जैसे-जैसे विश्व में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोदी के कारण हिन्दुत्व की पताका फहरा रही है, हिन्दू विरोधी अपने-अपने बिलों से बाहर आ रहे हैं, जो हिन्दुओं के लिए शुभ संकेत है कि वह अपनी आंखें खोलकर देखें कि सेकुलरिज्म के नाम पर उनको किस तरह पागल बनाया जा रहा है।
पाकिस्तानी मूल की ऑस्ट्रेलियाई ग्रीन्स सीनेटर मेहरीन फारूकी ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के अच्छे दोस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने के बहाने संघीय सीनेट में सभी सीमाओं को पार करते हुए घृणा के स्तर तक उतर आईं।
पाकिस्तान में पैदा हुई सीनेटर फारूकी ने पहले तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ प्रधानमंत्री मॉरिसन के सौहार्दपूर्ण कामकाजी संबंधों की तारीफ की और फिर जब बात भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की आई तो दक्षिण पंथी नेता बताते हुए इधर-उधर की सुनी-सुनाई बातों का हवाला देकर लोकतान्त्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को ऑथॉरिटारियन सरकार अर्थात सत्तावादी प्रशासन बता डाला।
In the Senate today, I urged members of the Government and the PM to condemn far-right nationalist politics and call out the administration of Prime Minister Narendra Modi of India. pic.twitter.com/keo5NS9GPj
— Mehreen Faruqi (@MehreenFaruqi) December 1, 2021
मोदी को यूँ खुलेआम सीनेट में बुरा बताने वाली इस सीनेटर की बात करें तो मेहरीन फारुकी का जन्म पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था, वही पाकिस्तान जो हाल ही में धार्मिक अल्पसंख्यकों हिन्दुओं और ईसाईयों पर अत्याचार के लिए चर्चा में था। पाकिस्तान में लगातार हिंदू मंदिरों को नष्ट करने और नाबालिग सिख, ईसाई और हिंदू लड़कियों के अपहरण की घटनाएँ नियमित तौर पर खबरों में होती हैं। हालाँकि, सीनेटर फारूकी ने पाकिस्तान में हो रहे इन अत्याचारों का कोई उल्लेख नहीं किया।
We can’t give a free pass to our PM cosying up to a nationalist authoritarian government.
— Mehreen Faruqi (@MehreenFaruqi) December 2, 2021
Modi’s administration has made India a more dangerous place for minorities. This has had serious impacts for the diaspora in Aus as well. It has to be called out.https://t.co/dBXVWY1pV9
They only support one religion only. And they blame everyone else for the biasness 😑
— Jyoti🚩🇮🇳 (@jyotirn32) December 2, 2021
in Sindh. Forced disapperance and genocide of Balochs. No infrastructure and food in Gilgit Baltistan.
— Manmeet Singh (@IndiaEkSoch) December 2, 2021
One day khalisthan will be in Pakistan frm guru nanakdevji birthplace lahore capital of maharaja ranjit singhji full north punjan was ruled by maharaja ranjit singhji if u try to creat trouble sikhs of india u knw how thy can easily take over remember Bangladesh 90000 surrendered
— Krishnamei (@Anju1951Purohit) December 2, 2021
Pakistani's forget their motherland once they could sniff a dual passport from kms away.
