क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने दशहरा की बधाई देकर इस्लामिक कट्टरपंथियों को कर दिया बेनकाब

                                                                                                   साभार: आईनेक्स्ट एवं सोशल मीडिया
बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक दशहरा का पवित्र त्योहार आज देश भर में पूरे धूमधाम और जोश-खरोश के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर क्रिकेटर मोहम्मद शामी ने भी देशवासियों को दशहरा की बधाई दी। हालाँकि, शामी का यह बधाई संदेश कट्टरपंथियों को रास नहीं आया और वे उन्हें ट्रोल करने लगे।

टीवी पर बैठकर गंगा-जमुनी तहजीब, संविधान की दुहाई देने वाले क्रिकेटर शमी के विरुद्ध बन रहे माहौल पर क्यों चुप्पी साधे हुए हैं? कहां गया हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा? हकीकत यह है कि जब किसी मुद्दे पर ये लोग फंस जाते हैं, तब इन भ्रमित नारों से अपना बचाव करते नज़र आते हैं। वास्तव में शमी ने दशहरे की बधाई देकर इन सभी मुस्लिम कट्टरपंथियों को बेनकाब कर यह भी साबित कर दिया कि इन लोगों द्वारा इस तरह नारे केवल एक पाखंड है। और हिन्दू इनके इन पाखंडों में फंस अपना ही नुकसान कर रहे हैं। इतना ही नहीं, ये लोग समस्त मुस्लिम समाज को भी बदनाम कर रहे हैं। 

मोहम्मद शामी ने बुधवार (5 अक्टूबर 2022) को सोशल मीडिया पर भगवान राम द्वारा रावण का वध करते हुए एक तस्वीर डाला, जिस पर लिखा था हैप्पी दशहरा। तस्वीर के साथ ही उन्होंने ट्वीट किया, “दशहरे के शुभ अवसर पर मैं प्रार्थना करता हूँ कि भगवान राम आपके जीवन को ढेर सारी समृद्धि, सफलता और खुशियों से भर दें। आपको और आपके परिवार को दशहरा की हार्दिक शुभकामनाएँ।”

मोहम्मद शामी द्वारा दशहरा की बधाई देते ही कट्टरपंथी उन पर पिल पड़े। उन्होंने शामी को ट्रोल करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, कई कट्टरपंथी तो उन्हें इस्लाम समझाने लगे और मुस्लिम होने के गुण बताने लगे। अकील भट्टी नाम के एक ट्वीटर हैंडल ने लिखा, “शर्म आनी चाहिए शमी। क्या तुम मुस्लिम हो?”

एक ट्विटर यूजर ने तो हद कर दी। इब्न ए अहमद नाम के ट्विटर हैंडल ने शमी द्वारा दशहरा की बधाई देने पर कटाक्ष करते हुए लिखा, “टीम में नहीं लेंगे भाई।” बता दें कि मोहम्मद शमी लंबे समय से भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा नहीं हैं।

हसन मंजूर नाम के एक ट्विटर हैंडल ने लिखा, “ये जानते हुए कि अल्लाह के सिवा कोई खुदा नहीं है, एक मुस्लिम होने के नाते आप ऐसा कैसे कह सकते हैं?”

अमन मिर्जा ना के एक अन्य ट्विटर हैंडल ने लिखा, “मरने के बाद दोबारा उठाया भी जाना है। कब्र-कयामत सब भूल बैठे हैं। अल्लाह हिदायत दे।”

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