मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हर जगह दिल्ली शिक्षा मॉडल की डफली बजाते फिरते हैं। उनके डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव और उन्नति के दावे करने का कोई मौका नहीं चूकते हैं। लेकिन उनके इस शिक्षा मॉडल की पोल खुलती जा रही है। केजरीवाल के ‘रेवड़ी कल्चर’ ने दिल्ली सरकार का खजाना खाली कर दिया है। इसकी वजह से कॉलेज अध्यापकों को वेतन देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है। दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के अध्यापकों को चार महीने से वेतन नहीं मिला है। उनके सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई। केजरीवाल सरकार की बेरुखी ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है। इससे परेशान होकर अध्यापक सड़क पर जूते पॉलिश कर अपना विरोध जता रहे हैं। इसमें बड़ी संख्या में छात्र भी अध्यापकों का साथ दे रहे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन कॉलेज में पिछले 4 माह से वेतन नहीं मिलने के विरोध में कॉलेज शिक्षकों ने जूता पॉलिस कर जताया विरोध।@UnivofDelhi @DU_Teacher #protest pic.twitter.com/Hgxu6CkGks
— Abhinaw Upadhyay (@abhiter) January 27, 2023
केजरीवाल के राज में अध्यापक जूता पॉलिस करने के लिए मजबूर
दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय के तहत आने वाले 12 कॉलेजों में से एक महाराजा अग्रसेन कॉलेज के अध्यापक आज सड़क पर है। कॉलेज के प्रोफेसरों ने कॉलेज के बाहर ही दिल्ली सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने और अपनी बदहाली पर ध्यान आकर्षित करने के लिए लोगों के जूते पॉलिश कर रहे हैं। दिल्ली सरकार द्वारा इस कॉलजे का शत-प्रतिशत वित्तपोषण किया जाता है। लेकिन सरकार का खजाना खाली होने से कॉलेज के शिक्षकों को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
स्कूल फीस,लोन की किश्तों का भुगतान और बीमारी का इलाज हुआ मुश्किल
प्रोफेसर पीके शर्मा के मुताबिक महाराजा अग्रसेन कॉलेज के अध्यापकों और कर्मचारियों को चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने की स्थिति में कर्मचारी और अध्यापक अपने बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, ये अपने लोन के भुगतान की किश्तें भी नहीं दे पाए हैं। अध्यापकों का आरोप है कि पिछले तीन सालों से इन कॉलेजों को मिलने वाले अनुदान में कमी की गई है और इनका समय पर भुगतान नहीं हो रहा है। बीमारी और कई के परिवार में किसी मृत्यु की स्थिति में उधार मांगकर क्रिया-कर्म निपटाने जैसे मामले भी सामने आए हैं।
स्थायी समाधान तक आर-पार की लड़ाई के मूड में अध्यापक
दिल्ली सरकार बेरुखी और आर्थिक तंगी से परेशान होकर अध्यापकों ने आंदोलन करने का फैसला लिया ताकि सरकार कुछ ठोस कदम उठाए। अब अध्यापक आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी बातों पर ध्यान नहीं देती है और स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक नए नए तरीकों से आंदोलन जारी रहेगा। अध्यापकों ने हर महीने वेतन का नियमित भुगतान संतोषजनक तरीके से करने की मांग की है।
जूता पॉलिश कर प्रोफेसरों ने दर्ज कराया विरोध..
— आदित्य RSBD (@AdityaRsbd) January 27, 2023
नियमित वेतन ना मिलने के कारण राज्य सरकार के ख़िलाफ़ रोष..#Delhi के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के अध्यापकों का प्रदर्शन..#delhiuniversity pic.twitter.com/v6g4DoHlkZ
कॉलेज के अध्यापकों के आरोप
- महाराजा अग्रसेन कॉलेज के अध्यापकों को चार महीने से वेतन नहीं मिल रहा है।
- तदर्थ शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग के एरियर भी अभी तक नहीं मिले हैं।
- पिछले तीन सालों से शिक्षकों को चिकित्सा बिलों का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
- एलटीसी सुविधा का भुगतान और बाल शिक्षा भत्ता भी नहीं मिल रहा है
"Our cars are being towed because we can't pay our bills on time" "will be forced to sweep the streets if this continues" says a professor at Maharaja Agrasen College, Delhi University. #MACPROTEST #PROFESSORSPROTEST #DELHIUNIVERSITY pic.twitter.com/xplHZTFRMT
— Roome Mishra (@RoomeMishra) January 27, 2023
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