राहुल गाँधी ने फिर किया हिन्दू धर्म का अपमान, ‘ये देश पुजारियों का नहीं है’: महाभारत पर भी बाँचा उलटा-पुलटा ज्ञान

                        'भारत जोड़ो यात्रा' में राहुल गाँधी ने किया हिन्दू धर्म का अपमान (फाइल फोटो)
राहुल गाँधी फ़िलहाल ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर हैं। इस दौरान उनके द्वारा कई ऐसी हरकतें की गई हैं, जिन्हें लोगों ने हिन्दू धर्म का अपमान बताया है। अब राहुल गाँधी ने पुरोहितों पर विवादित बयान दिया है। साथ ही महाभारत का भी उलटा-पुलटा उदाहरण दे डाला। इसके बाद उन पर न सिर्फ ब्राह्मणों के प्रति नफरत फैलाने, बल्कि हमारे प्राचीन धर्म ग्रंथों की गलत व्याख्या कर दुष्प्रचार करने के आरोप भी लग रहे हैं।

जबकि कांग्रेस पुजारी का अर्थ मंदिर पुजारियों की बजाए मोदी पुजारियों(अंधभक्ति) से है, बता रहे हैं। अब कांग्रेस के इसी अर्थ को समझ लिया जाए तो कांग्रेस में ही परिवार भक्ति इतनी अधिक है, जिस पर जितना लिखा जाए, उतना ही कम है। सन्दर्भ में फिल्म "वक़्त" का यह संवाद "चिनॉय सेठ, जिनके घर शीशे के होते हैं, दूसरों के घर पत्थर नहीं फेंकते" ठीक बैठता है। 

राहुल गाँधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “ये देश तपस्वियों का है, ये देश पुजारियों का नहीं है। वास्तविकता इस देश की यही है।” इस पर लोग राहुल गाँधी से पूछ रहे हैं कि उन्हें पुजारियों से इतनी घृणा क्यों हैं? साथ ही सवाल उठ रहा है कि हिन्दू धर्म का बार-बार अपमान कर के कांग्रेस नेताओं को आखिर क्या मिलता है? लोग कह रहे हैं कि अब राहुल गाँधी को पुजारियों से भी दिक्कत है। कुछ लोग पूछ रहे हैं कि पुजारियों ने आखिर उनका क्या बिगाड़ा है?

भारत में हजारों मंदिर हैं और लगभग सभी में कोई न कोई एक पुजारी होते हैं। बड़े मंदिरों में कई पुजारी होते हैं। उन्हें शास्त्र का ज्ञान होता है और वो पूजा-पाठ करते व कराते हैं। गाँवों के मंदिरों के पुजारी गरीब होते हैं, जिनके परिवार का पालन-पोषण उन्हें मिलने वाली दक्षिणा पर निर्भर करता है। कई राज्यों में मस्जिदों के इमामों को वेतन मिलता है, लेकिन पुजारियों को कोई नहीं पूछता। अगर पुजारी न रहें तो मंदिर की देखभाल और प्रबंधन से लेकर समय-समय पर पूजा-आरती कैसे होगी?

अब भगवद्गीता और महाभारत पर राहुल गाँधी का ज्ञान सुनिए, “जब अर्जुन मछली की आँख में तीर मार रहा था, तो क्या उसने कहा कि इसके बाद मैं क्या करूँगा? कहा था क्या? नहीं कहा था न? उस कहानी का मतलब गीता में भी है – काम करो, फल की चिंता मत करो।” बता दें कि ‘मत्स्य भेदन’ की प्रतियोगिता की द्रौपदी के स्वयंवर और शादी के लिए हुई थी। अर्जुन को पता था कि लक्ष्य पर निशाना लगाने के बाद क्या होने वाला है।

हाल ही में राहुल गाँधी पर राजनीति के लिए बच्चे के इस्तेमाल का आरोप लगा था। इस विवाद का कारण एक तो यह था कि भयंकर ठंड के बाद भी बच्चे ने कपड़ा नहीं पहना हुआ था। वहीं, दूसरा यह कि बच्चे ने उल्टा जनेऊ पहना हुआ था। ट्वीट करने के कुछ घंटे बाद ही, इसे डिलीट कर दिया गया। भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने लिखा था, “4 डिग्री तापमान में राजनीति के लिए एक बच्चे को कपड़े उतार के घुमाना एक बेशर्म ही कर सकता है।”

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