बंगाल में हो रही हिन्दू विरोधी हिंसा पर संविधान की दुहाई देने वाले, गंगा-जमुनी तहजीब के ठोंगी नारे लगाने वाले किस बिल में घुसकर बैठे हैं या फिर उनके घरों में कोई मातम हो रहा है?
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की हिन्दू विरोधी मानसिकता के कारण जिहादियों के हौसले बलुंद है। उनके सामने पुलिस भी बेबस नजर आ रही है। मोमिनपुर इलाके में मिलाद-उन-नबी और शरद पूर्णिमा(अक्टूबर 9) के मौके पर बीती रात सांप्रदायिक तनाव फैल गया। इसके बाद जमकर हिंसा व तोड़फोड़ हुई। कई वाहनों व दुकानों को तोड़ा गया। इस दौरान घरों और वाहनों पर पेट्रोल बम भी फेंके गए। इससे पूरे इलाके में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। वहीं बढ़ते सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर केंद्रीय बल तैनात करने की मांग की है।
The Kolkata Files. pic.twitter.com/ONkQUJMO8e
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) October 10, 2022
— narure (@narure7) October 10, 2022
मिलाद-उन-नबी के मौके पर झंडा लगाने को लेकर विवाद
बताया जा रहा है कि मोमिनपुर में मिलाद-उन-नबी के मौके पर झंडा लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घर व दुकानों पर इस्लामी झंडे लगा दिए थे, जिन्हें कथिततौर पर हिंदुओं ने हटा दिया। इसके बाद रविवार को बात काफी आगे बढ़ गई। कई गाड़ियों में तोड़फोड़, पथराव और बम फेंकने की घटनाएं सामने आईं। हजारों मुस्लिमों की भीड़ ने हिन्दुओं के घरों और दुकानों पर हमला किया। पेट्रोल बम फेंके गए, गाड़ियों में आग लगाई गई। देर रात एकबालपुर पुलिस थाने का घेराव कर लिया गया, जहां भारी संख्या में पुलिस बलों को तैनात किया गया है। मौके पर आरएएफ तैनात है।
— Dharmendra Rai (@Dharmen50285145) October 9, 2022
हिन्दुओं के घरों और दुकानों को बनाया निशाना
सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं के घरों और दुकानों को घेर लिया। ऊंचे मकानों से हिन्दुओं के घरों पर पत्थर बरसा रहे थे। बार-बार पुलिस को बुलाए जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। हिंसा पर उतारू भीड़ ने एकबालपुर थाने में भी उपद्रव मचा रखा था। उपद्रवी वहां इस्लामी झंडों के साथ घुस गए थे और पुलिस मुकदर्शक बनी हुई थी। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें घटना के बारे में बताया जा रहा है, कैसे उपद्रवी हिंसा को अंजाम दे रहे हैं।
A thread on #HindusUnderAttack by peacefuls in West Bengal.
— Kreately.in (@KreatelyMedia) October 10, 2022
1. pic.twitter.com/jXEISzc32Q
पश्चिम बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश बनाने की साजिश- मजूमदार
ममता सरकार और पुलिस की चुप्पी से तनाव बढ़ता जा रहा है। फिलहाल पुलिस ने हिंसा वाले इलाके में धारा-144 लगा दिया है। वहीं बंगाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार पार्टी के नेताओं के साथ पीड़ितों से मिलने के लिए मोमिनपुर जा रहे थे। इस दौरान चिंगरीघाटा में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, राज्य सचिव उमेश राय और बीजेपी नेता आरके हांडा को कोलकाता के लालबाजार सेंट्रल लॉक-अप में हिरासत में लिया गया। सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल को पश्चिम बांग्लादेश बनाने की साजिश रची जा रही है। मयूरभंज इलाके में अनुसूचित जाति के लोगों को हटाकर एक विशेष समुदाय के लोगों को बसाने की साजिश चल रही है। जैसा कभी केरल में होता था।
BJP state president Sukanta Majumdar, State Secretary Umesh Rai and BJP leader RK Handa detained at Lalbazar Central Lock-up, Kolkata
— ANI (@ANI) October 10, 2022
Sukanta Majumdar was detained by the police at Chingrighata on his way to Mominpur pic.twitter.com/MSHvA04OKt
कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग
इस बीच बीजेपी विधायक और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने राज्यपाल ला गणेशन और गृह मंत्री को पत्र लिखकर मोमिनपुर की घटना का विरोध किया है। उधर, वकील और बीजेपी नेता प्रियंका टिबरेवाल ने मोमिनपुर मामले में कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। साथ बढ़ते तनाव और हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की गई है। टिबरेवाल ने पुलिस पर एकबालपुर में हिंसा रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया गया है।
