श्रद्धा वालकर मामले में एक-एक करके खुलासे हो रहे हैं। पुलिस को अब पता चला है कि आरोपी आफताब ने सनसनीखेज अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के बारे में इंटरनेट पर खोज की थी, जिसने 2010 में देहरादून को हिला कर रख दिया था। वैसे नैना साहनी तंदूर कांड ने भी देश को झंझोर दिया था।
नवंबर 17, 2022 को पुलिस द्वारा नार्को टेस्ट की मांग मांगने पर जब मजिस्ट्रेट द्वारा आफताब से इस टेस्ट की जानकारी के बारे में पूछने पर कहना 'हाँ जानता हूँ', जो साबित करता है कि आफताब ने किसी अनजाने, पागलपन या आवेश में किया है, बल्कि बहुत ही सुनियोजित तरीके से घिनौने काम को अंजाम दिया। टीवी चर्चाओं कानून विशेषज्ञों ने लाश को धोने के कारणों पर प्रकाश
इस घिनौने प्रकरण के चलते देश को छद्दम धर्म-निरपेक्षों के दोगलेपन को देख उन्हें दरकिनार करना चाहिए। अख़लाक़ आदि मुद्दों पर सियापा करने वाले सब गायब है,क्यों? उनसे पूछा जाए क्यों धर्म की बजाए मजहब देख चीखते-चिल्लाते हो? ना ही कोई award vapasi, not in my name, mob lynching आदि जितने भी गैंगस्टर हैं किसी की आवाज़ नहीं निकल रही, कहाँ है?
आफताब पूनावाला ने पहले कैसे श्रद्धा का गला घोंटकर हत्या की और फिर उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काटकर राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में फेंक दिया, यह भी 12 साल पुराने हत्या के मामले में किए गए खुलासे से काफी मिलता-जुलता है। अनुपमा गुलाटी की उनके पति राजेश गुलाटी ने 17 अक्टूबर, 2010 को हत्या कर दी थी। अनुपमा के 72 टुकड़े किए थे और एक-एक कर के टुकडो को फेंका था।
दोनों ही मामलों में हत्यारों ने न केवल शरीर को काटने के लिए आरी का इस्तेमाल किया बल्कि टुकड़ों और दुर्गंध को छिपाने के लिए फ्रिज या डीप फ्रीजर का भी इस्तेमाल किया। जिस तरह आफताब आधी रात के बाद छतरपुर के घने जंगलों में में शवों को ठिकाने लगाने जाता रहा, उसी तरह अनुपमा गुलाटी का पति राजेश गुलाटी राजपुर रोड स्थित मसूरी डायवर्जन पर नाले में डालने के लिए कई दिनों तक जाता रहा।
‘Secular’ Aftab Amin elopes with Shraddha Walkar, a Dalit Koli.
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) November 14, 2022
Aftab is a ‘feminist’ and LGBT+ ‘activist’.
So far, a woke wet dream. All boxes ticked.
Then Aftab kills, cuts her into 35 pieces, buys 300-l fridge to store it. Throws away the pieces over 18 days.
Love story ends. pic.twitter.com/8IZUMlof4K
— Kartikey Pathak Ayodhya (@Kartikeyayodhya) November 15, 2022
It is. Every time the caste is evoked, it is in the context of some so-called H atrocity.
— Abhijit Majumder (@abhijitmajumder) November 14, 2022
जानकारी के मुताबिक, राजेश गुलाटी अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते समय शरीर के टुकड़ों को साथ ले जाते थे और उन्हें मसूरी-देहरादून रोड के किनारे जंगलों में फेंक देते थे। श्रद्धा के मामले में आफताब ने जांचकर्ताओं को बताया कि वह शरीर के अंगों को छिपाने के लिए अमेरिकी क्राइम शो ‘डेक्सटर’ से प्रेरित था। अनुपमा के मामले में भी उनके पति राजेश भी एक विदेशी शो से प्रेरित थे।
दोनों ही मामलों में हत्यारे इतने शातिर थे कि महीनों तक अपने किसी पड़ोसी को इस जघन्य अपराध की भनक तक नहीं लगने दी। अनुपमा गुलाटी के पति ने उनके परिवार और दोस्तों को उनकी मेल आईडी से मैसेज भेजकर गुमराह किया। आफताब हफ्तों तक श्रद्धा वालकर के सोशल मीडिया स्टेटस को अपडेट करते रहे।
अनुपमा की हत्या 17 अक्टूबर, 2010 को हुई थी, लेकिन यह 12 दिसंबर, 2010 को सामने आया। यह तब सामने आया जब उसके भाई ने कई दिनों तक अपनी बहन से संपर्क नहीं हो पाने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। श्रद्धा वालकर के मामले में, एक दोस्त ने भाई को बताया कि उसका फोन नहीं लग रहा था, जिसके बाद उसके पिता ने पुलिस से संपर्क किया और गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। अनुपमा गुलाटी के पति सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
Shraddha’s case is wrenching.Dear little daughters&sisters,please listen to your parents,they alone know your welfare As a former Police Officer,I have come across cases where girls are trapped in toxic relationships.Just walk out. You are precious.Your Education is your weapon.