— Rohit Mundra (@RohitMu91645791) December 2, 2021
ऑस्ट्रेलिया में हिंदू समुदाय को बुरी तरह से निशाना बनाने वाली पहली ऑस्ट्रेलियाई ग्रीन पार्टी की नेता नहीं हैं। इस साल की शुरुआत में, एनएसडब्ल्यू के ग्रीन एमएलसी डेविड शूब्रिज ने भी हिंदूफोबिया को ग्रीन्स पार्टी का ट्रेडमार्क बना दिया था। जिस पर उन्हें ऑस्ट्रेलियाई हिंदू समुदाय से माफी माँगने के लिए भी कहा था।
वहीं अब सीनेटर फारूकी ने ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय हिंदू प्रवासियों पर हमला करते हुए इसे भारतीय राष्ट्रवाद पर हमले का नाम दे दिया। उन्होंने आगे हिन्दुओं के प्रति अपनी घृणा, हिंदूफोबिया को भारतीय पीएम मोदी की महज आलोचना में कहे शब्द बताकर खुद को पाक-साफ बताना चाहा। हालाँकि, ऑस्ट्रेलिया के हिन्दू समुदाय ने फारुखी को आड़े हाथों लिया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिडनी में एक हिंदू एक्टिविस्ट रवि सिंह धनखड़ ने फारुखी के बयान पर टिप्पणी करते हुए द ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया, “मेहरीन फारुकी उस विस्तृत ग्रीन्स योजना का हिस्सा हैं जो हिंदुओं और यहूदियों पर उनके ऐतिहासिक उत्पीड़न का विरोध करने से रोकने के लिए हमला करती है।”
फारूकी ने सीनेट में दिए अपने स्पीच में सिडनी में पिछले साल के अंत और इस साल की शुरुआत में घटी घटनाओं का भी जिक्र किया। जिसमें ऑस्ट्रेलिया में हिन्दू समुदाय को आतंकी संगठन बब्बर खालसा ने निशाना बनाया था। हालाँकि, फारुकी इसके लिए भी मोदी और हिन्दुओं को ही दोषी ठहराने की कोशिश की।
उन्होंने कहा, “इस साल, जब भारत में मोदी के कृषि कानूनों को लेकर जब विरोध तेज था, तब सिडनी के हैरिस पार्क में चार युवा सिख पुरुषों पर हमले सहित यहाँ समूहों के बीच हिंसा और तकरार की कई सार्वजनिक रूप से रिपोर्ट की गई घटनाएँ सामने आई हैं।” जबकि पूरा विश्व जानता है यह आधा सच है। जहाँ तीन खालिस्तानियों और एक हिन्दू के बीच हुई इस झड़प का मामला कोर्ट पहुँचा और एक्शन भी हुआ। वहीं फारुखी बड़ी चालाकी से इसका ठिकरा ऑस्ट्रेलियाई हिन्दू समुदाय पर फोड़कर खालिस्तानियों का बचाव कर रही थी।
Yesterday we wrapped up Parliament for the year. There have certainly been challenges, but I’m very proud of everything that myself and my Greens colleagues have achieved in the Senate. I’m looking forward to keeping up this fight in 2022. pic.twitter.com/lQ4u6Iy1dl
— Mehreen Faruqi (@MehreenFaruqi) December 3, 2021
I have to write here because she has used her options to reply her on that tweet.
— Shan🇮🇳 (@rakkanchat1) December 3, 2021
@ScottMorrisonMP @PearsonElaine @Matt_VanDyke
— V!V€I€ (@Vivekk303) December 2, 2021
Ms Senator,
Selective Blindness or Eye Wash technique?
Ms Concerned, Enlighten senate about #Afghanistan 🇦🇫 (Taliban) ppl of AfG plight!
Pakistan Attrocities on Minorities Christian's, Hindu's,Sikh & others!
Talk about #Balochistan pic.twitter.com/sbHAAkbH7v
I can understand your frustrations 🤣💪 pic.twitter.com/mOBOI4nrhg
— Aman (@Aman198923005) December 2, 2021
जिस पर वहीं की एक एकेडमिशियन सारा गेट्स ने आड़े हाथों लेते हुए द ऑस्ट्रेलिया टुडे को बताया, “सिडनी में जो हुआ उसका ऑस्ट्रेलियाई समाज में कोई स्थान नहीं है, लेकिन सीनेटर मेहरीन फारुकी ने जानबूझकर आधा सच बताना चुना। उन्होंने कहा, तीन सिख युवकों और एक हिंदू युवक को सड़क पर लड़ाई के लिए अदालत का सामना करना पड़ा, हालाँकि, फारूकी उस घटना के लिए पूरे हिंदू समुदाय को बदनाम कर रही हैं।”
ग्रीन सीनेटर मेहरीन फारुकी की घृणित राजनीति पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए, गेट्स ने कहा कि सड़कों पर हिंदू प्रवासियों पर हमले और उनके व्यवसायों को निशाना बनाना ग्रीन्स की विभाजनकारी और घृणित राजनीति का प्रत्यक्ष परिणाम है।
सारा ने कहा, “ऑस्ट्रेलियाई संघीय सरकार से उन संगठनों को ट्रैक करने का आग्रह किया जो हिंदुओं के प्रति नफरत फैलाने के लिए विदेशों में स्थित प्रतिष्ठानों से प्रेरणा, वित्त पोषण और मार्गदर्शन लेते हैं। साथ ही सारा ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा, “मैं राज्य और संघीय सरकारों और प्रधानमंत्री सहित लेबर और लिबरल पार्टी के सदस्यों से ग्रीन्स पार्टी के विभाजनकारी और घृणा से भरे एजेंडे के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का आह्वान करती हूँ।”
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