कहावत है कि 'आसमान पर थूका अपने ही ऊपर आता है' जो अजमेर की बहुचर्चित दरगाह के खादिमो और प्रबंधकों पर सटीक बैठ रही है। हिन्दू विरोध में नूपुर विरोध में हत्या और हिन्दू को आर्थिक रूप से उन्हें कमजोर करने उनकी दुकानों के बहिष्कार करने की बड़ी-बड़ी बातें करने अपनी शान समझ रहे थे, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया। अगर हिन्दुओं ने भविष्य में भी यही नीति अपनाई निश्चित रूप से मुस्लिम विद्वान अतीकुर रहमान की तरह ये ही सब बोलेंगे नूपुर ने वही कहा जो हमारी इस्लामिक किताबों में लिखा है। इतना ही नहीं, हिन्दुओं को यही नीति अन्य दरगाहों पर भी अपनाना होगा। दूसरों के धन के लालच में अपनी इस्लामिक किताबों को झुठलाकर खूनखराबा कर सच को दबाने की कोशिश कर मुसलमान और इस्लाम को बदनाम करने चले थे।
जहाँ पहले अजमेर की इन संकरी गलियों में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह पर आने वाले लोगों की भीड़ होती थी, अब लगातार नकारात्मक कारणों से सुर्ख़ियों में रहने के बाद वो स्थिति नहीं है। रेस्टॉरेंट्स और ट्रांसपोर्ट के कारोबारियों की बाकी दिन के मुकाबले मात्र 10% ही कमाई हो पाई। इतना ही नहीं, होटलों के लिए किए गए एडवांस बुकिंग्स भी लोग रद्द कर रहे हैं। खादिम ऐनुद्दीन चिश्ती का कहना है कि शहर की अर्थव्यवस्था उन 15-20 हजार लोगों पर टिकी है, जो रोज यहाँ आते थे।
अजमेर के खादिमों के भड़काऊ बयानों के बाद यहाँ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह पर आने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी देखी गई है। यहाँ तक कि शुक्रवार (8 जुलाई, 2022) को जुमा होने के बावजूद यहाँ सन्नाटा पसरा रहा। नूपुर शर्मा को लेकर दरगाह के 3 खादिम अब तक भड़काऊ बयान दे चुके हैं। उदयपुर में कन्हैया लाल का सिर कलम करने वाले जिहादियों से भी दरगाह के खादिमों के सम्बन्ध सामने आए हैं।
दरगाह बाजार, दिल्ली गेट, दिग्गी बाजार और खादिम मोहल्ला, कम्मानी गेट, अंदर कोटे सहित लखन कोटरी के होटल और गेस्ट हाउस भी रोज बड़ा नुकसान उठा रहे हैं, क्योंकि दरगाह के नमाजी नहीं आ रहे हैं। बड़ी संख्या में हिन्दू भी अजमेर शरीफ दरगाह पर आया करते थे, जिन्हें ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के इतिहास के बारे में नहीं पता। इन इलाकों में एक-एक घर ऐसे ही पर्यटकों से कमाता है। ‘टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI)’ ने अपनी खबर में ये जानकारी दी है।
हिन्दुओ को खुलेआम धमकी उसी दरगाह का चिस्ती दे रहा हैं जहाँ तुम टूरिस्ट बनके पैसे और चादर चढ़ाने जाते हो,अभी समय हैं संभल जाओ। pic.twitter.com/ZtqrgNPf75
Ajmer: Hate speeches by clerics hit devotee footfall to Sufi shrine https://t.co/MWpmi48hb5 pic.twitter.com/9DQYSgEeQV
— The Times Of India (@timesofindia) July 9, 2022
— Limited Liberal! (@dont_buck) July 9, 2022
ये हिnदुओं के दान पर पलने वाले हिnदुओं का इकोनोमिक बायकॉट करने चले थे !!!!!pic.twitter.com/Dqki4kRs3f
— दलीप पंचोली🇮🇳 (@DalipPancholi) July 9, 2022
Cause Hindus have been accepting, celebrating the others since inception.
— Aakansh Soni (@Aakansh_Soni) July 9, 2022
“I am proud to belong to a religion which has taught the world tolerance & universal acceptance.
We believe not only in universal toleration but we accept all religions as true.”
- Swami Vivekananda
(2/2)
अजमेर के चिश्तियों का सनातन-विरोधी जासूसी का इतिहास गजनी से लेकर मुगल तक रहा है। अब ये पाकिस्तान की जासूसी कर रहा है।
— जाति निरपेक्ष (@vsvm2) July 9, 2022
पर,अपनी उदारता की कीमत सनातनी चुकाते हैं। अब यह एकतरफा नहीं होना चाहिए।
दरगाह क्षेत्र में ‘जन्नत ग्रुप ऑफ होटल्स’ के मालिक रियाज खान ने कहा कि यहाँ आने वाले लोगों पर घृणास्पद बयानों से असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि देश में जो भी होता है, उसका अजमेर के बाजार पर बड़ा प्रभाव पड़ता है। हालाँकि, उदयपुर की घटना के बाद से ही लोगों ने बुकिंग्स रद्द करने शुरू कर दिए थे। ‘सोहन हलवा’ के लिए जाने जाने वाले ‘ख्वाजा गरीब नवाज स्वीट्स’ के मालिक शदभ सिद्दीकी ने कहा कि कमाई 90% घट गई है।
अवलोकन करें:-
अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती से कन्हैया लाल के हत्यारों मोहम्मद रियाज और मोहम्मद गौस के कनेक्शन सामने आए हैं। दोनों भाग कर अजमेर ही जा रहे थे। नूपुर शर्मा की गर्दन लाने वाले को अपना मकान देने का वादा करने वाले सलमान चिश्ती को भी गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद वायरल वीडियोज के आधार पर राजस्थान पुलिस पर उसे बचाने के आरोप लगे थे। दरगाह कमिटी के सचिव सरवर चिश्ती ने भी हिन्दुओं की कमाई खत्म करने और भारत को हिला देने की धमकी दी थी।
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