शाहजहाँपुर में हनुमान मंदिर सड़क से खेतों में शिफ्ट किया जा रहा है (फोटो साभार एएनआई/नेटवर्क 18)
उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर के तिलहर में एक हनुमान मंदिर को जैक लगाकर नेशनल हाईवे से पास के खेत में शिफ्ट किया जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल हाइवे को फोरलेन बनाया जा रहा है। यह मंदिर फोरलेन रोड के बीच में आ रहा था। पहले मंदिर को तोड़ने के असफल प्रयास हुए। उसमें व्यवधान आने पर इसे बिना तोड़े शिफ्ट करने का काम शुरू किया गया है।
स्मरण हो, जब यूपीए के कार्यकाल में राम विरोधियों द्वारा मुसलमानों को खुश करने के लिए अयोध्या में रामजन्मभूमि के विरुद्ध श्रीराम और रामसेतु को काल्पनिक बताकर दुष्प्रचार किया जा रहा था, तब रामसेतू को तोड़ने गयी अनेकों क्रेनें बर्बाद हो गयी थी, के बाद अब श्रीराम भक्त हनुमान मंदिर तोड़ने गया बुलडोज़र ख़राब होने का समाचार सुनने को मिला।
यह मंदिर तिलहर थाना इलाके में नेशनल हाईवे 24 पर कछियना खेड़ा नामक स्थान पर स्थित है। तिलहर की एसडीएम राशि कृष्णा ने जानकारी दी है कि 150 साल पुराने 16 फीट ऊँचे हनुमान मंदिर को सड़क से खेतों में ले जाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मंदिर को शिफ्ट करने के लिए 500 जैकों की मदद ली जा रही है। प्रदेश में पहली बार जैक की मदद से मंदिर शिफ्ट किया जा रहा है।
UP | 150-year-old Hanuman temple is being shifted from National Highway with the help of jack in Shahjahanpur
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 11, 2023
The work of shifting the temple is going on since 3 months. So far the 16 feet tall Hanuman temple has been successfully pushed back: Rashi Krishna, SDM, Tilhar (10.01) pic.twitter.com/DSd0U2h53Q
150 year old temple can be removed from National Highway which came very recently but 20-30 year old encroachment of railway lands couldn't be cleared.
— Lord Corlys Velaryon (@The_Sea_snake) January 11, 2023
नेशनल हाईवे को फोरलेन बनने के बाद यह मंदिर मार्ग के बीच आ गया। पहले तो इसे हटाने को लेकर स्थानीय लोगों और हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध किया। इसके बाद प्रशासन की तरफ से मंदिर को बिना तोड़े खेतों में शिफ्ट करने को लेकर सहमति बनी। इंजीनियरों ने मंदिर को जैक की मदद से शिफ्ट करने का काम शुरू किया जो लगभग पूरा हो चुका है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि मंदिर हटाने के प्रयास तीन सालों से किए जा रहे हैं। प्रशासन ने मंदिर तोड़ने के लिए बुलडोजर और दूसरी मशीनें भी मँगवाई थीं। रिपोर्ट्स के अनुसार मंदिर तोड़ने के प्रयास से पहले ही मशीनें खराब हो गईं। मशीनें खराब होने के बाद लोगों ने भी मंदिर तोड़े जाने का विरोध शुरू कर दिया। इसके बाद स्थानीय लोगों, पुजारियों और प्रशासन के बीच मंदिर को बिना नुकसान पहुँचाए पास के खेत में शिफ्ट करने पर सहमति बनी। प्रशासन ने यह जमीन एक स्थानीय व्यक्ति से प्राप्त की है।
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