PIL filed in Calcutta High Court seeking immediate deployment of Central Forces in Kolkata after city police unable to prevent and stop violence in Ekbalpur. pic.twitter.com/Y0CyZDwIIw
— ANI (@ANI) October 10, 2022
राज्यपाल को पत्र लिखाकर तत्काल कार्रवाई की मांग
इससे पहले बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने घटना को लेकर राज्यपाल को पत्र लिखा है और तत्काल कार्रवाई की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने गृह मंत्रालय से केंद्रीय बल तैनात करने का आग्रह किया है। उन्होंने ने ट्वीट कर कहा, ‘इससे पहले कि बंगाल में कानून-व्यवस्था हाथ से बाहर हो जाए, मैंने माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्यपाल ला गणेसन जी को पत्र लिखकर मोमिनपुर हिंसा और एकबालपुर पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ के मद्देनजर केंद्रीय बलों को तैनात करने का अनुरोध किया है।’
I have written to Hon'ble Union Home Minister Shri @AmitShah Ji & Hon'ble Governor Shri La Ganesan Ji requesting them to urgently deploy Central Forces in the wake of Mominpur violence & ransacking of Ekbalpur Police Station before the Law & Order situation of WB gets out of hand pic.twitter.com/yr3lB1MaJB
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) October 9, 2022
एकबलपुर पुलिस थाना पर गुंडों का कब्जा, थाना छोड़कर भागी पुलिस
एक अन्य ट्वीट में सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार और पुलिस पर हमला करते लिखा कि एकबलपुर पुलिस थाना को गुंडों ने कब्जा कर लिया है। ममता की पुलिस ने डर की वजह से फिलहाल थाने को छोड़ दिया है। उन्होंने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर पर अपनी ड्यूटी नहीं निभाने का आरोप लगाया। उन्होंने पुलिस की निष्क्रियता को देखते हुए सीएपीएफ (केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल) की तैनाती की मांग की।
Ekbalpur Police Station seems to be captured by hooligans.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) October 9, 2022
Mamata Police have abandoned the Station for the time being, out of fear. @chief_west if @CPKolkata is not up to the task, please seek CAPF (Central Armed Police Forces) deployment.@HMOIndia kindly intervene 🙏 pic.twitter.com/3RbaCVDoLz
Sat Shree Akal
— Subhendu Deb (@SubhenduDeb) October 9, 2022
ममता पर कोई कार्रवाई नहीं करने और खुली छूट देने का आरोप
उधर बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने हिंसा को लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने दो ट्वीट कर कहा कि मोमिनपुर में अपना त्योहार मनाते हुए आज एक शांतिपूर्ण समुदाय की ओर से हिंदुओं की बाइक और दुकानों में तोड़फोड़ की गई। हमेशा की तरह मुख्यमंत्री उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और उन्हें खुली छूट दे रही हैं। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, कोलकाता पोर्ट के मयूरभंज में हिंदू पलायन कर रहे हैं, उनके घरों पर हमले हो रहे हैं। पुलिस चुपचाप देख रही है। कानून व्यवस्था नहीं है। स्थिति गंभीर है।’
Bikes and shops of Hindus vandalised by peaceful community today as they celebrate their festival at Maila Depot, Mominpore. As usual, CM isn’t talking any action against them and giving them free hand. pic.twitter.com/GJ7N2EHhpl
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) October 9, 2022
अनुशासन में रहने के लिए फटकार लगाने पर शिक्षका का अपमान
इससे पहले जिहादियों ने एक स्कूल शिक्षका का अपमान किया था। एक स्कूल में एक शिक्षिका ने एक मुस्लिम छात्रा को अनुशासन में रहने के लिए फटकार लगाई थी। जब यह बात उसने परिजनों को पता चली तो जिहादी मानसिकता वाले लोगों की भीड़ स्कूल पहुंच गई और शिक्षिका के साथ मारपीट करने के साथ उसके कपड़े तक फाड़ डाले गए। इससे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ऊपर भी सवाल उठे हैं कि मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति से ही जिहादी मानसिकता वाले लोगों का मनोबल बढ़ा हुआ वर्ना वो इस तरह स्कूल पहुंच कर अराजक स्थिति पैदा करने की हिम्मत नहीं कर पाते।
