केजरीवाल को खालिस्तान समर्थक बताने पर राघव चड्ढा ने दी मीडिया को धमकी, क्यों?

कुमार विश्वास द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल पर अलगाववादी खालिस्तान का समर्थन करने का आरोप लगाए जाने के बाद पार्टी अब मीडिया को भी धमकाने लगी है। आप नेता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने धमकी दी है कि अगर कोई कुमार विश्वास के बयानों को छापता है या दिखाता है तो AAP उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेगी। इतना ही नहीं चड्ढा ने दावा किया है कि इस तरह के बयान अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने के लिए दिए गए हैं।

उन्होंने इस मुद्दे पर ट्वीट किया, “कुमार विश्वास फर्जी और मनगढ़ंत वीडियो के जरिए अरविंद केजरीवाल को बदनाम करने और उनका मजाक उड़ाने के लिए उक्त वीडियो प्रसारित/प्रकाशित कर रहे हैं।” आप नेता ने कहा कि कुमार विश्वास ने जो भी बयान दिए हैं वो सभी दुर्भावनापूर्ण, निराधार, मनगढ़ंत और भड़काऊ हैं। चड्ढा का कहना है कि विश्वास के बयान न केवल मानहानि वाले हैं, बल्कि इससे समाज में और विशेष रूप से आप के साथ-साथ समर्थकों में अशांति पैदा हो सकती है।

राघव ने मीडिया को धमकाते हुए ट्वीट किया, “अगर कोई चैनल इसे प्रकाशित/प्रसारित करता है या उसे प्रसारित करने के लिए मंच प्रदान करता है तो हमें कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर किया जाएगा, जिसमें उसे उकसाने/सहायता करने के अपराध शामिल होंगे।”

अब चर्चा यह हो रही है कि मीडिया को धमकाने की बजाए कुमार विश्वास पर क्यों नहीं केस किया जाता? कुमार पर केस करने से क्या आम आदमी पार्टी को काले चिट्ठे खुलने का डर है? खंडन करने की बजाए मीडिया को क्यों धमकाया जा रहा है? चांदनी चौक से आप विधायिका रही अलका लाम्बा ने भी काले चिट्ठे(एक ट्वीट में देखा जा सकता है) को खोला है। ट्विटर पर जो खालिस्तान संबंधों की बात हो रही है तो क्या अब ट्विटर पर भी कोई कानूनी कार्यवाही की जाएगी?

क्या है पूरा मामला

विश्वास ने अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तान अलगावादियों के सम​र्थन का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि एक बार केजरीवाल ने उनसे कहा था कि या तो वे पंजाब के मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर स्वतंत्र देश (खालिस्तान) के पहले प्रधानमंत्री बनेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में विश्वास ने खुलासा किया कि केजरीवाल ने उनसे कहा था, “उसने (केजरीवाल ने) मुझसे ऐसी भयानक बातें बोली हैं जो पंजाब में सभी को पता है। एक दिन जब मैंने उससे 2020 के जनमत संग्रह के बारे में बात की तो वो कहता है कि तू चिंता मत कर एक दिन मैं या तो स्वतंत्र सूबे का मुख्यमंत्री बनूँगा या फिर स्वतंत्र राष्ट्र (खालिस्तान) का पहला प्रधानमंत्री बनूँगा। जब मैंने बताया कि इस रेफरेंडम को आईएसआई से लेकर दुनिया भर के अलगाववादी तत्व फंडिंग कर रहे हैं तो उन्होंने मुझे चिंता नहीं करने को कहा।”
कुमार विश्वास ने आगे कहा, “ऐसे में एक ऐसा आदमी जिसे पिछले चुनाव में मैने ये सुझाव दिया था कि अलगाववादी तत्वों का समर्थन न लें, जो कि पिछले चुनाव में अलगाववादियों से मिला हुआ था। लेकिन, उसने कहा था कि नहीं-नहीं हो जाएगा चिंता मत करो। जब मैंने उससे पूछा कि वो कैसे करेगा तो उसने इसका फार्मूला भी बताया था कि भगवंत मान और फुलका को लड़वा दूँगा। आज भी वो उसी रास्ते में है। नहीं भी होगा तो सरकार को कंट्रोल करने के लिए कोई न कोई कठपुतली बैठा लेगा।”

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