि नकली रेमडेसिविर बाँटने का बड़ा नेक्सस राज्य में सक्रिय था। बाद में प्रवीण उर्फ सिद्धार्थ फुलके और असीम भाले को गिरफ्तार किया गया। असीम ने इंजेक्शन के लिए सुनील मिश्रा नाम के एक व्यक्ति के साथ खरीदारी और कोऑर्डिनेट करना स्वीकार किया। पुलिस ने मिश्रा की लोकेशन चेक की तो पता चला कि वह गुजरात के सूरत का रहने वाला है। इसके बाद पुलिस ने गुजरात पुलिस को रेमडेसिविर की कालाबाजारी में मिश्रा की संलिप्तता की जानकारी दी।
गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए गुजरात पुलिस ने मोरबी इलाके में एक नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया और इस मामले में कौशल बोहरा, पुनीत शाह और बाद में सुनील मिश्रा को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ और जानकारी के आधार पर पुलिस ने पाया कि मिश्रा ने कांग्रेस नेता प्रशांत पाराशर को 100 इंजेक्शन भेजे थे, जो युवा कांग्रेस के नेता हैं। मई 13 को भोपाल में आरोपित कांग्रेस नेता का पता लगाया गया और अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
कांग्रेस नेता की गिरफ्तारी पर बोलते हुए, एसपी आशुतोष बागरी ने कहा, “उन्होंने अपने दोस्तों और परिवार को इंजेक्शन बेचने और देने की बात स्वीकार की। हालाँकि, उन्होंने केवल 66 इंजेक्शन प्राप्त करने की बात स्वीकार की। आरोपित सुनील मिश्रा का रिमांड मिलने के बाद हम इसकी पुष्टि करेंगे।” मिश्रा ने कथित तौर पर प्रशांत को इंजेक्शन लगाने वालों के स्वास्थ्य की जाँच करने के लिए बुलाया था, जब उन्हें पता चला कि उनमें कुछ गड़बड़ है तो उन्होंने शेष 8 इंजेक्शन जलाशय में फेंक दिए।
इसके अतिरिक्त, 700 इंजेक्शनों में से 500 को कथित तौर पर जबलपुर शहर के अस्पताल में भेजा गया, जहाँ मरीजों को दिया गया। पुलिस ने कहा कि सभी इंजेक्शनों का बैच नंबर समान था, जिसका मतलब था कि वे गुजरात में एक ही कारखाने में निर्मित किए गए थे।
ऑक्सीजन सिलिंडर की काली बाज़ारी में कांग्रेस नेता गिरफ्तार
कुछ दिन पहले, कांग्रेस के एक नेता बिजेंद्र मावी को फरीदाबाद में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कालाबाजारी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हरियाणा के फरीदाबाद के इंद्रा कॉम्प्लेक्स कॉलोनी में पुलिस को उसके घर से 50 ऑक्सीजन सिलेंडर मिलने के बाद कांग्रेस नेता के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने बताया कि आरोपित ने अपनी कार में ऑक्सीजन सिलेंडर छिपा रखा था।
खबरों के मुताबिक, खेड़ीपुल पुलिस फरीदाबाद के तिगाँव रोड पर पेट्रोलिंग कर रही थी, जब उनके मुखबिर ने उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी में कांग्रेस नेता के शामिल होने की सूचना दी। सूचना के आधार पर पुलिस ने छापेमारी की। ड्रग कंट्रोल ऑफिसर संदीप गहलान भी मौजूद थे।
कांग्रेस नेता के गाड़ी की जाँच करने पर 42 खाली व 8 भरे सिलेंडर मिले। पुलिस ने मावी से ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लाइसेंस और जरूरी परमिट दिखाने को कहा। जब आरोपित वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका, तो पुलिस ने उन्हें अपनी कस्टडी में ले लिया और 50 ऑक्सीजन सिलेंडर जब्त कर लिए।
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