— Bhaskar Rao (@Nimmabhaskar22) November 16, 2022
Thousands of failed arranged caste endogamous marriages, thousands of domestic abuse cases strangely never motivate conservatives to introspect
— ಕ್ರುಶಿಕ ಎವಿ/Krushika AV (@KrishKrushik) November 16, 2022
She has ignored red-flags. If someone helped her to understand that in time she would have left him
What we need is educational reforms
करीब छह महीने पहले दिल्ली के महरौली इलाके में अपने लिव-इन पार्टनर द्वारा श्रद्धा वाकर की हत्या कर दी गई थी। बहस के दौरान आफताब ने श्रद्धा का गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए। मुंबई निवासी को आज अदालत में पेश किया जाएगा। आफताब पोनावाला के कॉलेज के दोस्त आशिक दोसानी के साथ हाल ही में टेलीफोन पर बातचीत में आफताब के निजी जीवन पर प्रकाश डाला गया है।
दोसानी के मुताबिक, उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि आफताब ने व्यवस्था के तहत किराए का फ्लैट लेने के लिए उनकी जानकारी का फायदा उठाया और कोविड लॉकडाउन के बाद से या श्रद्धा से मिलने के समय से ही उनसे संपर्क नहीं हो पाया।
दोसानी ने यह भी कहा कि आफताब द्वारा श्रद्धा की हत्या के बारे में जानकर वह स्तब्ध रह गए। आफताब और श्रद्धा 2019 में बंबल के जरिए मिले और प्यार हो गया। उसके पिता रिश्ते के खिलाफ थे और कई महीनों से उसके संपर्क में नहीं थे। हिमाचल प्रदेश में इस जोड़ी की मुलाकात बद्री नाम के शख्स से हुई।। पुलिस द्वारा युवक की तलाश की जा रही है।
क्या अनुपमा गुलाटी केसदिल्ली में बेटे अमन द्वारा पिता संदेश अग्रवाल की हत्या कर शव के 50 टुकड़े करने के मामले ने ठीक 8 साल पहले वर्ष 2010 में हुए देहरादून के बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड की याद दिला दी है। दिल्ली के मामले में जहां अमन ने पहले पिता संदेश अग्रवाल को मारा फिर पुलिस से बचने के लिए शव के 50 टुकड़े किए फिर उन्हें 4 बैग में भरकर ठिकाने लगाने जा रहा था, तभी पुलिस ने धर दबोचा। इससे मिलता-जुलता देहरादून का अनुपमा गुलाटी हत्याकांड भी है।
देहरादून के बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जिसमें पति राजेश गुलाटी ने पत्नी अनुपमा की हत्या के बाद उसके शरीर के 72 टुकड़े किए थे। दोनों ही मामलों में हत्या के बाद शव के टुकड़े करने का मकसद अपना अपराध छिपाना था।
मूलरूप से दिल्ली की रहने वाली अनुपमा की हत्या के तकरीबन 2 महीने बाद यानी 12 दिसंबर 2010 को देहरादून के कैंट क्षेत्र के प्रकाश नगर में यह वारदात सामने आई थी। इसमें मूलरूप से दिल्ली के ही रहने वाले सत्य निकेतन इलाके के निवासी राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की हत्या कर दी थी।
झगड़ा होने पर राजेश ने अनुपमा का मार डाला
राजेश के मुताबिक, 17 अक्टूबर 2010 को अनुपमा से झगड़ा होने के बाद उसने उसकी गला घोंट कर हत्या कर दी। इसके बाद स्टोन कटर और आरी से शव के 72 टुकड़े कर डाले। शव के टुकड़ों को उसने घर के अंदर डीप फ्रीजर में दो महीने तक छिपाए रखा। दिल दहला देने वाली इस वारदात को देहरादून (उत्तराखंड) के लोग डीप फ्रीजर कांड के नाम से भी जानते हैं।
कैसे हुआ मर्डर का खुलासा
दरअसल, देहरादून में राजेश के साथ पत्नी अनुपमा गुलाटी और दो बच्चे भी रहते थे, जबकि अनुपमा का मायका दिल्ली के नेताजी नगर में था। ससुराल में रहने के दौरान अनुपमा की अक्सर दिल्ली में अपने मां-बाप से बातचीत हो जाया करती थी। इस बीच 17 अक्टूबर, 2010 के बाद जब मायके पक्ष का इस दौरान अनुपमा से संपर्क नहीं हुआ, तो उन्हें अपनी बेटी की चिंता होने लगी।
यही वजह थी कि 11 दिसंबर, 2010 को अनुपमा का भाई सिद्धांत प्रधान बहन के प्रकाश नगर स्थित घर पहुंचा। वह हैरान इस बात को लेकर हुआ कि लेकिन राजेश ने उसे घर में ही नहीं घुसने दिया। इसके बाद अनुपमा के भाई ने पुलिस को मौके पर बुलाया। पुलिस ने जब घर की तलाशी ली, तो डीप फ्रीजर से अनुपमा गुलाटी की लाश के टुकड़े मिले।
चार महीने की जांच के बाद 10 मार्च 2011 को पुलिस ने हत्या के आरोपी राजेश गुलाटी के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी। लगातार कई सालों तक चले मुकदमे में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश गवाहों के बयानों और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त राजेश गुलाटी को पत्नी अनुपमा गुलाटी की हत्या का दोषी करार दिया। देहरादून के बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में सात साल बाद दोषी करार दिए गए राजेश गुलाटी को उम्रकैद की सजा सुनाई।



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