अविभाजित आंध्र प्रदेश को आईटी क्षेत्र में विकसित करने में तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की उपलब्धियों को कभी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता। लेकिन राज्य के जिस भाग को विकसित किया वही हिस्सा विभाजन होने पर तेलंगाना में चला गया और उस पर ऐश करने वाले केसीआर संवैधानिक पद पर बैठ अपने आपको किसी प्रधानमंत्री से कम नहीं आंकने के कारण हर सरकारी प्रोटोकॉल का उलंघन कर रहे, जो उनके लिए लिए काँटों की सेज़ बन रही है।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) की हर चाल उल्टी पड़ती जा रही है। राज्य की जनता केसीआर के कामकाज से परेशान है। विकास के पैमाने पर तेलंगाना अन्य राज्यों से पिछड़ती जा रही है। केसीआर की लोकप्रियता अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। ऐसे में खुद को बचाने के लिए वे रोज कोई ना कोई चाल चलते रहते हैं। लेकिन हर बार नाकामी हाथ लग रही है। राज्य की परेशानी से ध्यान हटाने के लिए विपक्षी नेताओं को एकजुट करने का नाटक करते हैं, लेकिन विकास की जगह रेवड़ी कल्चर को आगे बढ़ाने वाले केसीआर को कांग्रेस, एनसीपी, टीएमसी, जेडीयू, एसपी और आप हर जगह पीएम उम्मीदवार मौजूद होने से कोई कामयाबी नहीं मिल पा रही है। ऐसे में खुद को बचाने के लिए वे सीधा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने की नाकाम कोशिश करते हैं।
मोदी इन दिनों दक्षिणी राज्यों के दौरे पर हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु के बाद प्रधानमंत्री आज आंध्रपदेश पहुंचे। इसके बाद तेलंगाना में जनता को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने तेलंगाना सीएम केसीआर पर जमकर हमला किया। पीएम मोदी ने कहा कि तेलंगाना सरकार ने जनता पर अत्याचार किया।
पीएम मोदी ने कहा, "तेलंगाना सरकार ने जनता पर अत्याचार किया है। अंधेरा छटने की शुरूआत हो गई है। मैंने देखा कि कैसे बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने पूरी तेलंगाना राज्य सरकार को एक विधानसभा सीट पर लाकर खड़ा कर दिया। बड़े आकाओं को घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया। ये दिखाता है कि जनता का साथ आशीर्वाद साथ है और आपकी मेहनत रंग ला रही है।"
पीएम मोदी ने आगे कहा, "बीते कुछ समय से जो भी उपचुनाव हुए हैं सभी का एक ही संदेश है तेलंगाना में सूर्योदय दूर नहीं है। यहां हरतरफ कमल खिलेगा। भाजपा का तेलंगाना के साथ गहरा नाता रहा। यहां की जनता भाजपा को राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनाने का मन बना चुकी है। ये शहर तो सूचना और टेक्नोलॉजी का किला है।"
मोदी ने अंधविश्वास को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा, "इस आधुनिक शहर में अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि तेलंगाना की सरकार ने अंधविश्वास को राज्याश्रय दिया हुआ है। यहां अंधविश्वास के नाम पर क्या हो रहा है ये पूरे देश के लोगों को जानना चाहिए। किसे कहां जाना है? किस दफ्तर में जाना है? किसे मंत्री बनाना है? ये सब अंधविश्वास तय करता है। यहां के विकास के लिए और इसे पिछड़ेपन से निकालने के लिए हर तरह के अंधविश्वास को दूर करना होगा। यहां सुशासन और तेज विकास की अकांक्षा प्रबल है। भ्रष्टाचार और परिवारवाद लोकतंत्र का सहसे बड़ा दुश्मन है। आज आपने देखा होगा कि कुछ लोग कार्रवाई से बचने के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं। भ्रष्टाचारियों का गठजोर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और परिवारवाद गरीबों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। भाजपा सरकार इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार और जनता के बीच बिचौलियों की क्या जरूरत है?"
पीएम मोदी ने तेलंगाना के कार्यकर्ताओं से अपील करते हुए कहा, "कुछ लोग निराशा के कारण हताशा के कारण भय के कारण अँधविश्वास के कारण सुबह शाम मोदी को गालियां दे रहे होते हैं। मेरी आपसे प्रार्थना है कि ऐसी बातों से आप परेशान मत होना। उनके पास गालियों के सिवा देने के लिए बचा क्या है। मैं तो बीते 22 सालों से अलग-अलग तरह की गालियां खा चुका हूं।" इस दौरान मैदान में मोदी-मोदी के नारे गूंजने लगे।"
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने के बाद भी प्रधानमंत्री कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को हजारों करोड़ रुपये की सौगात देने के लिए इन राज्यों में थे। लेकिन केसीआर यह आरोप लगाने में बिजी थे कि प्रधानमंत्री चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में क्यों नहीं गए? जबकि केसीआर ने लगातार पांचवीं बार प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हुए तेलंगाना पहुंचे पीएम मोदी की अगवानी नहीं की। प्रधानमंत्री के दो दिवसीय दक्षिण भारत के दौरे के दौरान भाजपा विरोधी माने जाने वाले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने प्रोटोकॉल का पालन किया और पीएम मोदी की अगवानी की। वहीं दक्षिण भारत में तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर अकेले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने एक-दो नहीं पांच बार पीएम मोदी का अनादर करते हुए प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया।
PM Modi in Telangana: पीएम मोदी का सीएम केसीआर पर बड़ा हमला, कहा- 'तेलंगाना सरकार ने किया अत्याचार'https://t.co/EJNLkYGVc5
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केसीआर को तेलंगाना के विकास की परवाह नहीं
हैरानी की बात यह है कि एक तरफ तो प्रधानमंत्री तेलंगाना राज्य को हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात देने गए थे लेकिन तब भी केसीआर को राजनीति ही सूझ रही थी। इन परियोजनाओं से जहां राज्य की तरक्की सुनिश्चित होगी वहीं युवाओं के अनेक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि केसीआर को तेलंगाना की जनता की परवाह नहीं है। यही वजह है कि जनता भी अब केसीआर से मुंह मोड़ने लगी है। हाल के चुनाव परिणाम में बीजेपी को मिल रही सफलता इसी ओर संकेत करते हैं। तेलंगाना को हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी राज्य में थे, लेकिन प्रोटोकाल का उल्लंघन करते हुए वे खुद अगवानी के लिए नहीं आए। जो केसीआर प्रधानमंत्री पर चीफ जस्टिस के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद नहीं होने का आरोप लगा रहे थे वे खुद अगवानी के समय गैरहाजिर थे। ऐसा पहली बार नहीं हुआ केसीआर इसके पहले भी प्रोटोकाल का पालन करने में विफल रहे हैं। इतना ही नहीं केसीआर नीति आयोग जैसी संस्था की बैठक में भी भाग लेने से कतराते हैं। इसका सीधा असर राज्य के विकास पर पड़ रहा है। यही वजह है कि वहां की जनता अब उन्हें सत्ता से बेदखल करने का मन बना चुकी है।
मोदी ने अंधविश्वास को लेकर बड़ी बात कही
मोदी ने अंधविश्वास को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा, “इस आधुनिक शहर में अंधविश्वास को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसा लग रहा है कि तेलंगाना की सरकार ने अंधविश्वास को राज्याश्रय दिया हुआ है। यहां अंधविश्वास के नाम पर क्या हो रहा है ये पूरे देश के लोगों को जानना चाहिए। किसे कहां जाना है’ किस दफ्तर में जाना है’ किसे मंत्री बनाना है’ ये सब अंधविश्वास तय करता है। यहां के विकास के लिए और इसे पिछड़ेपन से निकालने के लिए हर तरह के अंधविश्वास को दूर करना होगा। यहां सुशासन और तेज विकास की अकांक्षा प्रबल है। भ्रष्टाचार और परिवारवाद लोकतंत्र का सहसे बड़ा दुश्मन है। आज आपने देखा होगा कि कुछ लोग कार्रवाई से बचने के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं। भ्रष्टाचारियों का गठजोर बनाने का प्रयास कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और परिवारवाद गरीबों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। भाजपा सरकार इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार और जनता के बीच बिचौलियों की क्या जरूरत है'”
Received Hon'ble Prime Minister Sri Narendra Modi Ji at Begumpet. pic.twitter.com/tbTf5USAde
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सचिवालय का ‘भूत’, वास्तु यज्ञ, न्यूमरोलॉजी का चक्कर
सीएम बनने के बाद केसीआर कभी सचिवालय नहीं गये। उन्हें किसी ने बताया कि सचिवालय का वास्तु ठीक नहीं है। इसके लिए उन्होंने 2016 में 50 करोड़ की लागत से घर पर ही एक कार्यालय बनवाया। वे कभी सचिवालय नहीं गए जबकि उनकी सरकार के अधिकारी वहीं से काम करते हैं। उन्होंने बेगमपेट में अपने कैंप ऑफिस की मरम्मत कराई और इसे 5 मंजिल ऊंचा और 6 ब्लॉक्स तक बढ़ा दिया। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि शासक को ऐसी जगह से काम करना चाहिए जो दूसरों की तुलना में ज्यादा ऊंचाई पर हो। पिछले 5 साल से केसीआर सचिवालय की बजाय अपने सरकारी आवास से काम कर रहे हैं।
न्यूमरोलॉजी के चक्कर में केसीआर ने विधानसभा भंग कर दिया
केसीआर 6 नंबर को अपने लिए बहुत लकी मानते हैं। वे जब भी कुछ नया या बड़ा करते हैं तो उसमें 6 अंक जरूर होता है। उनके काफिले की गाड़ियों के नंबर में 6 जरूर होता है। कोई भी काम बिना मुहूर्त देखे नहीं करते। मुहूर्त में भी इसका ध्यान रखा जाता है कि उसके जोड़ के अंक 6 जरूर हो। वे जब पहली बार सीएम बने तो उन्होंने दोपहर 12:57 मिनट पर शपथ ली, जिसके अंकों का जोड़ 6 होता है। एक बार वह महबूब नगर जिला गए तो वहां 51 बकरों की बलि चढ़ाई गई। लोगों का दावा है कि 51 बकरों की बलि इसीलिए चढ़ाई गई क्योंकि इसका जोड़ भी 6 होता है। चंद्रशेखर राव जो कमेटियां बनाते हैं, उनके सदस्यों की संख्या भी इस तरह रखते हैं जिसके अंकों का जोड़ 6 हो। शायद यही वजह है कि उन्होंने किसानों के लिए जो को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाई उसमें 15 सदस्य रखे। उनकी पार्टी की जिला समिति में 24 सदस्य हैं, राज्य स्तरीय समिति में 42 सदस्य हैं और इन सबका जोड़ 6 है। मुख्यमंत्री केसीआर ने सितंबर 2018 में विधानसभा भंग कर दी थी। 6 अंक को शुभ मानने वाले केसीआर ने इस अहम फैसले के लिए 6 सितंबर के दिन को चुना। बैठक भी ज्योतिष के आधार पर बुलाई थी। जिसके बाद उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की। केसीआर हैदराबाद की मशहूर हुसैन सागर झील कभी नहीं जाते, क्योंकि कहा जाता है कि हुसैन सागर झील जाने के बाद ही एनटी रामाराव से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री की गद्दी छिन गई थी।
अंधविश्वासी और विकास विरोधी राजनेता की बनती जा रही केसीआर की छवि
केसीआर की छवि अंधविश्वासी और विकास विरोधी राजनेता की बनती जा रही है। जबकि प्रधानमंत्री मोदी देश ही नहीं दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता बने हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है। प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के कारण आज देश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। प्रधानमंत्री बिना आराम किए दिन-रात देश के विकास के काम में लगे हुए हैं। पिछले दो दिन में ही चार राज्यों में हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने के बाद प्रधानमंत्री अब जी20 सम्मेलन में भाग लेने के लिए इंडोनेशिया के लिए रवाना होंगे।
केसीआर की ओछी राजनीति से जनता में गुस्सा
ऐसे में तेलंगाना के मुख्यमंत्री को फिर से चुनाव जीतना मुश्किल लग रहा है। हाल ही में राज्य में उपचुनाव में पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। बीजेपी ने यहां अपना परचम लहरा दिया है। हार के डर से केसीआर बौखला गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर केसीआर की पार्टी के नेताओं ने मोदी गो बैक के नारे लगाए। जगह-जगह मोदी विरोधी पोस्टर भी लगाए। इससे राज्य की जनता में भी मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के प्रति गुस्सा है। लोगों का साफ मानना है कि विकास परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास करने आ रहे प्रधानमंत्री मोदी का विरोध कर केसीआर गलत कर रहे हैं।
स्टालिन और जगनमोहन रेड्डी ने किया पीएम मोदी का स्वागत, केसीआर ने अपने मंत्री को भेजा
चार दक्षिणी राज्यों की अपनी दो दिवसीय यात्रा के हिस्से के रूप में जब प्रधानमंत्री हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर पहुंचे तो पीएम मोदी की अगवानी करने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) नहीं पहुंचे। उनकी जगह तेलंगाना सरकार में मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने प्रधानमंत्री की अगवानी की। हर बार जब पीएम मोदी तेलंगाना पहुंचे और मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया तो तलसानी ही प्रधानमंत्री की आगवानी करने पहुंचे। वहीं एक दिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि के साथ डिंडीगुल में पीएम मोदी की अगवानी की। यही नहीं आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने विजाग में पीएम मोदी का स्वागत किया।
दक्षिणी राज्य में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से ईर्ष्या कर रहे केसीआर
सिकंदराबाद से सांसद और केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी कहा, “केसीआर इसमें राजनीति क्यों लाए? यह तेलंगाना के लिए गर्व और प्रतिष्ठा की बात है कि प्रधानमंत्री राज्य को लाभान्वित करने वाली कई परियोजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं और राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं।” भाजपा नेताओं ने पीएम मोदी से तेलंगाना नहीं आने के लिए कहने वाले पोस्टर लगाने की निंदा की। भाजपा नेता रामचंदर राव ने कहा, “क्या नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं हैं? या तेलंगाना भारत का हिस्सा नहीं है? केसीआर एक बच्चे की तरह व्यवहार कर रहे हैं। वह और उनकी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति दक्षिणी राज्य में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से ईर्ष्या कर रहे हैं। रामचंदर राव ने कहा,” एमके स्टालिन और वाईएस जगन मोहन रेड्डी दोनों भाजपा के राजनीतिक विरोधी हैं. अगर वे प्रधानमंत्री का स्वागत कर सकते हैं तो केसीआर क्यों नहीं?”
रामागुंडम यूरिया प्लांट से तेलंगाना के लोगों के लिए रोजगार अवसर पैदा होंगेः पीएम मोदी
मोदी ने तेलंगाना में कहा, “तेलंगाना की जनता ने जिस पार्टी पर सबसे ज्यादा भरोसा दिखाया, उसी पार्टी ने उन्हें धोखा दिया। यहां के लोग सुशासन और तेजी से विकास चाहते हैं। वे ऐसी बीजेपी सरकार चाहते हैं जो हर परिवार के लिए काम करें न कि सिर्फ एक परिवार के लिए।” पीएम मोदी ने पेद्दापल्ली जिले में रामागुंडम फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (RFCL) का यूरिया प्लांट और रोड और सत्तुपल्ली के बीच नई रेलवे लाइन राष्ट्र को राष्ट्र को समर्पित किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया, ”आज 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण तेलंगाना के लिए हुआ है। ये परियोजनाएं यहां खेती और उद्योग दोनों को बल देने वाली हैं, जो कि लोगों के लिए रोजगार पैदा करेगी।”
Y'day, TRS criticised on Twitter that CM KCR hasn't been invited to PM's visit to the state on Nov 12 & protocol wasn't followed. Fact is, CEO of Ramagundam plant, which will be dedicated to nation during the visit, personally handed over invitation to CM's Principal Secy:Sources pic.twitter.com/sl2SqNsxNZ
— ANI (@ANI) November 9, 2022
संयंत्र के CEO ने खोली केसीआर की झूठ की पोल
इस बीच केसीआर ने इस मामले में झूठ फैलाने की भी नाकाम कोशिश की। तेलंगाना की सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने आरोप लगाया है कि उद्धाटन कार्यक्रम के लिए प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है क्योंकि प्रदेश के मुख्यमंत्री को इसमें शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण नहीं भेजा गया। हालांकि, अब उस संयंत्र के सर्वोच्च अधिकारी ने ही इस राजनीति की पोल खोल दी है। आरोप को खारिज करते हुए संयंत्र के CEO ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को निमंत्रण दिया था।
जमीन खिसकता देख मोदी विरोध पर उतरे केसीआर
केसीआर कुछ दिनों पहले तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक रहे हैं। राज्यसभा में जब भी विधेयकों को पास कराने की जरूरत पड़ती तो टीआरएस साथ देती रही। लेकिन इन दिनों केसीआर ने मोदी और भाजपा विरोध का झंडा उठा लिया है। इसका कारण यह है कि तेलंगाना में टीआरएस को भाजपा से जबरदस्त चुनौती मिल रही है। अब वहां टीआरएस का मुकाबला कांग्रेस के बजाय भाजपा से है। ऐसे में वे मोदी विरोधियों में सबसे आगे दिखना चाहते हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन जैसे मोदी विरोधी मुख्यमंत्रियों से मुलाकात और बात कर रहे हैं और मोदी सरकार के खिलाफ एक फ्रंट को एकजुट करने में जुटे हैं। वे कई मौकों पर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोल चुके हैं। केसीआर ही नहीं उनकी बेटी और एमएलसी कविता और बेटे केटी रामाराव भी मोदी सरकार पर तीखे बयान छोड़ते रहे हैं। पीएम उम्मीदवार बनने की अपनी महत्वाकांक्षा पाले केसीआर इन दिनों भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध का झंडा थाम रखा है। वे देश में मोदी विरोधियों का सबसे बड़ा चेहरा बनना चाहते हैं। उनकी राष्ट्रीय राजनीति की महत्वाकांक्षा हिलोरे मार रही हैं। वह लगातार मोदी विरोधी गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से मिल रहे हैं और गैर भाजपा-गैर कांग्रेस एक मोर्चा का हवाई किला बना रहे हैं।
केसीआर की सरकार में मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा
कांग्रेस, टीआरएस, टीएमसी, आरजेडी जैसी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियों में मुस्लिम तुष्टिकरण की होड़ मची है। मुस्लिमों का वोट हासिल करने के लिए ये पार्टियां किसी भी हद तक जाने को तैयार है। इसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव खुद को मुस्लिम तुष्टिकरण का चैंपियन साबित करने के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। ताकि राष्ट्रीय स्तर पर उनकी पार्टी के विस्तार को पंख लग सके। केसीआर की सरकार में मुस्लिमों को खुश करने के लिए जहां उन्हें पूरी छूट दी जा रही है और उनके निर्देशों को लागू किया जा रहा है, वहीं राजा सिंह जैसे हिन्दुओं और महिलाओं को दमन का शिकार होना पड़ा रहा है। हिन्दू विरोधी चंद्रशेखर राव हिन्दुओं को अपमानित करने का कोई मौका नहीं चूक रहे हैं। तेलंगाना में अक्टूबर 2022 में आयोजित Group-1 की परीक्षा के दौरान हिन्दू महिलाओं से भेदभाव करते देखा जा सकता है। परीक्षा केंद्र पर बुर्का और हिज़ाब की खुली छूट थी। सुरक्षाकर्मी बुर्का पहनी मुस्लिम महिलाओं की तलाशी भी नहीं ले रही थी। उन्हें सीधे परीक्षा हॉल में जाने की अनुमति दी जा रही थी। वहीं हिन्दू महिलाओं के साथ भेदभाव किया गया। हिन्दू लड़कियों और महिलाओं की चूड़ियां,पायल और कुंडल उतरवाया गया।
तुष्टिकरण का स्पष्ट उदाहरण ग्रुप -1 एग्जामिनेशन सेंटर तेलंगाना में जहां पर ईयरिंग, बैंगल,पायल तो निकाल दिए जा रहे है लेकिन बुर्का पहनने पे कोई रोक नहीं
— पवन गौतम (@babaganjpawan) October 18, 2022
बहुत ही शर्मनाक है ये कृत्य तेलंगाना सरकार का ।
केसीआर जी इतनी नीचे गिरकर कबतक वर्ग विशेष का तुष्टिकरण करेंगे pic.twitter.com/Uu9gyeDd01
KCR का देशप्रेम, होर्डिंग पर भारत का गलत नक्शा
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) ने अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) का नाम बदलकर अब भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) कर दिया है जिससे क्षेत्रीय पार्टी की जगह अपने को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में पेश कर सकें। केसीआर ने यह कदम इसलिए उठाया कि वर्ष 2024 में होने वाले आम चुनाव में विपक्ष के प्रधानमंत्री पद उम्मीदवार के रूप में खुद को पेश कर सकें। लेकिन वो कहते हैं न कि नीयत में खोट हो तो कुछ न कुछ गड़बड़ हो ही जाती है। अब भारतीय राष्ट्र समिति (बीआरएस) पार्टी के लांच के लिए उन्होंने जो पोस्टर जारी किया उसमें भारत का नक्शा ही गलत हो गया। पोस्टर में आधा कश्मीर गायब था। तुष्टिकरण के मामले में केसीआर को महारत हासिल है, हो सकता है यह भी किसी एजेंडे का हिस्सा हो।
KCR की BRS पार्टी ने भारत के नक़्शे को गलत दिखाया हैं! यह हमारे भारत के संविधान और अखंडता का अपमान हैं।
— Arvind Dharmapuri (@Arvindharmapuri) October 10, 2022
Acc. to Article 1 of The Constitution of India, territory of our country is defined and entire Jammu & Kashmir is part of India.
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