Chaitali Chaki, a teacher of Trimohini Pratapchandra High School of Hili, South Dinajpur allegedly scolded a student, Jarnatun Khatun, by holding her ear for roaming around during class. After that, guardians of student attacked school & reportedly physically abused the teacher. pic.twitter.com/MyGamS97rp
— Prasun Maitra(প্রসূন মৈত্র) (@prasunmaitra) July 24, 2022
Pathetic part is, even after 48 hours since the barbaric attack took place, @WBPolice is yet to nab a single accused while BDO is, reportedly, trying to resolve it through discussion. Absolute anarchy is looming large all over WB as Muslim accused are holy cow for @MamataOfficial
— Prasun Maitra(প্রসূন মৈত্র) (@prasunmaitra) July 24, 2022
शिक्षक के साथ ऐसा व्यवहार, जिसने पूरे समाज को किया शर्मसार
शिक्षक को समाज में हमेशा से सर्वोत्तम दर्जा दिया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल में हिजाबी सोच वाले लोगों ने शिक्षक के साथ ऐसा व्यवहार किया जिसने पूरे समाज को शर्मसार कर दिया। इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है जिसे देखकर हर कोई हैरान है। एक शिक्षिका को अभिभावकों ने लोगों के साथ स्कूल में घुसकर जमकर मारा, यहां तक कि सरेआम उसके कपड़े तक उतार दिए।
मुस्लिम समुदाय के लोगों का टीचर पर हमला
पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में बच्ची को डांटने पर एक महिला टीचर को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने निर्वस्त्र कर पीटा। गुस्साए लोग स्कूल में घुस गये और पीटना शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा किया। टना हिली थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी प्रताप चंद्र हाइस्कूल की है। यहां छात्रा कक्षा 9 में पढ़ती है। स्कूल में टीचर ने बच्ची को किसी बात पर डांट दिया था। अगले दिन छात्रा के घर वाले अपने कुछ साथियों के साथ स्कूल में घुस गये। टीचर से अभद्रता की। विरोध करने पर महिला को निर्वस्त्र कर दिया और जमकर पीटा। शिकायत पर एक्शन लिया गया है। पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है, जबकि 4 लोगों को गिरफ्तार किया है।
हिंदू विरोधी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की आस्था पर प्रहार जारी हैं। ममता राज में राज्य में हिंदू देवी-देवताओं का नाम लेना अपराध बन गया है। बंगाल में हिन्दुओं को न तो मंदिरों में पूजा करने की आजादी है और न ही सार्वजनिक रूप से जय श्री राम बोलने की। अब ताजा मामले में पश्चिम बंगाल में एक पंचायत ग्राम कमेटी ने तुगलकी फरमान जारी कर घरों में श्राद्ध या शादी से पहले अनुमति लेनी जरूरी कर दी है।
हिंदू विरोधी ममता बनर्जी की तानाशाही पर एक नजर-
श्राद्ध हो या शादी पहले लेनी होगी समिति की अनुमति
पूर्वी मेदिनीपुर जिले के महिषादल ब्लॉक में तृणमूल कांग्रेस नियंत्रित चकदबारीबेरा ग्राम कमेटी ने 12-सूत्री फरमान जारी कर कहा है कि शादी या श्राद्ध तक किसी भी कार्यक्रम करने से पहले ग्राम पंचायत कमेटी की मंजूरी लेनी होगी। इसका पालन नहीं करने पर जुर्माने की बात कही गई है। इस ग्राम कमेटी पर 2019 से ही तृणमूल कांग्रेस का कब्जा है। कमेटी की ओर से जारी इस 12 सूत्री फरमान के लिफलेट घर-घर जाकर बांटे गए हैं। वैसे लिफलेट में कहीं भी सभापति या सचिव के नाम का नहीं है। दैनिक जागरण की खबर के अनुसार बीजेपी की तरफ से इसकी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व संबंधित सरकारी विभागों के पदाधिकारियों से शिकायत की गई है।राम नाम मास्क बांटने पर बीजेपी नेता गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल के हुगली में जय श्रीराम मास्क बांटना ममता बनर्जी की पुलिस को रास नहीं आया। पुलिस मास्क बांटने वाले बीजेपी नेताओं को पकड़कर ले गई। हुगली के सेरामपुर में बीजेपी नेता अमनिश अय्यर लोगों को ‘जय श्रीराम’ लिखा मास्क बांट रहे थे। इसी दौरान पुलिस वहां पहुंची और बीजेपी नेता को गिरफ्तार करके ले गई। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने विरोध जताते हुए जमकर जय श्रीराम के नारे लगाए। बीजेपी ने मास्क बांटने पर पार्टी नेता को गिरफ्तार करने को पूर्ण तानाशाही करार दिया है।
Absolute Dictatorship!
