शांतिदूतों ने एक हिन्दू द्वारा उनकी इस्लामिक किताबों को लिखी बात को सार्वजनिक रूप से क्यों कहा, केवल इस अपराध के आक्रोश में कन्हैया लाल की जघन्न हत्या कर दी। मुस्लिम नेताओं और संगठनों द्वारा इस हत्या का इसलिए विरोध किया जा रहा है कि इन कातिलों ने खतरों के खिलाडी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ऐसे ही अंजाम की धमकी दी है। यदि नहीं, फिर कमलेश तिवारी की हत्या के समय कितने मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया था? जबकि नुपूर शर्मा की उसी बात को विदेशी मौलाना ही सत्यापित कर रहे हैं। दिक्कत ये है कि नुपूर ने किसी इस्लामिक मीटिंग में कहने की बजाए टीवी पर तस्लीम रहमानी के उकसाने पर शिवलिंग का अपमान बर्दाश्त नहीं कर पाने पर कह दी। अगर नूपुर गुनहगार है तो उकसाने वाला भी कम गुनहगार नहीं। रहमानी ने कैसे समझ लिया कि हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक बनाओ, हिन्दू इस्लाम के खिलाफ तो बोलेगा नहीं। नूपुर ने जो कुछ भी बोला क्या उनकी इस्लामिक किताबों में नहीं लिखा? नूपुर की भांति ये मौलाना भी क्या पैगम्बर का अपमान कर रहा है? इस मौलाना की तरह हिंदुस्तानी मौलाना क्यों बोलने की हिम्मत कर पा रहे? क्या है उनकी मजबूरी?
राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल साहू की 28 जून 2022 को बर्बर तरीके से हत्या कर दी गई थी। मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ने टेलर शॉप में घुसकर उन्हें काट डाला था। हत्यारों ने घटना का खौफनाक वीडियो भी बनाया था। इस मामले में कन्हैया लाल के 20 वर्षीय बेटे ने जो FIR दर्ज कराई है, उससे भी कई हैरान करने वाले खुलासे होते हैं।Words of wisdom from a Maulvi in #Pakistan.
— Smita Prakash (@smitaprakash) June 17, 2022
Shukriya 🙏 Not one scholar in India spoke with such clarity. It requires guts and equanimity. #NupurSharma #TasleemRehmani pic.twitter.com/2JUQUZGuTx
इसके मुताबिक हमले से पहले उनसे इस्लामी हत्यारों ने कहा था कि तुमने हमारे नबी के खिलाफ लिखा इसलिए तुम्हें जीने का कोई अधिकार नहीं। तुम काफिर हिन्दुओं को हम अंजाम तक पहुँचाएँगे। न्यूज़ 18 के अनुसार दर्ज एफआईआर में कन्हैया लाल के बेटे के हवाले से कहा गया है, “ये 2 हत्यारे देश के लोगों में आतंक और तनाव फैलाने के साथ निर्मम हत्याएँ करने का एक गैंग चलाते हैं। इन्होने पूरी प्लानिंग के साथ मेरे पिता की हत्या कर दी। इसके बाद इन्होने बाकी लोगों को भी धमकी दी है।”
अपनी शिकायत में कन्हैयालाल के बेटे ने कहा गई, दिन में करीब 3:30 पर एक रिश्तेदार ने मुझे फोन कर बताया कि मेरे पिता की दुकान के अंदर 2 लोगों ने हत्या कर दी है। मैं पहुँचा तो देखा कि मेरे पिता की लाश दुकान के बाहर पड़ी है और आस-पास काफी खून बिखरा है। उनकी गर्दन पर गहरे घाव थे। साथ ही उनके हाथों और सिर पर भी वार किया गया था। मेरी दुकान के एक स्टाफ राजकुमार ने मुझे बताया कि 2 लोग कुर्ता सिलवाने दुकान में आए थे। कुछ देर बाद उन्होंने अपने कपड़ों में छिपे हथियार बाहर निकाल लिए और मेरे पिता पर धमकी देते हुए हमला कर दिया।”
FIR के मुताबिक दुकान में मौजूद 2 कर्मचारियों ने कन्हैयालाल को बचाने की कोशिश की थी। लेकिन उन दोनों पर भी हमला कर दिया गया। इस दौरान एक कर्मचारी ईश्वर गौर गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका इलाज चल रहा है। शिकायत में हत्यारों द्वारा शेयर किए गए वीडियो का भी जिक्र है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र को भी धमकी दी गई है।
अवलोकन करें:-
कन्हैया लाल का अंतिम संस्कार 29 जून को किया गया। इस दौरान जन सैलाब उमड़ पड़ा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनके शरीर पर घाव के 26 निशान थे। सभी घाव धारदार खंजर के थे। इसमें 8 से 10 घाव गर्दन के पास मिले। साथ ही हाथों, सिर व शरीर के कुछ अन्य हिस्सों पर भी वार किया गया था।
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