उत्तर प्रदेश : ‘दादा छोड़ दो..’: जान की भीख माँगते रहे ड्राइवर हरिओम मिश्रा, ‘किसानों’ ने उतार दिया मौत के घाट

                                   'किसान आंदोलनकारियों' की भीड़ से जान की भीख माँगते ड्राइवर हरिओम मिश्रा
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में हुई हिंसा में मारे लोगों के लिए सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने हिंसा में मारे गए प्रत्येक मृतक के परिजनों को 45-45 लाख रुपये और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। वहीं, घायलों को 10-10 लाख रुपये देने का ऐलान किया गया है। वहीं, घटना की निष्पक्ष जाँच के लिए सरकार उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से मामले की न्यायिक जाँच कराएगी।

ऐसे में प्रश्न यह भी होता है कि जब किसानों पर राजस्थान और पंजाब में लाठी चार्ज हुआ किसी मीडिया में कोई खबर नहीं, लेकिन भाजपा शासित राज्य उत्तर प्रदेश में हंगामे को मीडिया भी अपनी TRP के चक्कर में घूम गयी। खैर उत्तर प्रदेश में चुनाव को देखते हुए सबको अपनी राजनीती अपनी चमकानी और मीडिया को अपनी TRP, जनता हर तरफ से पागल बन रही है।

 

लखीमपुर घटना के बाद प्रदेश में राजनीतिक राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। तमाम दलों के नेता अपनी-अपनी राजनीति चमकाने के लिए इस मुद्दे को अपने हित में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसको देखते हुए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने जिले में राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है।

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ ने ड्राइवर हरिओम मिश्रा की भी पीट-पीट कर हत्या कर दी। इस दौरान वो जान की भीख माँगते रहे। वो केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के यहाँ कार्यरत थे। उनकी अंतिम चीखें दिल दहला देने वाली है। इससे हमारे-आपके रोंगटे भले खड़े हो जाएँ, लेकिन ‘किसान आंदोलनकारियों’ को जा की भीख माँग रहे एक निर्दोष पर जरा भी तरस नहीं आया।

उनकी मॉब लिंचिंग कर दी गई। उनसे ‘किसान आंदोलनकारियों’ की भीड़ जबरन ये कबूल करने का दबाव बना रही थी कि वो ये बोलें कि मंत्री ने उन्हें किसानों को मारने के लिए भेजा है। ड्राइवर हरिओम मिश्रा बार-बार ‘दादा… दादा, छोड़ दो’ की गुहार लगा रहे थे, लेकिन गुंडों का दिल नहीं पसीजा। उनसे जबरन कबुलवाया जा रहा था कि वो किसानों पर गाड़ी चढ़ाने आए हैं। उन्होंने जवाब दिया कि उन्हें मंत्री ने भेजा है, लेकिन इसके लिए नहीं।

जब मारपीट और डंडा दिखाने के बावजूद उन्होंने ‘किसान प्रदर्शनकारियों’ के मनमाफिक बयान नहीं दिया तो भीड़ उन पर टूट पड़ी। वो जमीन पर हाथ जोड़ कर गुड़गिड़ाते रहे, लेकिन उनकी एक न सुनी गई। भीड़ में से ‘किसान प्रदर्शनकारी’ उन्हें गाली देते हुए ‘मारो-मारो’ चिल्ला रहे थे वीडियो न बनाने को भी बोल रहे थे। नीचे वीडियो में आप देख सकते हैं कि कैसे उनसे जबरन कहलवाने की कोशिश हो रही है कि वो ये बोलें कि मंत्री ने उन्हें गाड़ी एक्सीडेंट कराने के लिए भेजा है।

सोशल मीडिया पर लोगों ने आशंका जताई है कि ड्राइवर से जबरन झूठ बुलवा कर ‘किसान प्रदर्शनकारी’ सोशल मीडिया में ये दुष्प्रचारित करते कि मंत्री ने उनकी हत्या की साजिश रची, लेकिन जब उन्होंने झूठ बोलने से मना कर दिया तो उन्हें मार डाला गया। राकेश टिकैत के ट्वीट्स पर भी लोगों ने प्रतिक्रिया दी कि ये ‘किसान’ मर नहीं रहे हैं, बल्कि मार रहे हैं। अजय मिश्रा खीरी लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं।

इसके अलावा एक पत्रकार की भी हत्या हुई है। ‘ABP News’ के संपादक पंकज झा ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी, “लखीमपुर में रिपोर्टिंग कर रहे हमारे एक साथी रमन की मौत हो गई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।” रमन कश्यप निघासन क्षेत्र के रहने वाले थे और इस घटना की कवरेज के लिए पहुँचे थे। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम हाउस में उनकी मौत की पुष्टि की। लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए ‘किसान उपद्रवियों’ के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि हिंसाग्रस्त लखीमपुर खीरी जिले में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है और किसी भी राजनीतिक दल के नेता को यहाँ आने की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के सदस्यों को यहाँ आने पर कोई रोक नहीं है।

लखीमपुर खीरी में किसानों से मिलने निकली कॉन्ग्रेस नेता प्रियंका गाँधी को सीतापुर पुलिस ने हरगांव में सुबह 4 बजे हिरासत में ले लिया। पुलिस हिरासत में प्रियंका उपवास पर बैठ गईं। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों के परिवारों व अन्य किसानों से वे नहीं मिलेंगी, तब तक अन्न ग्रहण नहीं करेंगी। 

इधर, समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखीमपुर जाने से रोक दिया, जिसके बाद वे अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए। कुछ देर बाद अखिलेश को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहीं, इस बीच गौतमपल्ली थाने के पास कुछ अराजक तत्वों ने एक पुलिस वाहन को आग के हवाले कर दिया।

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