मेलबर्न में ऐतिहासिक शिव विष्णु मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों ने किया हमला (फोटो क्रेडिट-फर्स्ट पोस्ट)
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में खालिस्तानी समर्थकों ने एक और हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की। बदमाशों ने कैरम डाउन्स में ऐतिहासिक श्री शिव विष्णु मंदिर (Shri Shiva Vishnu Temple) पर हमला किया और तोड़फोड़ के दौरान मंदिर के पास की दीवारों पर हिंदू विरोधी और भारत विरोधी नारे लिखे।
खालिस्तानियों द्वारा हिन्दू मंदिरों पर हमला और मोदी विरोधी नारों को सिख समुदाय को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए। इस षड़यंत्र को समझना होगा। मोदी, हिन्दू और हिन्दुस्तान विरोध में खालिस्तानियों और मुस्लिम कट्टरपंथियों की भाषा में कोई अंतर नहीं। संभव हो, खालिस्तानियों को मोहरा बनाकर 1984 दोहराने का षड़यंत्र हो। और कट्टरपंथी अपने मकसद में कामयाब हो जाएं। सिख समाज को इस षड़यंत्र को गंभीरता से लेकर खालिस्तानियों से बात करनी चाहिए। खालिस्तानियों का जिस पार्टी से विवाद था, वह आज सत्ता से बाहर है और शायद वापस आने की कोई सम्भावना नहीं दिखती।
बदमाशों ने तोड़-फोड़ के दौरान ‘टारगेट मोदी (मोदी को निशाना)’, ‘मोदी हिटलर’ और ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारे मंदिर की दीवारों पर लिख दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला 16 जनवरी 2023 को हुआ। खालिस्तान समर्थकों ने इससे पहले मेलबर्न के उत्तरी उपनगर मिल पार्क (Melbourne’s northern suburb of Mill Park) में BAPS स्वामीनारायण मंदिर पर कथित तौर पर हमला किया था।
#BREAKING | Hindu Temple in Melbourne vandalised with anti-Hindu graffiti, second such attack in 5 days.
— Republic (@republic) January 17, 2023
Tune in - https://t.co/HbKDYgaNDs pic.twitter.com/aa1EqHJ2zS
— PRAVEEN KUMAR YADAV (@Praveeny702) January 17, 2023
घटना तब हुई, जब श्रद्धालु ‘दर्शन’ के लिए और तीन दिवसीय ‘थाई पोंगल’ त्योहार मनाने के लिए मंदिर पहुँचे थे। ‘थाई पोंगल’ त्यौहार हिंदू आबादी द्वारा मनाया जाता है। हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया चैप्टर के अध्यक्ष मकरंद भागवत ने इस घटना की निंदा की और कहा, “मैं आपको यह नहीं बता सकता कि खालिस्तान प्रोपेगेंडा के लिए एक दूसरे हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ से हम कितना परेशान हैं। हम निश्चित रूप से इस मामले को विक्टोरियन बहुसांस्कृतिक आयोग और विक्टोरिया के बहुसांस्कृतिक मंत्री के सामने उठाएँगे। हिंदुओं को मौत की धमकी एक बहुत ही गंभीर मामला है। यहाँ समुदाय इन खालिस्तान समर्थकों से डरता है।”
इस बीच, मेलबर्न हिंदू समुदाय के सदस्य सचिन महते ने कहा, ”अगर इन खालिस्तान समर्थकों में हिम्मत है तो उन्हें शांतिपूर्ण हिंदू समुदाय के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने के बजाय विक्टोरियन संसद भवन पर कुछ लिखना चाहिए।”
खालिस्तान समर्थकों द्वारा आयोजित एक रैली (इमेज सोर्स- ऑस्ट्रेलिया टुडे)इससे पहले 15 जनवरी 2023 शाम को मेलबर्न में खालिस्तानी समर्थकों ने एक वाहन रैली निकली थी और जनमत संग्रह के लिए समर्थन जुटाने के प्रयास किया था। हालाँकि, रिपोर्ट में बताया गया है कि मेलबर्न में लगभग 60,000 सिखों की आबादी में से 200 से कम व्यक्तियों ने ही इसमें भाग लिया।
विक्टोरिया की यहूदी समुदाय परिषद (Jewish Community Council of Victoria), गुरुद्वारा श्री गुरु नानक दरबार (Gurdwara Siri Guru Nanak Darbar), चर्चों की विक्टोरियन परिषद (Victorian Council of Churches) और विक्टोरिया की बौद्ध परिषद (Buddhist Council of Victoria) ने हिंदू मंदिरों पर हमले की निंदा की है। परिषदों के अनुसार, हिंदुओं के खिलाफ मौत की धमकी एक चिंता का विषय है। भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय अब खालिस्तान समर्थकों के आतंक में जी रहा है।
भारतीय बौद्ध परिषद द्वारा जारी बयान (स्रोत- ऑस्ट्रेलिया टुडे)जेसीसीवी द्वारा जारी एक बयान (स्रोत- ऑस्ट्रेलिया टुडे)
इससे पहले 12 जनवरी 2023 को ऑस्ट्रेलिया में एक हिंदू मंदिर BAPS स्वामीनारायण मंदिर में खालिस्तान समर्थकों ने कथित तौर पर तोड़-फोड़ की थी और उस पर भारत विरोधी नारे लिखे थे। रिपोर्टों के अनुसार, मेलबर्न के प्रतिष्ठित स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर ‘हिंदुस्तान मुर्दाबाद’ के नारों लिखे गए थे।




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