तमिलनाडु : बिहारियों को दी जा रही गाली, ‘वेश्या के बेटे’ से लेकर ‘महिलाओं के जननांग’ तक

तमिलनाडु में बिहारी लोगों के प्रति नस्लवाद का माहौल देखने को मिल रहा है। हाल के दिनों में कई बिहारी मजदूरों की हत्याएँ हुई हैं और अनेकों को प्रताड़ना का सामना करना पड़ा है। अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन घटनाओं पर चिंता जताते हुए एक टीम तमिलनाडु भेजने का निर्णय लिया है। इस बीच सामने आया है कि कैसे तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के लिए नस्लवादी टिप्पणियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

आश्चर्य समस्त सेक्युलरिस्ट गैंग की चुप्पी साधने पर हो रहा है। अगर यही अप्रिय घटना किसी भाजपा शासित राज्य में हो रही होती, यही गैंग कोहराम मचाकर आसमान सिर पर उठाकर सियापा कर रहे होते। आपातकाल में कांग्रेस ने विपक्ष की गैर-मौजूदगी में संविधान में Secular शब्द जोड़ दिया, लेकिन आज तक यह नहीं मालूम कि Secular शब्द का भावार्थ क्या होता है, वही तुष्टिकरण और नस्लभेद चल रहा है। इन छद्दम सेक्युलरिस्टों ने Secular शब्द का मजाक बना दिया है। 

मीडिया संस्थान ‘The Commune’ ने एक खबर में बताया है कि बिहार के प्रवासियों के लिए तमिलनाडु में ‘पानी-पूड़ी’ और ‘पान मसाला’ जैसे शब्दों का प्रयोग कर के नस्लवाद का परिचय दिया जा रहा है। बता दें कि जब तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की हत्याओं का मामला पूरे देश में गूँज रहा था, तब बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की 70वीं सालगिरह पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे।

तमिलनाडु में भाषा के प्रति कट्टरता कई बार देखी जा चुकी है। क्षेत्रवाद के नाम पर भी हिंसा तो घटनाएँ हुई हैं। ऐसे में हिंदी बोलने वाली बिहारियों के प्रति वहाँ के एक कट्टर धड़े में घृणा पहले से ही है। बता दें कि द्रविड़ राजनीति ने राज्य के एक बड़े हिस्से में कट्टरता को जन्म दिया, जिस कारण ब्राह्मण विरोधी घृणा भी फैली। एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक तमिल व्यक्ति को ट्रेन में एक बिहारी को गाली देते हुए देखा जा सकता है।

इसमें पहले वो पूछता है कि तुम हिंदी हो या तमिल? फिर पीछे से एक व्यक्ति कहता है कि हम सब हिंदी हैं। इसके बाद तमिल व्यक्ति कहता है, “मैं तुम सबको मार डालूँगा। तुमलोग यहाँ आते ही क्यों हो? मोदी के मुँह में अपना $%# घुसेड़ दूँगा। ” बीच-बीच में उसने तमिल में कुछ शब्दों का प्रयोग किया, जिसके अर्थ होंगे ‘वेश्या के बेटे, महिलाओं का जननांग’ इत्यादि। इसके बाद वो एक दूसरे व्यक्ति को थप्पड़ भी मारता है।

इसके बाद एक अन्य तमिल व्यक्ति कहता दिख रहा है कि ये लोग यहाँ काम करने आते हैं, लेकिन मारपीट करते हैं। जिस व्यक्ति ने कैमरा रखा होता है, वो कहता है कि ये सब मोदी का किया-धरा है। इस वीडियो में तमिलों को बिहारियों की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। ये सब एक ट्रेन के अनारक्षित बोगी की घटना है। रेलवे पुलिस ने इस संबंध में FIR दर्ज किए जाने की बात कही है। केलमबक्कम में एक बंगाली को भी चोर बता कर उस पर हमला कर दिया गया।

बिहार सरकार इन घटनाओं की जाँच के लिए 4 सदस्यीय टीम तमिलनाडु भेज रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कहना है कि घटना पर उनकी नजर है। उन्होंने ‘समाचार पत्रों’ के माध्यम से इन घटनाओं की जानकारी मिलने की बात बताते हुए कहा कि बिहार के वरिष्ठ अधिकारी तमिलनाडु में अपने समकक्षों से संपर्क में हैं। तिरुप्पुर की पुलिस का कहना है कि कई फेक वीडियोज भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं, ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उधर ‘साउथ इंडियन मिल एसोसिएशन (SIMA)’ ने बिहारियों से अपील की है कि वो दक्षिण भारत को छोड़ कर अपने घर नहीं लौटें। उनका कहना है कि अगर ये जारी रहा तो तमिलनाडु की पूरी की पूरी टेक्सटाइल इंडस्ट्री ध्वस्त हो जाएगी। इन घटनाओं पर ‘Confederation of Indian Textile Industry (CITI)’ ने भी चिंता जताई है। हालाँकि, तमिलनाडु का प्रशासन कह रहा है कि अधिकतर फेक चीजें ऑनलाइन शेयर हो रही हैं।

No comments: