माघ मेले में हिंदू धर्मग्रंथों की गलत व्याख्या वाले किताबों को बेचने के आरोप में तीन गिफ्तार (फोटो क्रेडिट- prayagraj_pol)
प्रयागराज में हिंदू धर्म की धार्मिक पुस्तकों की गलत व्याख्या वाली किताबों को बेचने का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस संबंध में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो आरोपित समीर और मोनिश स्टॉल लगाकर माघ मेले में इन आपत्तिजनक और अप्रमाणित पुस्तकों को बेच रहे थे। मामले का मास्टरमाइंड महमूद हसन गाजी गाजियाबाद में पैगामें बहदानियत संस्था का अध्यक्ष है और मदरसे का शिक्षक है।
पुलिस आयुक्तालय प्रयागराज की तरफ से घटना के संबंध में ट्वीट किया गया, ”माघ मेले में हिंदू धर्म की आस्था को ठेस पहुँचाने के आशय से अपनी पहचान छिपाकर कूटरचित संदिग्ध इस्लामिक पुस्तकें बेचने वाले गिरोह के तीन सदस्य को थाना दारागंज व एसओजी की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। साथ ही भारी संख्या में अप्रमाणित पुस्तकें बरामद किए गए हैं।”
माघ मेला में हिन्दू धर्म की आस्था को ठेस पहुंचाने के आशय से अपनी पहचान छिपाकर कूटरचित संदिग्ध इस्लामिक पुस्तके बेचने वाले गिरोह के 03 सदस्यों की गिरफ्तारी व भारी संख्या में अप्रमाणित पुस्तकों की बरामदगी के सम्बन्ध में अपर पुलिस उपायुक्त अपराध द्वारा दी गयी बाइटः- https://t.co/eK6ieECTMJ pic.twitter.com/SLHAJqTiDs
— POLICE COMMISSIONERATE PRAYAGRAJ (@prayagraj_pol) January 17, 2023
वहीं अपर पुलिस उपायुक्त ने घटना के संबंध में ब्यान दिया है। उन्होंने कहा, ”माघ मेला क्षेत्र में हमने दो लड़कों को पकड़ा है। ये लोग वहाँ ठेला लगाकर मजहबी पुस्तकें बेच रहे थे। उसमें से कुछ पुस्तकें मुस्लिम धर्म से संबंधित थी और कुछ पुस्तकें हिंदू धर्म से संबंधित थीं, जिसमें उन्होंने किताब में हिंदू धर्म ग्रंथों के श्लोकों की गलत व्याख्या की हुई है। इससे हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएँ को ठेस पहुँच सकती हैं। दोनों लड़के के नाम मोनिश और समीर हैं। दोनों पहले हिंदू थे। मोनिश ने दो साल पहले हिंदू धर्म अपनाया था। समीर ने 12 साल पहले मुस्लिम धर्म अपनाया था।”
अब हिन्दुओं में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि गिरफ्तार ऐसे हिन्दू विरोधियों के परिवारों को सरकारी सुविधाओं से क्यों नहीं वंचित किया जाता? क्यों नहीं इनके बैंक खाते सील किए जाते? सिर्फ गिरफ्तार करने से ये गैंग सुधरने वाला नहीं। अभिव्यक्ति की आज़ादी का नंगा नाच क्या सनातन धर्म के विरुद्ध होगा? संभव है कि चुनावों में वोट मांगने आए उम्मीदवारों से जनता इन्हीं प्रश्नों का संतोषजनक जवाब मिलने पर ही उन्हें वोट दें। ऐसी धर्म-निरपेक्षता नहीं चाहिए जो एक तरफ़ा चलती हो। जिसे देखो हिन्दुओं पर प्रहार कर रहा है, किसी अन्य पर करने की किसी में हिम्मत नहीं। कब बनेगा सनातन धर्म पर प्रहार करने वालों के विरुद्ध कानून? हिन्दुओं को विभाजित करने एवं गंगा-जमुनी तहजीब गैंग भी अच्छी तरह जानता है कि यदि हिन्दू धर्म में एक गलती है, विपरीत इसके अन्यों में 1000 गलतियां है, उन पर बहस अथवा बोलने पर संविधान पर खतरा नज़र आने लगता है, क्यों? इस अति गंभीर समस्या पर समस्त हिन्दू स्वयंसेवी संस्थाएं क्यों चुप हैं? इस विषय पर हमें इजराइल से सीखने की जरुरत है।
उन्होंने आगे कहा, ”एक मदरसे के टीचर मोहम्मद गाजी को गिरफ्तार किया गया है। वह इन लड़कों को पुस्तक बेचने के लिए देता था और मुफ्त में लोगो को पुस्तकें मुहैया कराता था। ये लोग पुस्तक लेने वालों के फोटो खींच लेते थे और उनके कांटेक्ट नम्बर भी ले लेते थे। मकसद यह था कि जो लोग सॉफ्ट टारगेट हैं उन्हें अपने ग्रुप में शामिल किया जाए।”
अपर पुलिस उपायुक्त ने बताया कि ये लोग विशेषकर हिंदू धर्मस्थलों पर जाते थे। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में ये लोग हनुमान मंदिर के पास ठेला लगाते थे। इन लोगों ने बनारस में भी किताबें बेची हैं। वहाँ अस्सी घाट में ये लोग किताबें बेचा करते थे। जानकारी के मुताबिक मोहम्मद मोनिश स्टूडेंट्स इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन (SIO) का पूर्वी उत्तर प्रदेश का जोनल सेक्रेटरी है और समीर भी इसी गिरोह का सक्रिय सदस्य है। वहीं महमूद हसन गाजी फतेहपुर का रहने वाला है जो मौजूदा समय में करेली में रहता है।
कथिततौर पर इस्लामी साहित्य बेचने के लिए इन्हें अबूधाबी (UAE की राजधानी) से पैसा आता ता। पुलिस विदेशी फंडिंग की डिटेल निकाल रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इनके पास से 204 पुस्तकें, 2 मोबाइल और 4 आधार कार्ड बरामद हुए हैं। इनके पास मिली पुस्तकों में हिंदू धर्म के वेद, श्लोक आदियों का गलत अर्थ छपा है।
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