दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने एक बार फिर से दीपावली-छठ पर पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ये ऐलान किया। पिछले साल भी हिन्दुओं के विरोध के बावजूद दिल्ली की ‘आम आदमी पार्टी (AAP)’ सरकार ने दीपावली-छठ पर पटाखों को प्रतिबंधित कर दिया था। दीपावली के दिन रात में गश्त करते हुए दिल्ली पुलिस पटाखे उड़ाने वालों को गिरफ्तार भी करती है।
मंत्री गोपाल राय ने ऐलान किया, “दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए पिछले साल की तरह ही इस बार भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया जा रहा है, ताकि लोगों की जिंदगी बचाई जा सके। इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री/डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा। प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, DPCC और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।”
इस बार दिल्ली में पटाखों की ऑनलाइन बिक्री / डिलीवरी पर भी प्रतिबंध रहेगा। यह प्रतिबंध 1 जनवरी 2023 तक लागू रहेगा।
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) September 7, 2022
प्रतिबंध को कड़ाई से लागू करने को लेकर दिल्ली पुलिस, DPCC और राजस्व विभाग के साथ मिलकर कार्य योजना बनाई जाएगी।
hindu ke dushman kejriwal aur gopal rai punjab main tumhari sakar hai parali burning pe ban lagao ... Hindu tyohar se itani dushmani kyo... scientist ne bhee bola crackers se koi pollution nahi hota
— Sandeep Gandotra🇮🇳 (@sandeepg1979) September 7, 2022
और पंजाब में पराली जलाने से रोकने पे अंधे हो जाते है क्या ? तेहवार 4से 5 दिन का होता है और पराली जलाना महीनो तक ।
— Jatin (@Jatinshah18172) September 7, 2022
तो अब क्या करेगें नसीम साहब ? पराली पे ज्ञान देंगें मिनिस्टर गोपू जी को ?
कुछ लोगों ने दिल्ली सरकार को याद दिलाया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण का कारण मुख्यतः खेतों में पराली का जलाया जाना है, लेकिन उसका न कोई समाधान निकाला जाता है और न ही कोई कार्रवाई की जाती है। वहीं कुछ लोगों ने पूछा कि अब इसके विज्ञापनों पर कितना खर्च किया जाएगा? किसी ने सवाल किया कि दिल्ली में ईद-बकरीद पर पशुओं की हत्या या फिर अवैध बूचड़खानों पर बैन क्यों नहीं लगाया जाता है?
पूर्व मंत्री एवं भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि कोर्ट में साबित हो गया है कि पटाखे प्रदूषण का स्रोत नहीं हैं, और ये चीज वैज्ञानिक रिपोर्ट्स में भी आ चुकी है, लेकिन जब केजरीवाल सरकार दिल्ली में प्रदूषण रोकने में फेल हो गयी तो सिर्फ पटाखों को बैन करके दिखावा क्यों? उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता ये बैन नहीं मानेगी। लोगों ने दिल्ली सरकार के फैसले को मुस्लिम तुष्टिकरण से जोड़ कर देखना शुरू कर दिया है।
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