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) February 10, 2021
BJP worker arrested by Serampore, Hooghly police. His ‘grave crime’ was that he dared to wear & distribute “Jai Shri Ram” masks.
This is Pishi’s Bengal where Democracy has died a thousand deaths! pic.twitter.com/k4OzZNW5Aa
भगवा टीशर्ट पहनने और जय श्रीराम बोलने से रोका
इसके पहले 7 फरवरी, 2021 को भगवा टीशर्ट पहनने और जय श्रीराम बोलने वालों को धमकाया गया। कोलकाता के इको पार्क में पुलिस के एक अधिकारी ने लोगों से साफ कहा कि आप लोग यहां जय श्री राम का नारा नहीं लगा सकते हैं।
पार्टी नेता ने जय श्रीराम बोलने वालों को धमकाया
हाल ही में उनकी पार्टी के एक नेता ने जय श्रीराम बोलने वालों को धमकाया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के एक नेता ने लोगों को धमकाते हुए कहा कि अगर बंगाल में रहना चाहते हो तो यहां ‘जय श्री राम’ के नारे नहीं लगा सकते। वीडियो में किसी सभा को संबोधित करते हुए टीएमसी नेता ने बंगाली में कहा कि राज्य में जय श्री राम बोलने की अनुमति नहीं है। यहां इन सब चीजों की अनुमति नहीं दी जाएगी। जो लोग इसका जाप करना चाहते हैं वे मोदी के राज्य गुजरात में जाकर ये कर सकते हैं।
Are we in Pakistan?
— Manish Sharma (@manish_sharmaaa) February 7, 2021
Is there any democracy left in Bengal?
Sad to see that the public of Bengal can't say "Jai Shri Ram" nor they can wear "bhagwa" t-shirt in bengal.
We DO NOT want this bengal🙏@TajinderBagga @KapilMishra_IND @TheShaktiSpeaks @KailashOnline @MenonArvindBJP pic.twitter.com/Y1Tra2xPkG
राम के नाम से नफरत कई बार हो चुकी है जाहिर
ममता बनर्जी कई बार हिंदू धर्म और भगवान राम के प्रति अपनी असहिष्णुता जाहिर करती रही हैं। हालांकि कई बार कोर्ट ने उनकी इस कुत्सित कोशिश को सफल नहीं होने दिया। वर्ष 2017 में जब लेक टाउन रामनवमी पूजा समिति’ ने 22 मार्च को रामनवमी पूजा की अनुमति के लिए आवेदन दिया तो राज्य सरकार के दबाव में नगरपालिका ने पूजा की अनुमति नहीं दी थी। इसके बाद जब समिति ने कानून का दरवाजा खटखटाया तो कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूजा शुरू करने की अनुमति देने का आदेश दिया।
बंगाल सरकार ने पाठ्यक्रम में रामधनु को कर दिया रंगधनु
भगवान राम के प्रति ममता बनर्जी की घृणा का अंदाजा इस बात से भी जाहिर हो गई, जब तीसरी क्लास में पढ़ाई जाने वाली किताब ‘अमादेर पोरिबेस’ (हमारा परिवेश) ‘रामधनु’ (इंद्रधनुष) का नाम बदल कर ‘रंगधनु’ कर दिया गया। साथ ही ब्लू का मतलब आसमानी रंग बताया गया है। दरअसल साहित्यकार राजशेखर बसु ने सबसे पहले ‘रामधनु’ का प्रयोग किया था, लेकिन मुस्लिमों को खुश करने के लिए किताब में इसका नाम ‘रामधनु’ से बदलकर ‘रंगधनु’ कर दिया गया।
मुर्शिदाबाद में काली मां की मूर्ति जला डाला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम तुष्टिकरण और वोटबैंक को लेकर इतनी अंधी हो चुकी है कि राज्य में हिन्दू विरोधी हरकतों पर कुछ भी एक्शन नहीं लेती हैं। कभी मंदिर में पूजा करने पर पिटाई की जाती है तो कभी हिन्दुओं के घर और मंदिर जला दिए जाते हैं। कभी रामनवमी और दुर्गापूजा पर तो कभी सरस्वती पूजा पर रोक लगा दी जाती है। इससे राज्य को मुसलमानों का हौसला बुलंद है और जब भी मौका मिलता है हिंदुओं को प्रताड़ित करते रहते हैं। हाल ही में 1 सितंबर, 2020 को मुर्शिदाबाद के एक मंदिर में काली मां की मूर्ति जला दिया गया। बीजेपी सांसद अर्जुन सिंह ने एक ट्वीट कर आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद इलाके के एक मंदिर पर हमला कर मां काली की मूर्ति जला दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि दीदी की राजनीति का जिहादी स्वरूप अब हिंदू धर्म और संस्कृति को नष्ट करने पर तुला हुआ है।
The jihadi nature of Didi's politics is now hell bent on destroying Hindu religion and culture.
— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) September 1, 2020
See how one religious group has attacked and destroyed a temple and burned the idol of Maa Kali in Murshidabad area of West Bengal.
Shameful. pic.twitter.com/lTnyiV9ctV
Care to do some due diligence from far.https://t.co/prCymQSRCa
— Hindustani (@highmettle) September 2, 2020
मंदिर में पूजा करने पर पुलिस ने की पिटाई
ममता राज में तो हिन्दुओं को मंदिरों में भी पूजा करने की आजादी नहीं है। 5 अगस्त, 2020 को जब पूरे विश्व के हिन्दू अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को लेकर उत्साहित थे। वहीं पश्चिम बंगाल की पुलिस लॉकडाउन के बहाने हिन्दुओं पर जुल्म ढा रही थी। मंदिर में पूजा कर रहे लोगों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं और सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया।
खड़गपुर में स्थानीय लोग राम मंदिर शिलान्यास के उत्सव में मंदिर में पूजा कर रहे थे। लेकिन ममता की पुलिस को यह बर्दाश्त नहीं हुआ। इससे सार्वजनिक व्यावस्था और लॉकडाउन का उल्लंघन नहीं हो रहा था। फिर भी शांतिपूर्वक पूजा कर रहे लोगों को पुलिस ने घसिटकर मंदिर से बाहर निकाला। लोग पुलिस से पूजा करने का आग्रह करते रहे, लेकिन पुलिस ने उन्हें पूजा करने की अनुमति नहीं दी।
बीजेपी कार्यकर्ता ने नारायणपुर इलाके में ‘यज्ञ’ आयोजित करने का प्रयास किया लेकिन ममता के गुंडों ने उन्हें रोक दिया। हिन्दुओं और ममता के गुंडों के बीच झड़प हो गई। जिसके बाद पुलिस ने लोगों को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया। जिसमें कई लोगों को चोटें आईं। उधर खड़गपुर में श्री राम मंदिर के लिए पूजा का आयोजन किया गया था। लेकिन ममता बनर्जी की पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, महिलाओं को भी नहीं छोड़ा।
तेलिनीपाड़ा में जला दिए गए हिन्दुओं के घर और मंदिर
राज्य के हुगली जिले के चंदर नगर के तेलिनीपाड़ा में मई, 2020 के महीने में कई दिनों तक हिंदुओं के खिलाफ खुलकर हिंसा हुई। हिंदुओं के घर जलाए गए। जिले के तेलिनीपाड़ा के तांतीपारा, महात्मा गांधी स्कूल के पास शगुनबागान और फैज स्कूल के पास जमकर हिंसा, आगजनी और लूटपाट की गई। प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। मालदा के शीतला माता मंदिर में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई।
बंगाल के हुगली जिले के तेलिनीपाड़ा का वीडियो।
— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) May 12, 2020
बंगाल की गलियों में लोग तलवार लेकर और अल्लाहु अकबर का नारा लगाकर निकल आये हैं। हिंदुओं के रामनवमी पर तलवार निकालने पर मनाही और लोगों का कत्लेआम करने पर सिर्फ निन्दा? @BJP4Bengal @KailashOnline @shivprakashbjp @DilipGhoshBJP @me_locket pic.twitter.com/nygDf23wfJ
पुस्तक मेले में हनुमान चालीसा के वितरण पर लगाया प्रतिबंध
पश्चिम बंगाल में ममता की पुलिस ने कोलकाता में 44वें अंतरराष्ट्रीय पुस्तक मेले में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा बांटी जा रही हनुमान चालीसा की पुस्तकों पर रोक लगा दी। पुलिस ने बताया कि हनुमान चालीसा के वितरण से शहर में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती है और पुस्तक मेले में आने वाले लोग भावनाओं में बह सकते हैं।
