क्या आपको पता है कि 10 साल भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉक्टर मनमोहन सिंह देश-विदेश से मिले कई तोहफे अपने साथ ले गए थे? आइए, आपको पूरा माजरा बताते हैं। मई 2014 में इस सम्बन्ध में एक RTI दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि देश-विदेश से मिले जो तोहफे/पारितोषिक डॉक्टर मनमोहन सिंह अपने साथ ले गए, उसकी जानकारी दी जाए। साथ ही इस एक दशक में उनके द्वारा अर्जित की गई धनराशि (वेतन-भत्तों समेत) के सम्बन्ध में भी जानकारी माँगी गई थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने ‘सूचना के अधिकार’ के तहत दायर की गई RTI का जवाब देते हुए बताया था कि प्रधानमंत्री को केवल विदेशों से मिले तोहफों के बारे में ही जानकारी उपलब्ध है। साथ ही एक नियम का हवाला देते हुए बताया गया कि इन तोहफों के स्रोतों के नाम नहीं बताए जा सकते हैं, अर्थात ये किन देशों की सरकारों व हस्तियों से मिले। 30 जून, 2013 तक उन्हें विदेश से मिले गिफ्ट्स के सम्बन्ध में सूचनाएँ संकलित की गई थीं। इनमें जो प्रमुख हैं, उनके बारे में हम आपको बताते हैं।
फरवरी 2008 में उन्हें चाँदी से बनी नाव की एक प्रतिकृति मिली थी, जिसकी कीमत 8000 रुपए थी। 2008 के अगस्त और सितम्बर में मिली 5-5 हजार रुपए की कालीनें, जनवरी 2009 में मिली 9000 रुपए की एक कालीन, अगस्त 2009 5000 रुपए की एक क्लॉइजन चिलबो, सितम्बर 2009 में 4000 रुपए की एक पत्थर की आकृति, मई 2010 में 4000 रुपए की सुनहरे रंग की प्रतिमा, उसी महीने मिली 5000 रुपए के एक बगीचे और फूलों की तस्वीर और अप्रैल 2004 में चीनी-मिट्टी की वस्तुओं का 5000 रुपए का सेट शामिल है।
PM Modi donates 103 Cr worth Gift articles he received for public cause!
— Ethirajan Srinivasan 🇮🇳🚩 (@Ethirajans) September 4, 2020
Here is what former PM Manmohan Singh did! pic.twitter.com/68Xv6l9CnU
PM Modi sees the entire country has his Family&donates to the needy. His relatives are only interested to meet him once in a year that too if he wishes. Nor they expect anything from him in return. Whereas MMS takes away 101 gifts for his personal use. People saw the diff &voted
— Rajiv (@rajivswaminath) September 4, 2020
इन तोहफों में नवंबर 2012 में मिला एक कालीन भी शामिल है, जिसकी कीमत 30,000 रुपए थी। इसके अलावा जून 2011 में मिला 4000 रुपए का टी-सेट, मार्च 2012 में 5000 रुपए की माँ सरस्वती की तस्वीर, इसके अगले महीने मिला 5000 रुपए का सैमसंग का डिजिटल कैमरा, उसी साल जून में मिला 4500 रुपए का मोती का हार, इसके 3 महीने बाद मिला 4000 रुपए का फूलदान का जोड़ा और उसी महीने मिली इतने की ही एक कालीन, सितम्बर 2012 में मिला 4500 रुपए का एक डिनर सेट और जून 2013 में मिला 4800 रुपए का चीनी-मिट्टी का बना फूलदान का एक जोड़ा शामिल है।
जानकारी सामने आई थी कि बोस कंपनी के एक म्यूजिक सिस्टम से लेकर पागेट के एक लेडीज वॉच तक, डॉक्टर मनमोहन सिंह 101 खास विदेशी तोहफे अपने साथ ले गए। हालाँकि, इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारियाँ देने से PMO ने इनकार कर दिया था। बरेली के एक अधिवक्ता द्वारा दायर की गई RTI के जवाब में पता चला था कि ‘Foreign Contribution (Acceptance or Retention of Gifts or Presentations) Regulations 1978’ और ‘Foreign Contribution (Acceptance or Retention of Gifts or Presentations) Rules 2012’ के तहत उन्हें ये तोहफे अपने पास रखने की अनुमति है।
बोस का जो स्पीकर म्यूजिक साउंड सिस्टम प्रधानमंत्री रहते डॉक्टर मनमोहन सिंह को तोहफे में मिला था, उसकी कीमत 20,000 रुपए थी, जबकि पागेट लेडीज रिस्ट वॉच 35,000 रुपए का था। एक कालीन तो 30,000 रुपए का भी था। उन्हें मिले तोहफों की कीमत 300 रुपए से शुरू होक अधिकतम 35,000 रुपए थी। यूपीए के 10 वर्षों के दौरान जब कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी रिमोट कंट्रोल की सरकार चला रही थी, उस दौरान मनमोहन सिंह ही प्रधानमंत्री थे।
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