विहिप के अधिकारियों ने पुलिस के इस कार्रवाई का विरोध किया। साथ ही पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब मेले में कुरान और बाइबिल की पुस्तकें बांटी जा सकती हैं तो हनुमान चालीसा की क्यों नहीं? बढ़ते विरोध को देखते हुए कोलकाता पुलिस बैकफुट पर आ गई और हनुमान चालीसा के वितरण से रोक को हटा लिया। विहिप ने कहा कि हनुमान चालीसा धार्मिक पुस्तक है और इसमें किसी भी तरह की आपत्तिपूर्ण सामग्री नहीं है। लेकिन ममता राज में हिंदुओं की धार्मिक पुस्तक का विरोध किया जा रहा है
स्कूली बच्चों को धर्म के नाम पर बांटा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों गंभीर हताशा और निराशा में हैं। लोकसभा चुनाव में मुंह की खाने के बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में भी भयानक हार पहले से ही दिखाई देने लगी है। यही वजह है कि ममता बनर्जी अपना वोट बैंक बचाने के लिए जोरशोर से मुस्लिम तुष्टिकरण में जुट गई हैं।
ममता बनर्जी ने राजनीतिक निर्लज्जता की सभी सीमाओं को पार करते हुए स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को भी मजहब के नाम पर बांट दिया। ममता बनर्जी की सरकार ने राज्य के स्कूलों को निर्देश दिया कि वे मुस्लिम स्टूडेंट्स के लिए अलग से मिड-डे मील हॉल रिजर्व करें। यह आदेश राज्य के उन सरकारी स्कूलों पर लागू होगा जहां पर 70 प्रतिशत या उससे ज्यादा मुस्लिम छात्र हैं। राज्य अल्पसंख्यक और मदरसा शिक्षा विभाग की ओर उन सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों का नाम मांगा, जहां पर 70 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम बच्चे पढ़ते हैं। इन सरकारी स्कूलों में अल्पसंख्यक बच्चों के लिए अलग से मिड-डे मील डायनिंग हॉल बनाया जाएगा।
मुस्लिम प्रेम और हिंदू विरोध में देवताओं को बांटने पर तुली ममता बनर्जी
हिंदुओं के धार्मिक रीति-रिवाज, पूजा-पद्धति और पर्व-त्योहार पर लगाम लगाने के बाद ममता बनर्जी हिंदू देवी-देवताओं को बांटने में भी लग गई। हिंदुओं को बांटने के लिए ममता बनर्जी ने कहा कि हम दुर्गा की पूजा करते हैं, राम की पूजा क्यों करें? झरगाम की एक सभा में ममता ने कहा कि, ‘बीजेपी राम मंदिर बनाने की बात करती है, वे राम की नहीं रावण की पूजा करती है। लेकिन हमारे पास हमारी अपनी देवी दुर्गा है। हम मां काली और गणपति की पूजा करते हैं। हम राम की पूजा नहीं करते।
सनातन संस्कृति में शस्त्रों का विशेष महत्त्व है। अलग-अलग पर्व त्योहारों पर धार्मिक यात्राओं में तलवार, गदा लेकर चलने की परंपरा रही है, लेकिन ममता बनर्जी ने धार्मिक यात्राओं और शस्त्र को भी साम्प्रदायिक और सेक्युलर करार दिया। गौरतलब है कि जब यही शस्त्र प्रदर्शन मोहर्रम के जुलूस में निकलते हैं तो सेक्युलर होते हैं, लेकिन रामनवमी में निकलते ही साम्प्रदायिक हो जाते हैं।
हिंदुओं के हर पर्व के साथ भेदभाव करती हैं ममता बनर्जी
ऐसा नहीं है कि ये पहली बार हुआ कि ममता बनर्जी ने हिंदुओं के साथ भेदभाव किया। कई ऐसे मौके आए हैं जब उन्होंने अपना मुस्लिम प्रेम जाहिर किया है और हिंदुओं के साथ भेदभाव किया है। सितंबर, 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट की इस टिप्पणी से ममता बनर्जी का हिंदुओं से नफरत जाहिर होता है। कोर्ट ने तब कहा था, ”आप दो समुदायों के बीच दरार पैदा क्यों कर रहे हैं। दुर्गा पूजन और मुहर्रम को लेकर राज्य में कभी ऐसी स्थिति नहीं बनी है। उन्हें साथ रहने दीजिए।”




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